आपके जीवन का प्रभु कौन है?
परिचय
ईसाइयो पर हमले के दौरान, पॉलीकार्प धर्माध्यक्ष (AD- 70-165) को 86 की उम्र में गिरफ्तार किया गया सिर्फ इसलिए क्योंकि वह ईसाई थे। अत्याचार और मृत्यु से बचने के लिए उन्हे सिर्फ यह घोषणा करनी थी कि, “केसर प्रभु है”
पोलीकार्प ने जवाब में कहा, “मैंने यीशु की सेवा 86 वर्षों तक की है और उन्होंने कभी भी मुझसे कुछ गलत नहीं किया। मैं अपने राजा की निंदा कैसे करूँ जिन्होंने मुझे बचाया है? पॉलीकार्प के लिए “यीशु प्रभु हैं” का मतलब यह था कि वह “केसर को प्रभु नहीं कह सकते थे। और यह सत्य है। यीशु के लिए स्थिर खड़े रहने वाले पॉलीकार्प ने अपने विश्वास से समझौता नहीं किया। 22 फरवरी AD 156 को उन्हें ज़िंदा जला दिया गया।
पुराने नियम में परमेश्वर को प्रभु कहा गया है, लेकिन आज हम नये नियम के लेखांश में एक असाधारण दावे की पृष्ठभूमि देखते हैं, “यीशु प्रभु हैं”।
भजन संहिता 144:1-8
दाऊद को समर्पित।
144यहोवा मेरी चट्टान है।
यहोवा को धन्य कहो!
यहोवा मुझको लड़ाई के लिये प्रशिक्षित करता है।
यहोवा मुझको युद्ध के लिये प्रशिक्षित करता है।
2 यहोवा मुझसे प्रेम रखता है और मेरी रक्षा करता है।
यहोवा पर्वत के ऊपर, मेरा ऊँचा सुरक्षा स्थान है।
यहोवा मुझको बचा लाता है।
यहोवा मेरी ढाल है।
मैं उसके भरोसे हूँ।
यहोवा मेरे लोगों का शासन करने में मेरा सहायक है।
3 हे यहोवा, तेरे लिये लोग क्यों महत्वपूर्ण बने हैं
तू हम पर क्यों ध्यान देता है?
4 मनुष्य का जीवन एक फूँक के समान होता है।
मनुष्य का जीवन ढलती हुई छाया सा होता है।
5 हे यहोवा, तू अम्बर को चीर कर नीचे उतर आ।
तू पर्वतो को छू ले कि उनसे धुँआ उठने लगे।
6 हे यहोवा, बिजलियाँ भेज दे और मेरे शत्रुओं को कही दूर भगा दे।
अपने बाणों को चला और उन्हें विवश कर कि वे कहीं भाग जायें।
7 हे यहोवा, अम्बर से नीचे उतर आ और मुझ को उबार ले।
इन, शत्रुओं के सागर में मुझे मत डूबने दे।
मुझको इन परायों से बचा ले।
8 ये शत्रु झूठे हैं। ये बात ऐसी बनाते हैं
जो सच नहीं होती है।
समीक्षा
यीशु- प्रभु हैं जो स्वर्ग से नीचे उतरे
आप अपने जीवन में कौन सी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं? प्रलोभन? दबाव? वित्तीय संघर्ष? स्वास्थय संघर्ष? काम या संबंध में संघर्ष?
यह भजन संहिता संघर्ष आरम्भ होने से पहले मदद की दलील है। हो सकता है कि मूल परिस्थिति एक शारीरिक संघर्ष था। लेकिन नये नियम की दृष्टि से हम इसे एक आत्मिक संघर्ष की तरह भी देख सकते हैं।
ऐसे क्षण भी आते हैं जब हम अपने आप को आत्मिक संघर्ष में हारता हुआ पाते हैं। उदाहरण के लिए, हमारे राष्ट्र को लेकर। पर कभी हार न मानें। दाऊद प्रभु की प्रशंसा करते हैं: “मेरी चटटान”, “मेरा गढ़”, मेरा छुटकारा”, मेरी ढाल” मैं आपकी शरण लेता हूँ”। (वव-1-2)
ईश्वर बलवंत हैं। वह “मुझसे प्रेम करने वाले परमेश्वर हैं” परमेश्वर हमें अपनी योजना में शामिल करते हैं। “वो मुझे लड़ने और युद्ध करने के लिए तैयार करते हैं” (व. 1) आप परमेश्वर के सहभागी हैं लेकिन परमेश्वर एक मुख्य सहभागी हैं और आपको अपनी ओर से अच्छा खेलना है।
दाऊद आगे कहता है, “हे परमेश्वर, अपने स्वर्ग से नीचे उतर कर आ! अपने हाथ ऊपर से बढाकर मुझे बचा” (वव-5अ और 7) और परमेश्वर ने ऐसा ही किया, जो हम कुछ ही दिनों में उत्सव मनाएंगे क्रिसमस के समय। हमारे प्रभु यीशु स्वर्ग से नीचे उतरे और हमे छुड़ाया और बचाया।
आज जो कोई युद्ध आप अपने जीवन में लड़ रहे हैं, यीशु के साथ समय बितायें, उनकी प्रशंसा करें, और उनको मदद के लिए पुकारे और भरोसा रखें कि वह आपको बचाएंगे।
प्रार्थना
प्रकाशित वाक्य 7:1-17
इस्राएल के 1,44,000 लोग
7इसके बाद धरती के चारों कोनों पर चार स्वर्गदूतों को मैंने खड़े देखा। धरती की चारों हवाओं को रोक के रखा था ताकि धरती पर, सागर पर अथवा वृक्षों पर उनमें से किसी पर भी हवा चल ना पाये। 2 फिर मैंने देखा कि एक और स्वर्गदूत है जो पूर्व दिशा से आ रहा है। उसने सजीव परमेश्वर की मुहर ली हुई थी। तथा वह उन चारों स्वर्गदूतों से जिन्हें धरती और आकाश को नष्ट कर देने का अधिकार दिया गया था, ऊँचे स्वर में पुकार कर कह रहा था, 3 “जब तक हम अपने परमेश्वर के सेवकों के माथे पर मुहर नहीं लगा देते, तब तक तुम धरती, सागर और वृक्षों को हानि मत पहुँचाओ।”
4 फिर जिन लोगों पर मुहर लगाई गई थी, मैंने उनकी संख्या सुनी। वे एक लाख चवालीस हज़ार थे। जिन पर मुहर लगाई गई थी, इस्राएल के सभी परिवार समूहों से थे:
5 यहूदा के परिवार समूह के 12,000
रूबेन के परिवार समूह के 12,000
गाद परिवार समूह के 12,000
6 आशेर परिवार समूह के 12,000
नप्ताली परिवार समूह के 12,000
मनश्शे परिवार समूह के 12,000
7 शमौन परिवार समूह के 12,000
लेवी परिवार समूह के 12,000
इस्साकार परिवार समूह के 12,000
8 जबूलून परिवार समूह के 12,000
यूसुफ़ परिवार समूह के 12,000
बिन्यामीन परिवार समूह के 12,000
विशाल भीड़
9 इसके बाद मैंने देखा कि मेरे सामने एक विशाल भीड़ खड़ी थी जिसकी गिनती कोई नहीं कर सकता था। इस भीड़ में हर जाति के हर वंश के, हर कुल के तथा हर भाषा के लोग थे। वे उस सिंहासन और उस मेमने के आगे खड़े थे। वे श्वेत वस्त्र पहने थे और उन्होंने अपने हाथों में खजूर की टहनियाँ ली हुई थीं। 10 वे पुकार रहे थे, “सिंहासन पर विराजमान हमारे परमेश्वर की जय हो और मेमने की जय हो।”
11 सभी स्वर्गदूत सिंहासन प्राचीनों और उन चारों प्राणियों को घेरे खड़े थे। सिंहासन के सामने दण्डवत प्रणाम करके इन स्वर्गदूतों ने परमेश्वर की उपासना की। 12 उन्होंने कहा, “आमीन! हमारे परमेश्वर की स्तुति, महिमा, विवेक, धन्यवाद, समादर, शक्ति और बल सदा-सर्वदा होते रहें। आमीन!”
13 तभी उन प्राचीनों में से किसी ने मुझसे प्रश्न किया, “ये श्वेत वस्त्रधारी लोग कौन हैं तथा ये कहाँ से आए हैं?”
14 मैंने उसे उत्तर दिया, “मेरे प्रभु तू तो जानता ही है।”
इस पर उसने मुझसे कहा, “ये वे लोग हैं जो कठोर यातनाओं के बीच से होकर आ रहे हैं उन्होंने अपने वस्त्रों को मेमने के लहू से धोकर स्वच्छ एवं उजला किया है। 15 इसलिए अब ये परमेश्वर के सिंहासन के सामने खड़े तथा उसके मन्दिर में दिन रात उसकी उपासना करते हैं। वह जो सिंहासन पर विराजमान है उनमें निवास करते हुए उनकी रक्षा करेगा। 16 न कभी उन्हें भूख सताएगी और न ही वे फिर कभी प्यासे रहेंगे। सूरज उनका कुछ नहीं बिगाड़ेगा और न ही चिलचिलाती धूप कभी उन्हें तपाएगी। 17 क्योंकि वह मेमना जो सिंहासन के बीच में है उनकी देखभाल करेगा। वह उन्हें जीवन देने वाले जल स्रोतों के पास ले जाएगा और परमेश्वर उनकी आँखों के हर आँसू को पोंछ देगा।”
समीक्षा
यीशु - आराधना के केंद्र में प्रभु हैं
हर एक ओलिंपिक खेल का मुख्य आकर्षण उसका उद्घाटन समारोह होता है, जिसमे 225 राष्ट्र एक साथ इस उत्सव का आनंद मनाते हैं। पर यह सब इस लेखांश के आगे फीका पड़ जाता है, जहाँ हम एक बड़ी भीड़ को देखते हैं, जहां हर एक जाति, कुल, राष्ट्र और भाषा एक साथ परमेश्वर के सिंहासन के समक्ष आते हैं।
वो 6 मुहरे जिन्हें हमने कल देखा उनसे हमें एक इतिहास की सामान्य दृष्टी मिलती है, यीशु के पहले और दूसरे आगमन के बीच का। कल हम सातवीं मुहर के टूटने के बारे में पढेंगे।
प्रकाशितवाक्य के सातवें अध्याय के दौरान परमेश्वर के लोगो को एक महत्वपूर्ण आश्वासन दिया गया है “जब तक हम अपने परमेश्वर के दासों के माथे पर मोहर न लगा दें, तब तक पृथ्वी और समुद्र और पेड़ो को हानि न पहुँचाना।“ (व. 3)। आपके आसपास जो कुछ हो रहा हो, आपकी अनंत सुरक्षा आपके साथ है, क्योंकि आप पर “जीवते परमेश्वर की मुहर” लगाई गई है (व. 2)।
मुमकिन है कि, पद 1-8 में 144,000 से संबंधित और बेशुमार लोग जो पद 9-17 से संबंधित हैं, वे दो अलग-अलग समूह के नहीं हों। पर यह तस्वीरें एक ही समूह के अलग अलग दृष्टिकोण से हैं। पहले में परमेश्वर के लोग पृथ्वी में इकठ्ठा होते है, और दूसरे में परमेश्वर के सामने स्वर्ग में खड़े होते हैं, अपने सारे संघर्ष और लड़ाइयों को पीछे छोड़ते हुए।
परमेश्वर के लोगो का वर्णन 14 पद में ऐसे किया गया है, कि यह वे लोग हैं जिन्होंने अपने वस्त्र “यीशु के लहू में” धोए हैं और सफेद कर लिए हैं। यह उदाहरण प्रकाशितवाक्य की पुस्तक में, गैर शाब्दिक, बहुमुहावृत भाषा में है। और ख़ास तौर से इस अध्याय में। हमारे वस्त्र लहू में धोने से सफ़ेद नहीं होंगे। परंतु यीशु का लहू हमें धोकर शुद्ध करता है।
अंक 144,000 वास्तव में शाब्दिक नहीं, बल्कि यह परमेश्वर के सारे लोगों और पूरे इतिहास के लिए सांकेतिक है। यूहन्ना इन्हें ऐसे देखता है “जैसे एक बड़ी भीड़, हर एक जाति, कुल, और लोग और भाषा जिसे कोई गिन नहीं सकता था।“
इस भरी भीड़ ने “सफ़ेद वस्त्र पहने थे और हाथों में खजूर की डालियाँ पकड़ी हुई थीं” (व. 9) और वे परमेश्वर के लिए आराधना के गीत गा रहे थे। (व. 10). स्वर्गदूत भी उस भीड़ के साथ जुड़ कर परमेश्वर की आराधना करते हैं। वव 11-12)। और अंत में सारी कलीसिया स्वर्गदूतों के संग एक साथ यीशु की आराधना करती है। सांसारिक भजन मंडलियां और बाजे स्वर्गीय संगीत कार्यक्रम के लिए अभ्यास कर रहे हैं।
“वह मेमना जो सिंहासन के बीचों बीच है उनका चरवाहा होगा।“ (व- 17अ)। यह असाधारण भूमिकाओं के विपरीत है। एक मेमना चरवाहा बन गया। आप फिर कभी भी भूखे और प्यासे नहीं रहेंगे। आप “जीवन के जल के सोते” से हमेशा तृप्त रहेंगे और परमेश्वर आपकी आँखों से हर एक आंसू पोंछ डालेंगे। (व- 17ब)। फिर कभी कोई दर्द या मुसीबत या शोक या कोई भी दुःखद घटना नहीं होंगी।
प्रार्थना
मलाकी 2:17-4:6
न्याय का विशेष समय
17 तुमने गलत शिक्षा दी है। और उन गलत शिक्षाओं ने यहोवा को बहुत अधिक दु:खी किया है। तुमने यह शिक्षा दी कि परमेश्वर उन्हें पसन्द करता है जो बुरे काम करते हैं। तुमने कहा कि परमेश्वर उन्हें अच्छे लोग समझता है और तुमने यह शिक्षा दी कि परमेश्वर लोगों को बुरा काम करने के लिये दण्ड नहीं देता।
3सर्वशक्तिमान यहोवा कहता है, “देखो मैं अपना दूत भेज रहा हूँ। वह मेरे लिए मार्ग तैयार करेगा। यहोवा जिसकी खोज में तुम हो, वह अचानक अपने मंदिर में आयेगा। वाचा का संदेशवाहक सचमुच आ रहा है।”
2 “कोई व्यक्ति उस समय के लिये तैयारी नहीं कर सकता। कोई व्यक्ति उसके विरूद्ध खड़ा नहीं हो सकता, जब वह आयेगा। वह जलती आग के समान होगा। वह उस अच्छी रेह की तरह होगा जिसे लोग चीज़ों को स्वच्छ करने के लिये उपयोग में लाते हैं। 3 वह लेवीवंशियों को पवित्र करेगा। वह उन्हें ऐसे ही शुद्ध करेगा जैसे आग चांदी को शुद्ध करती है! वह उन्हें शुद्ध सोना और चाँदी के समान बनाएगा।तब वे यहोवा को भेंट लाएंगे और वे उन कामों को ठीक ढंग से करेंगे। 4 तब यहोवा यहूदा और यरूशलेम में भेंटे स्वीकार करेगा। यह बीते काल के समान होगा।यह पुराने लम्बे समय की तरह होगा। 5 तब मैं तुम्हारे पास आऊँगा और तब मैं ठीक काम करूगा। मैं उस गवाह की तरह होऊँगा जो लोगों द्वारा किये गये बुरे कामों के बारे में न्यायाधीश से कहता है। कुछ लोग बुरे जादू करते हैं। कुछ लोग बुरे जादू करते हैं। कुछ लोग व्यभिचार का पाप करते हैं। कुछ लोग झूठी प्रतिज्ञायें करते हैं। कुछ लोग अपने मजदूरों को ठगते हैं—वे अपनी वाचा की गई रकम नहीं देते। लोग विधवाओं और अनाथों की सहायता नहीं करते। लोग अजनबियों की सहायता नहीं करते। लोग मेरा सम्मान नहीं करते!” सर्वशक्तिमान यहोवा ने यह सब कहा।
परमेश्वर के यहाँ से चोरी
6 “मैं यहोवा हूँ, और मैं बदलता नहीं। तुम याकूब की सन्तान हो, और तुम पूरी तरह नष्ट नहीं किये गए। 7 किन्तु तुमने मेरे नियमों का कभी पालन नहीं किया। यहाँ तक कि तुम्हारे पूर्वजों ने भी मेरा अनुसरण करना बन्द कर दिया। मेरे पास वापस लौटो और मैं तम्हारे पास वापस लौटूँगा।” सर्वशक्तिमान यहोवा ने यह सब कहा।
“तुम कहते हो, ‘हम वापस कैसे लौट सकते हैं?’
8 “परमेश्वर को लूटना बन्द करो! लोगों को परमेश्वर की चीज़ें नहीं चुरानी चाहियें किन्तु तुमने मेरी चीज़ेंचुराई!
“तुम कहते हो, ‘हमने तेरा क्या चुराया?’
“तुम्हें मुझको अपनी चीज़ों का दसवां भाग देना चाहिये था। तम्हें मुझे विशेष भेंट देनी चाहिये थी। किन्तु तुमने वे चीज़ें मुझे नहीं दीं। 9 इस प्रकार तुम्हारे पूरे राष्ट्र ने मेरी चींज़ें चुराई हैं। इस से बुरी घटनायें तुम्हारे साथ घट रही हैं।” सर्वशक्तिमान यहोवा यह सब कहता है।
10 सर्वशक्तिमान यहोवा यह सब कहता है, “इस परीक्षा की जांच करो। अपनी चीजों का दसवा भाग मुझको लाओ। उन चीज़ों को खजाने में रखो।मेरे घर भोजन लाओ। मुझे परख कर तो देखो।तुम यदि उन कामों को करोगे तो मैं, सच ही, तुम्हें आशीर्वाद दूँगा। तुम्हारे पास अच्छी चीज़ें वैसे ही हो जाएंगी जैसे गगन से वर्षा होती हैं। तुम हर चीज़ आवश्यकता से अधिक पाओगे। 11 मैं कीड़ों को तुम्हारी फसलों को नष्ट नहीं होने दूँगा। तुम्हारी अंगूर की सभी बेलें अंगूर उपजाएंगी।” सर्वशक्तिमान यहोवा यह सब कहता है।
12 “अन्य राष्ट्रों के लोग तुम्हारे प्रति भले रहेंगे। तम्हारा देश सचमुच आश्चर्यजनक देश होगा।” सर्वशक्तिमान यहोवा यह सब कहता है।
न्याय का विशेष समय
13 यहोवा कहता है, “तुमने मुझसे ओछी बातें कहीं।”
किन्तु तुम पछते हो, “हमने तेरे बारे में क्या कहा?”
14 तुमने कहा, “यहोवा की उपासना व्यर्थ है। हमने वे काम किये जो यहोवा ने करने को कहे, किन्तु हम लोगों को कुछ भी नहीं मिला। हम अपने पापों के लिये वैसे ही दुखी रहे जैसे मैयत में रोते लोग। किन्तु इससे कुछ काम नहीं निकला। 15 हम समझते रहे कि गर्वीलें लोग सुखी रहते हैं। दुष्ट लोग सफल होते हैं। वे परमेश्वर के धैर्य की परीक्षा करने के लिये बुरे काम करते हैं, और परमेश्वर उन्हें दण्ड नहीं देता।”
16 परमेश्वर के भक्तों ने आपस में बातें कीं और यहोवा ने उनकी सुनी। उसके सामने एक पुस्तक हैं। उस पुस्तक में परमेश्वर के भक्तों के नाम हैं। वे ही लोग है जो यहोवा के नाम का सम्मान करते हैं।
17 यहोवा ने कहा, “वे लोग मेरे हैं। मैं उन पर कृपालु रहूंगा। व्यक्ति अपने उन बच्चों पर अधिक कृपालु रहता है जो उसके आज्ञाकारी होते हैं। उसी प्रकार मै अपने भक्तों पर कृपालु रहूंगा। 18 लोगों, तुम मेरे पास वापस लौटोगे और तुम अच्छे और बुरे का अन्तर समझोगे। तुम परमेश्वर के भक्त और जो भक्त नहीं हैं उसके बीच के अन्तर को समझोगे।
4“न्याय का समय आ रहा है। यह गर्म भट्टी —सा होगा। वे सभी गर्वीलें व्यक्ति दण्डित होंगे। वे सभी पापी लोग सूखी घास की तरह जलेंगे। उस समय वे आग में ऐसी जलती झाड़ी—से होंगे जिसकी कोई शाखा याजड़ बची नहीं रहेगी।” सर्वशक्तिमान यहोवा ने यह सब कहा।
2 “किन्तु, मेरे भक्तों, तुम पर अच्छाई उगते सूरज के समान चमकेगी और यह सूरज की किरणों की तरह स्वास्थ्यवर्धक शक्ति देगी। तुम ऐसे ही स्वतन्त्र और प्रसन्न होओगे जैसे अपने बाड़े से स्वतन्त्र हुए बछड़े। 3 तब तुम उन बुरे लोगों को कुचलोगे, वे तुम्हारे पैरों के नींचे की राख —से होंगे। मैं न्याय के समय इन घटनाओं को घटित कराऊँगा।” सर्वशक्तिमान यहोवा ने यह सब कहा!
4 “मूसा की व्यवस्था को याद करो और पालन करो। मूसा मेरा सेवक था। मैंने होरेब (सिनाइ) पर्वत पर उन विधियों और नियमों को उसे दिया। वे नियम इस्राएल के सभी लोगों के लिये हैं।
5 यहोवा ने कहा, “देखो, मैं नबी एलिय्याह को तुम्हारे पास भेजूँगा। वह यहोवा के यहाँ से उस महान और भयंकर न्याय के समय से पहले आएगा। 6 एलिय्याह माता—पिता को अपने बच्चों के समीप होने में सहायता करेगा। यह अवश्य घटित होगा, या मैं (परमेश्वर) आऊँगा और तुम्हारे देश को पूरी तरह नष्ट कर दूँगा!”
समीक्षा
यीशु - ऐसे प्रभु जो शुद्ध और आशीषित करते हैं
मलाकी की पुस्तक के अंत में हमें यह आशा मिलती है कि कोई आएगा और प्रभु का रास्ता तैयार करेगा: “देखो प्रभु के उस बड़े और भयानक दिन के आने से पहले, मैं तुम्हारे पास एलिया नबी को भेजूँगा। और वह माता पिता के मन को उनके पुत्रों की ओर, और पुत्रों के मन को उनके माता पिता की ओर फेरेगा; ऐसा न हो कि मैं आकर पृथ्वी को सत्यानाश करूँ (व. 4-5)।
इसी तरह से यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले का वर्णन किया गया है. (लूका 1:17) यीशु ने कहा कि वो एलिय्याह है जिसको आना है (मत्ती 11:14)। “परंतु मैं तुमसे कहता हूँ, कि एलिय्याह आ चुका है; और उन्होंने उसे नहीं पहचाना; परंतु जैसा चाहा वैसे ही उसके साथ किया: इसी रीति से मनुष्य का पुत्र भी उनके हाथ से दुःख उठाएगा। तब चेलों ने समझा कि उसने हम से यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले के विषय में कहा है”।
ईसाइयों की बाइबल में पुराने नियम की आखिरी पुस्तक मलाकी है। और सबसे अंत में हमें यह उम्मीद दी जाती है कि हमारे प्रभु के आगमन का मार्ग तैयार करेगा।
प्रभु के दिन की तैयारी के लिए लोगों को बुलाया गया है, जो कि एक सोनार की आग है” (मलाकी 3-2) परमेश्वर आपके व्यवहार, इच्छा, सोच और बातचीत को बदलना चाहते हैं, ताकि हम स्वार्थपरता और आत्म केंद्रता से छुटकारा पायें। जैसेकि जॉयस मेयर्स लिखती हैं, “यकीन कीजिये स्वार्थपरता से छुटकारा पाने में कुछ आग (कठिन परिस्थिती) लगती है और कभी तो बहुत ज़्यादा- पर अंत में ऐसा करना उचित है।
प्रभु की बुलाहट सुनिये (व. 7) विशेष तौर से अपने आप को देने में कुशल करें (वव-7-12)। धन के प्रति आपका रवैया एक मापदंड है आपके पूरे जीवन के दृष्टिकोण का।
दशमांश एक तरह से गिरजा संबंधी आयकर था जो मंदिर के रख रखाव और उसके कर्मचारियों के लिए था और उसके अलावा लोग दूसरे तरीकों से भी देते थे जैसे - अथिती सत्कार के द्वारा, गरीबों को इनाम, और ‘स्वेछा भेंट। यह भविष्यवक्ता, लोगो पर परमेश्वर को लूटने का आरोप लगाता है क्योंकि वे लोग देने में सही नहीं है। वह उनसे विनती करता है कि सारे दशमांश भंडार में ले आओ कि मेरे भवन में भोजन वस्तु रहे: और सेनाओं के यहोवा यह कहते हैं कि ऐसा करके मुझे परखो कि मैं आकाश के झरोखे तुम्हारे लिए खोलकर तुम्हारे ऊपर अपरंपार आशीष की वर्षा करता हूँ कि नहीं (व. 10)।
यह दर्शाता है कि परमेश्वर की नजर में आपका देना कितना महत्वपूर्ण है। अपनी कलीसिया में देने को प्राथमिकता दें - जो हमारे लिए एक मंदिर के समान है। अगर आप उदारता से नहीं देते तो आप परमेश्वर को “लूटते” हैं। एक कलीसिया की तरह जब हम सब उदारता से देंगे तब हम आशा रख सकते हैं कि परमेश्वर “आकाश के झरोखे खोल देंगे और तुम पर अपरंपार आशीष की वर्षा करेंगे कि हमारे पास जगह ही न बचेगी आशीषों के लिए (व. 10)।
और ऐसा लगता है कि उन्होंने प्राथमिकताओं को हल किया: (व. 16) “तब परमेश्वर का भय मानने वालों ने आपस में बातें कीं, और परमेश्वर का ध्यान रख कर उनकी सुनते थे और जो परमेश्वर का भय मानते और उनके नाम का सम्मान करते थे, उनके स्मरण के निमित्त उसके सामने एक पुस्तक लिखी जाती थी। मुझे यह वचन बहुत पसंद है जब कभी हम एक दूसरे से मिलते हैं तब हम शायद प्रार्थना भी नहीं कर पाते, पर फिर (परमेश्वर ने सुना) क्योंकि “उनमें परमेश्वर का भय था और वे उनके नाम को आदर देते थे (व. 16)।
परमेश्वर प्रतिज्ञा करते हैं कि “परंतु तुम्हारे लिए जो मेरे नाम का भय मानते हैं, धर्म का सूर्योदय होगा, और उनकी किरणों के द्वारा तुम चंगे हों जाओगे: और तुम निकल कर पाले हुए बछड़ों की नाई कूदोगे और फांदोगे (4-2) आपके जीवन में जो भी घाव, दुःख, और टूटापन है, परमेश्वर की प्रतिज्ञा है कि वह आपके जीवन में चंगाई, पुनः स्थापन और भरपूरी लाएंगे।
प्रार्थना
पिप्पा भी कहते है
प्रकाशितवाक्य 7:17बी
और परमेश्वर उनकी आँखों से सब आंसू पोंछ डालेगा!
शुक्र है परमेश्वर अंत में सब कुछ अच्छा बना देते हैं।
दिन का वचन
प्रकाशितवाक्य – 7:17
"क्योंकि मेम्ना जो सिंहासन के बीच में है, उन की रखवाली करेगा; और उन्हें जीवन रूपी जल के सोतों के पास ले जाया करेगा, और परमेश्वर उन की आंखों से सब आंसू पोंछ डालेगा॥”
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संदर्भ
Joyce Meyer, The Everyday Life Bible (Faithwords, 2018), p.1471.
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Scripture marked (MSG) taken from The Message. Copyright © 1993, 1994, 1995, 1996, 2000, 2001, 2002. Used by permission of NavPress Publishing Group.