दिन 89

सौ गुना प्रतिफल

बुद्धि भजन संहिता 38:13-22
नए करार लूका 8:1-18
जूना करार गिनती 27:12-29:11

परिचय

मैनचेस्टर में वह पले –बढ़े। उनके पिता एक शराबी थे। पंद्रह वर्ष की आयु में उन्होंने स्कूल छोड़ दिया। वह घर छोड़कर भाग गए। वह सड़कों पर रहने लगे। वह एक गैंग में शामिल हो गए। उन्होंने अपराध किया और उन्हें बंदीगृह में जाना पड़ा। जब वह वहाँ से बाहर निकले तब सेना में भर्ती हो गए। उनके दो तलाक हुए थे।

1994 में एच.टी.बी. से अल्फा किया। उन्होंने अपना जीवन मसीह को दिया और पवित्र आत्मा से भर गए। उन्होंने कैदियों से मिलना शुरु किया। वह एच.टी.बी. स्टाफ में शामिल हो गए ताकि बंदीगृह में होने वाले कार्य की देख-रेख कर सके। उन्होंने एक मोहिम शुरु की जिसमें व्यसनियों की सहायता की जाएं और उदासी और कर्ज से संघर्ष कर रहे लोगों की सहायता की जाएं।

लीडरशिप के अंतर्गत, कैदियो के लिए अल्फा यू.के के बंदीगृहो में और विश्व भर में छिहत्तर देशों में फैल चुका है। हजारों ने यीशु मसीह में विश्वास किया है। पूर्व - अपराधियों की देखभाल की सेवकाई के द्वारा सैकड़ो पुरुष और महिलाएँ चर्च में लाए गए हैं।

कॉले एक ऐसा उदाहरण हैं जो एक अच्छी भूमि थे जिस पर बीज गिरा। उनका हृदय शुद्ध और अच्छा है। उन्होंने वचन को सुना, इसे पकड़े रखा और बनाए रखने के द्वारा इसने सौ गुना फल उत्पन्न किया (लूका 8:8,15)। अपने उद्धारकर्ता, बोने वाले और चरवाहे के रूप में वह यीशु से मिले।

बुद्धि

भजन संहिता 38:13-22

13 किन्तु मैं बहरा बना कुछ नहीं सुनता हूँ।
 मैं गूँगा हो गया, जो कुछ नहीं बोल सकता।
14 मैं उस व्यक्ति सा बना हूँ, जो कुछ नहीं सुन सकता कि लोग उसके विषय क्या कह रहे हैं।
 और मैं यह तर्क नहीं दे सकता और सिद्ध नहीं कर सकता की मेरे शत्रु अपराधी हैं।
15 सो, हे यहोवा, मुझे तू ही बचा सकता है।
 मेरे परमेश्वर और मेरे स्वामी मेरे शत्रुओं को तू ही सत्य बता दे।
16 यदि मैं कुछ भी न कहूँ, तो मेरे शत्रु मुझ पर हँसेंगे।
 मुझे खिन्न देखकर वे कहने लगेंगे कि मैं अपने कुकर्मो का फल भोग रहा हूँ।
17 मैं जानता हूँ कि मैं अपने कुकर्मो के लिए पापी हूँ।
 मैं अपनी पीड़ा को भूल नहीं सकता हूँ।
18 हे यहोवा, मैंने तुझको अपने कुकर्म बता दिये।
 मैं अपने पापों के लिए दु:खी हूँ।
19 मेरे शत्रु जीवित और पूर्ण स्वस्थ हैं।
 उन्होंने बहुत—बहुत झूठी बातें बोली हैं।
20 मेरे शत्रु मेरे साथ बुरा व्यवहार करते हैं,
 जबकि मैंने उनके लिये भला ही किया है।
 मैं बस भला करने का जतन करता रहा,
 किन्तु वे सब लोग मेरे विरद्ध हो गये हैं।
21 हे यहोवा, मुझको मत बिसरा!
 मेरे परमेश्वर, मुझसे तू दूर मत रह!
22 देर मत कर, आ और मेरी सुधि ले!
 हे मेरे परमेश्वर, मुझको तू बचा ले!

समीक्षा

व्यक्तिगत उद्धारक

दाऊद, अपनी सभी परेशानियों, कष्ट और सताव के बीच में, अपने व्यक्तिगत उद्धारक के रूप में परमेश्वर की ओर मुड़ते हैं:'मेरे उद्धारक' (व.22)। शायद आप उन तीक्ष्ण कठिनाईयों का सामना नहीं कर रहे हैं जो दाऊद ने किया था, लेकिन फिर भी आज आप इस नमूने को दोहरा सकते हैं:

1. माँगो सहायता माँगेः 'परंतु हे यहोवा, मैंने तुझ ही पर अपनी आशा लगाई है; हे प्रभु, मेरे परमेश्वर, तू ही उत्तर देगा। क्योंकि मैंने कहा, 'ऐसा न हो कि वे मुझ पर आनंद करें; जब मेरा पाँव फिसल जाता है, तब वे मुझ पर अपनी बड़ाई मारते हैं' (वव.15-16)।

2. अंगीकार करें

अपने पाप का अंगीकार करेः'इसलिये कि मैं तो अपनी बुराई को प्रगट करुँगा, और अपने पाप के कारण खेदित रहूँगा' (व.18, एम.एस.जी.)।

3. भरोसा 'हे परमेश्वर, मेरी आशा आपसे ही है' (व.15, ए.एम.पी.)। परमेश्वर पर भरोसा करिए वह आपको बचायेंगेः'हे यहोवा, मुझे छोड़ न दे! हे मेरे परमेश्वर, मुझ से दूर न हो! हे यहोवा, हे मेरे उद्धारकर्ता मेरी सहायता के लिए फुर्ती कर' (वव.21-22)।

प्रार्थना

परमेश्वर, मैं आपकी सहायता माँगता हूँ आज कार्य कीजिए। मेरे पाप क्षमा कीजिए। हे परमेश्वर, मुझे छोड़ न दे; मुझसे दूर न जाए। हे मेरे परमेश्वर। हे प्रभु मेरे उद्धारकर्ता, मेरी सहायता के लिए शीघ्र आएं।
नए करार

लूका 8:1-18

यीशु अपने शिष्यों के साथ

8इसके बाद ऐसा हुआ कि यीशु परमेश्वर के राज्य का सुसमाचार लोगों को सुनाते हुए नगर-नगर और गाँव-गाँव घूमने लगा। उसके बारहों शिष्य भी उसके साथ हुआ करते थे। 2 उसके साथ कुछ स्त्रियाँ भी थीं जिन्हें उसने रोगों और दुष्टात्माओं से छुटकारा दिलाया था। इनमें मरियम मग्दलीनी नाम की एक स्त्री थी जिसे सात दुष्टात्माओं से छुटकारा मिला था। 3 (हेरोदेस के प्रबन्ध अधिकारी) खुज़ा की पत्नी योअन्ना भी इन्हीं में थी। साथ ही सुसन्नाह तथा और बहुत सी स्त्रियाँ भी थीं। ये स्त्रियाँ अपने ही साधनों से यीशु और उसके शिष्यों की सेवा का प्रबन्ध करती थीं।

बीज बोने की दृष्टान्त कथा

4 जब नगर-नगर से आकर लोगों की बड़ी भीड़ उसके यहाँ एकत्र हो रही थी, तो उसने उनसे एक दृष्टान्त कथा कही:

5 “एक किसान अपने बीज बोने निकला। जब उसने बीज बोये तो कुछ बीज राह किनारे जा पड़े और पैरों तले रूँद गये। और चिड़ियाँए उन्हें चुग गयीं। 6 कुछ बीज चट्टानी धरती पर गिरे, वे जब उगे तो नमी के बिना मुरझा गये। 7 कुछ बीज कँटीली झाड़ियों में गिरे। काँटों की बढ़वार भी उनके साथ हुई और काँटों ने उन्हें दबोच लिया। 8 और कुछ बीज अच्छी धरती पर गिरे। वे उगे और उन्होंने सौ गुनी अधिक फसल दी।”

ये बातें बताते हुए उसने पुकार कर कहा, “जिसके पास सुनने को कान हैं, वह सुन ले।”

9 उसके शिष्यों ने उससे पूछा, “इस दृष्टान्त कथा का क्या अर्थ है?”

10 सो उसने बताया, “परमेश्वर के राज्य के रहस्य जानने की सुविधा तुम्हें दी गयी है किन्तु दूसरों को यह रहस्य दृष्टान्त कथाओं के द्वारा दिये गये हैं ताकि:

‘वे देखते हुए भी
न देख पायें
और सुनते हुए भी
न समझ पाये।’

बीज बोने के दृष्टान्त की व्याख्या

11 “इस दृष्टान्त कथा का अर्थ यह है: बीज परमेश्वर का वचन है। 12 वे बीज जो राह किनारे गिरे थे, वे वह व्यक्ति हैं जो जब वचन को सुनते हैं, तो शैतान आता है और वचन को उनके मन से निकाल ले जाता है ताकि वे विश्वास न कर पायें और उनका उद्धार न हो सके। 13 वे बीज जो चट्टानी धरती पर गिरे थे उनका अर्थ है, वह व्यक्ति जो जब वचन को सुनते हैं तो उसे आनन्द के साथ अपनाते हैं। किन्तु उनके भीतर उसकी जड़ नहीं जम पाती। वे कुछ समय के लिये विश्वास करते हैं किन्तु परीक्षा की घड़ी में वे डिग जाते हैं।

14 “और जो बीज काँटो में गिरे, उसका अर्थ है, वह व्यक्ति जो वचन को सुनते हैं किन्तु जब वह अपनी राह चलने लगते हैं तो चिन्ताएँ धन-दौलत और जीवन के भोग विलास उसे दबा देते हैं, जिससे उन पर कभी पकी फसल नहीं उतरती। 15 और अच्छी धरती पर गिरे बीज से अर्थ है वे व्यक्ति जो अच्छे और सच्चे मन से जब वचन को सुनते हैं तो उसे धारण भी करते हैं। फिर अपने धैर्य के साथ वह उत्तम फल देते हैं।

अपने सत्य का उपयोग करो

16 “कोई भी किसी दिये को बर्तन के नीचे ढक देने को नहीं जलाता। या उसे बिस्तर के नीचे नहीं रखता। बल्कि वह उसे दीवट पर रखता है ताकि जो भीतर आयें प्रकाश देख सकें। 17 न कोई गुप्त बात है जो जानी नहीं जाएगी और कुछ भी ऐसा छिपा नहीं है जो प्रकाश में नहीं आयेगा। 18 इसलिये ध्यान से सुनो क्योंकि जिसके पास है उसे और भी दिया जायेगा और जिसके पास नहीं है, उससे जो उसके पास दिखाई देता है, वह भी ले लिया जायेगा।”

समीक्षा

महान बीज बोने वाला

यीशु की सेवकाई की सबसे बड़ी बात बीजों को बोना था. यीशु हर जगह 'परमेश्वर के राज्य के सुसमाचार का प्रचार करते रहे' (व.1)। आज हमारी सेवकाई अक्सर बीजों को बोने के विषय में है।

बीजों को बोने के लिए कभी भी इसमें यात्रा शामिल है (व.1) (उदाहरण के लिए, एक मिशन ट्रिप)। दूसरे समय पर, यीशु ने लोगों को इकट्ठा किया और फिर बीजों को बोयाः 'जब बड़ी भीड़ इकट्ठी हुई और नगर-नगर के लोग उसके पास चले आते थे' (व.4) यात्रा करना और लोगों को इकट्ठा करना।

यीशु ने अकेले बीजों को नहीं बोया। उनके पास एक समूह था, जिसमें बारह मनुष्य और कुछ महिलाएँ भी थी (व.2)। महिलाओं ने यीशु की सेवकाई में एक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। दूसरी चीजों के साथ – साथ, उन्होंने समूह 'की सहायता करने में' निस्वार्थ हाथ बढ़ाया (व.3)।

फिर यीशु समझाते हैं कि वे क्या कर रहे हैं, बोने वाले दृष्टांत की सहायता से। वे हमारी तरह परमेश्वर के वचन का बीज बो रहे हैं (व.11)। निराश मत होईये यदि सभी एक समान उत्तर नहीं देते हैं:

  1. कठोर – हृदय वाले

कुछ लोग विश्वास नहीं करेंगेः 'मार्ग के किनारे के वे हैं, जिन्होंने सुना, तब शैतान आकर उनके मन में से वचन उठा ले जाता है कि कहीं ऐसा न हो कि वे विश्वास करके उद्धार पाएं' (व.12, एम.एस.जी.)।

  1. कमज़ोर-हृदय वाले

दूसरों ने बहुत उत्साह के साथ उत्तर दिया, लेकिन यह बना नहीं रहा। उनमें 'जड़' नहीं है। 'जब वे सुनते हैं तो आनंद से वचन को ग्रहण तो करते हैं, परंतु जड़ न पकड़ने से वे थोड़े ही देर तक विश्वास रखते हैं और परीक्षा के समय बहक जाते हैं' (व.13, एम.एस.जी.)।

  1. आधे हृदय वाले

दूसरे वचन को उत्साह से उत्तर देते हैं लेकिन बाद में 'जीवन की झाड़ियों' के कारण भटक जाते हैं: 'चिंता', 'धन' और 'आनंद' (व.14, ए.एम.पी.)। 'जो झाड़ियों में गिरा, यह वे हैं जो सुनते हैं, पर आगे चल कर चिंता, और धन, और जीवन के सुखविलास में फँस जाते हैं और उनका फल नहीं पकता' (व.14, एम.एस.जी.)।

  1. पूर्ण – हृदय वाले

पहले तीन विभाग को बड़ी निराशा और दुख मिला। किंतु, यीशु कहते हैं कुछ लोग उत्साह से उत्तर देंगे और 'धीरज के साथ शीघ्र फलों को उत्पन्न करेंगे' (व.15, ए.एम.पी.)। या जैसा कि मैसेज अनुवाद इसे कहता हैः 'अच्छी भूमि में के वे हैं, जो वचन सुनकर भले और उत्तम मन में संभाले रहते हैं, और धीरज से फल लाते हैं' (व.15, एम.एस.जी.)। पहले उन्होंने बताया था कि यह फसल 'सौ गुना फल लायेगी' (व.8)।

मैं अक्सर कहता हूँ कि अल्फा को चलाना सबसे निराशाजनक वस्तु है, जिसमें मैं जुड़ा हुआ हूँ। यह निराश करता है जब लोग नकारात्मक रूप से उत्तर देते हैं और चले जाते हैं। लेकिन जैसा कि हमने यीशु के वचनों को पढ़ा हमें इन चीजों पर आश्चर्य नहीं करना चाहिए।

दूसरी ओर, अल्फा सबसे उत्साहजनक वस्तु है जिसमें मैं जुड़ा हुआ हूँ। जो लोग पूरे हृदय से उत्तर देते हैं उनके बीजों के प्रति जो बोए गए, पॉल कॉले की तरह, वे एक बड़ा प्रभाव लाते हैं –सौ गुना फल। हम इस बार और फिर से उन लोगों के जीवनों को देखते हैं जो यीशु को जानने के लिए आते हैं – वे पवित्र आत्मा से भर जाते हैं, बाहर जाकर उनके मित्रों को बताते हैं, और समाज पर एक बड़ा प्रभाव बनाते हैं। यीशु के यें वचन केवल दूसरे लोगों के विषय में नहीं हैं। यह हम सभी के विषय में है, उदाहरण के लिए – हर बार जब हम परमेश्वर के वचन को सुनते हैं, जब हम बाईबल पढ़ रहे होते हैं या एक बातचीत को सुन रहे होते हैं।

सावधान रहिए कि आप कैसे परमेश्वर के वचन को सुनते हैं। वास्तव में आपका संपूर्ण जीवन परमेश्वर के वचन के लिए एक उत्तर है। जितना अधिक आप उत्तर देंगे, उतना ही अधिक आपको दिया जाएगा (व.18)।

प्रार्थना

प्रभु आपके जीवन बदल देनेवाले वचनों के सामर्थ के लिए मैं आपको धन्यवाद करता हूँ. मेरी मदद कीजिये कि मैं परेशानियों से निराश न होऊँ बल्कि बीज बोते रहूँ. किसी के जीवन में बीज को जड़ पकड़ने और सौ गुना फल लाने से मिलनेवाले आनंद के लिए हम आपको धन्यवाद देते हैं.
जूना करार

गिनती 27:12-29:11

यहोशू को नया नेता चुना गया

12 तब यहोवा ने मूसा से कहा, “उस पर्वत के ऊपर चढ़ो। जो अबारीम पर्वत श्रृंखला में से एक है। वहाँ तुम उस प्रदेश को देखोगे जिसे मैं इस्राएल के लोगों को दे रहा हूँ। 13 जब तुम इस प्रदेश को देख लोगे तब तुम अपने भाई हारून की तरह मर जाओगे। 14 उस बात को याद करो जब लोग सीन की मरुभूमि में पानी के लिए क्रोधित हुए थे। तुम और हारून दोनों ने मेरा आदेश मानना अस्वीकार किया था। तुम लोगों ने मेरा सम्मान नहीं किया था और लोगों के सामने मुझे पवित्र नहीं बनाया था।” (यह पानी सीन की मरुभूमि में कादेश के अन्तर्गत मरीबा में था।)

15 मूसा ने यहोवा से कहा, 16 “यहोवा परमेश्वर है वही जानता है कि लोग क्या सोच रहे हैं। यहोवा मेरी प्रार्थना है कि तू इन लोगों के लिए एक नेता चुन। 17 मैं प्रार्थना करता हूँ कि यहोवा एक ऐसा नेता चुन जो उन्हें इस प्रदेश से बाहर ले जाएगा तथा उन्हें नये प्रदेश में पहुँचायेगा। तब यहोवा के लोग गड़ेरिया रहित भेड़ के समान नहीं होंगे।”

18 इसलिए यहोवा ने मूसा से कहा, नून का पुत्र यहोशू नेता होगा। यहोशू बहुत बुद्धिमान है उसे नया नेता बनाओ। 19 उससे याजक एलीआज़ार और सभी लोगों के सामने खड़े होने को कहो। तब उसे नया नेता बनाओ।

20 “लोगों को यह दिखाओ कि तुम उसे नेता बना रहे हो, तब सभी उसका आदेश मानेंगे। 21 यदि यहोशू कोई विशेष निर्णय लेना चाहेगा तो उसे याजक एलीआज़ार के पास जाना होगा। एलीआज़ार ऊरीम का उपयोग यहोवा के उत्तर को जानने के लिए करेगा। तब यहोशू और इस्राएल के सभी लोग वह करेंगे जो परमेश्वर कहेगा। यदि परमेश्वर कहेगा, ‘युद्ध करने जाओ।’ तो वे युद्ध करने जाएंगे और यदि परमेश्वर कहे, ‘घर जाओ,’ तो घर जायेंगे।”

22 मूसा ने यहोवा की आज्ञा मानी। मूसा ने यहोशू से याजक एलीआज़ार और इस्राएल के सब लोगों के सामने खड़ा होने के लिए कहा। 23 तब मूसा ने अपने हाथों को उसके सिर पर यह दिखाने के लिए रखा कि वह नया नेता है। उसने यह वैसे ही किया जैसा यहोवा ने कहा था।

नित्य—भेंट

28तब यहोवा ने मूसा से बात की। उसने कहा, 2 “इस्राएल के लोगों को यह आदेश दो। उनसे कहो कि वे ठीक समय पर निश्चयपूर्वक मुझे विशेष भेंट चढ़ाएं। उनसे कहो कि वे अन्नबलि और होमबलि चढ़ाएं। यहोवा उन होमबलियों की सुगन्ध पसन्द करता है। 3 इन होमबलियों को उन्हें यहोवा को चढ़ाना ही चाहिए। उन्हें दोषरहित एक वर्ष के दो मेढ़े नित्य भेंट के रूप में चढ़ाना चाहिए। 4 मेढ़ों में से एक को सवेरे चढ़ाओ और दूसरे मेढ़े को संध्या के समय। 5 इसके अतिरिक्त दो क्वार्ट अन्नबलि एक क्वार्ट जैतून के तेल के साथ मिला आटा दो।” 6 (उन्होंने सीनै पर्वत पर नित्य भेंट देनी आरम्भ की थी। यहोवा ने उन होमबलियों की सुगन्ध पसन्द की थी।) 7 लोगों को होमबलि के साथ पेय भेंट भी चढ़ानी चाहिए। उन्हें हर एक मेमने के साथ एक क्वार्ट दाखमधु देनी चाहिए। उस पेय भेंट को पवित्र स्थान में वेदी पर डालो। यह यहोवा को भेंट है। 8 दूसरे मेढ़े की भेंट गोधूलि के समय चढ़ाओ। इसे सवेरे की भेंट की तरह चढ़ाओ। वैसे ही पेय भेंट भी चढ़ाओ. ये आग द्वारा दी गई भेंट होगी। इस की सुगन्ध यहोवा को प्रसन्न करेगी।

सब्त भेंट

9 “शनिवार को, जो छुट्टी का दिन है, एक वर्ष के दोष रहित दो मेमने जैतून के तेल के साथ मिले चार क्वार्ट अच्छे आटे की अन्नबलि और पेय भेंट चढ़ाओ। 10 यह छुट्टी के दिन की विशेष भेंट है। यह भेंट नियमित नित्य भेंट और पेय भेंट के अतिरिक्त है।”

मासिक बैठकें

11 “हर एक महीने के प्रथम दिन तुम यहोवा को होमबलि चढ़ाओगे। यह भेंट दोष रहित दो बैलों, एक मेढ़ा और सात एक वर्ष के मेमनों की होगी। 12 हर एक बैल के साथ जैतून के तेल के साथ मिले छः क्वार्ट अच्छे आटे की अन्नबलि भी चढ़ाओ। हर एक मेढ़े के साथ जैतून के तेल के साथ मिले चार क्वार्ट अच्छे आटे की अन्नबलि भी चढ़ाओ। 13 हर एक मेमने के साथ जैतून के तेल के साथ मिले दो क्वार्ट अच्छे आटे की अन्नबलि भी चढ़ाओ। यह ऐसी होमबलि होगी जो यहोवा के लिए मधुर गन्ध होगी। 14 पेय भेंट में दो क्वार्ट दाखमधु हर एक बैल के साथ, एक चौथाई क्वार्ट दाखमधु हर एक मेढ़े के साथ और एक क्वार्ट दाखमधु हर एक मेमने के साथ होगी। यह होमबलि है जो वर्ष के हर एक महीने चढ़ाई जानी चाहिए। 15 नित्य दैनिक होमबलि और पेय भेंट के अतिरिक्त तुम्हें यहोवा को एक बकरा देना चाहिए। वह बकरा पापबलि होगा।

फसह पर्व

16 “पहले महीने के चौदहवें दिन यहोवा के सम्मान में फसह पर्व होगा। 17 उस महीने के पन्द्रहवें दिन अखमीरी रोटी की दावत आरम्भ होती है। यह पर्व सात दिन तक रहता है। तुम वही रोटी खा सकते हो जो अखमीरी हो। 18 इस पर्व के पहले दिन तुम्हें विशेष बैठक बुलानी चाहिए। उस दिन तुम कोई काम नहीं करोगे। 19 तुम यहोवा को होमबलि दोगे। यह होमबलि दोष रहित दो बैल, एक मेढ़ा और एक वर्ष के सात मेमनों की होगी। 20-21 हर एक बैल के साथ जैतून के तेल के साथ मिले हुए छ: क्वार्ट अच्छे आटे। मेढ़े के साथ जैतून के तेल के साथ मिले हुए चार क्वार्ट अच्छ आटे और हर एक मेमने के साथ दो क्वार्ट जैतून के तेल के साथ मिले हुए आटे की अन्नबलि भी होगी। 22 तुम्हें एक बकरा भी देना चाहिए। वह बकरा तुम्हारे लिए पापबलि होगा। यह तुम्हारे पापो को ढकेगा। 23 तुम लोगों को वे भेंटे उन भेंटों के अतिरिक्त देनी चाहिए जो तुम हर एक सवेरे होमबलि के रूप में देते हो।

24 “उसी प्रकार तुम्हें सात दिन तक आग द्वारा भेंट देनी चाहिए और इसके साथ पेय भेंट भी देनी चाहिए। यह भेंट यहोवा के लिए मधुर गन्ध होगी। तुम्हें ये भेंटें होमबलि के अतिरिक्त देनी चाहिए जो तुम प्रतिदिन देते हो।

25 “तब फसह पर्व के सातवें दिन तुम एक विशेष बैठक बुलाओगे और उस दिन तुम कोई काम नहीं करोगे।

सप्ताहों का पर्व (कटनी का पर्व)

26 “प्रथम फल का पर्व या सप्ताहों के पर्व के समय तुम यहोवा के नये फसल की अन्नबलि दो। उस समय तुम्हें एक विशेष बैठक भी बुलानी चाहिए। तुम उस दिन कोई काम नहीं करोगे। 27 तुम होमबलि चढ़ाओगे। वह बलि यहोवा के लिए सुगन्ध होगी। तुम दोष रहित दो साँड, एक मेढ़ा और एक वर्ष के सात मेमनों की भेंट चढ़ाओगे। 28 तुम हर एक साँड के साथ जैतून के तेल के साथ मिले हुए छः क्वार्ट अच्छे आटे, हर एक मेढ़े के साथ चार क्वार्ट 29 और हर एक मेमने के साथ दो क्वार्ट आटे की भेंट चढ़ाओगे। 30 तुम्हें अपने पापों को ढकने के लिए एक बकरे की बलि चढ़ानी चाहिए। 31 तुम्हें यह भेंट प्रतिदिन होमबलि और इसकी अन्नबलि के अतिरिक्त चढ़ानी चाहिए। निश्चय कर लो कि जानवरों में कोई दोष न हो और यह निश्चय कर लो कि पेय भेंट ठीक है।

बिगुल का पर्व

29“सातवें महीने के प्रथम दिन एक विशेष बैठक होगी। तुम उस दिन कोई काम नहीं करोगे। वह बिगुल बजाने का दिन है। 2 तुम होमबलि चढ़ाओगे। ये भेंटें यहोवा के लिए मधुर गन्ध होगी। तुम दोष रहित एक साँड, एक मेढ़ा और एक वर्ष के सात मेमनों की भेंट चढ़ाओगे। 3 तुम छः क्वार्ट तेल मिला अच्छा आटा भी बैल के साथ, चार क्वार्ट मेढ़े के साथ और 4 सात मेमनों में से हर एक के साथ दो क्वार्ट आटे की भेंट चढ़ाओगे। 5 इसके अतिरिक्त, पापबलि के लिए एक बकरा भी चढ़ाओगे। यह तुम्हारे पापों को ढकेगी। 6 ये भेंटें नवचन्द्र बलि और उसकी अन्नबलि के अतिरिक्त होगी और ये नित्य की भेंटों, इसकी अन्नबलियों तथा पेय भेंटों के अतिरिक्त होगी। ये नियम के अनुसार की जानी चाहिए। इन्हें आग में जलाना चाहिए। इसकी सुगन्धि यहोवा को प्रसन्न करेगी।

प्रायश्चित का दिन

7 “सातवें महीने के दसवें दिन एक विशेष बैठक होगी। उस दिन तुम उपवास करोगे और तुम कोई काम नहीं करोगे। 8 तुम होमबलि दोगे। यह यहोवा के लिए मधुर गन्ध होगी। तुम दोष रहित दो साँड, एक मेढ़ा और एक वर्ष के सात मेमनों की भेंट चढ़ाओगे। 9 तुम हर एक बैल के साथ जैतून के मिले हुए छ: क्वार्ट आटे, मेढ़े के साथ चार क्वार्ट आटे 10 और हर एक सातों मेमनों के साथ दो क्वार्ट आटे की भेंट चढ़ाओगे। 11 तुम एक बकरा भी पापबलि के रूप में चढ़ाओगे। यह प्रायश्चित के दिन की पापबलि के अतिरिक्त होगी। यह दैनिक बलि, अन्न और पेय भेंटों के भी अतिरिक्त होगी।

समीक्षा

प्रधान चरवाह

जैसे ही मूसा अपने जीवन के अंतिम पड़ाव पर पहुँचते हैं, वह देखते हैं कि लोगों को एक लीडर की जरुरत है। वह परमेश्वर से प्रार्थना करते हैं: 'यहोवा, जो सारे प्राणियों की आत्माओं के परमेश्वर हैं, वह इस मण्डली के लोगों के ऊपर किसी पुरुष को नियुक्त कर दें, जो उसके सामने आया जाया करें, और उनका निकालने और पैठाने वाला हो; जिससे यहोवा की मंडली बिना चरवाहे की भेड़ -बकरियों के समान न रहे' (27:16-17)।

परमेश्वर ने मूसा की प्रार्थना को सुना और यहोशू को उसके वारिस के रूप में नियुक्त किया। परमेश्वर ने यहोशू से कहा, 'आत्मा उसमें है!' (व.18, एम.एस.जी.)। उस पर हाथ रखे गए, उसे आयोग दिया गया, उसे अधिकार दिया गया, और वह परमेश्वर के लोगों का एक चरवाहा बन गया। उस समय राजाओं और शासकों के लिए 'चरवाहा' एक सामान्य शब्द था।

परमेश्वर के लोगों के लिए मूसा की चिंता, अपने लोगों के लिए यीशु की चिंता को दर्शाता है। जब यीशु ने अपनी सेवकाई में लोगो की भीड़ को देखा, 'उसको लोगों पर तरस आया, क्योंकि वे उन भेड़ों के समान थी जिनका कोई रखवाला न हो, व्याकुल और भटके हुए से थे' (मत्ती 9:36)।

एक चरवाहा के रूप में मसीह लीडर का यह चित्र नये नियम में कई जगहों पर लिया गया है। पतरस लिखते हैं, 'परमेश्वर के उस झुंड की, जो तुम्हारे बीच में है रखवाली करो...जो लोग तुम्हें सौंपे गए हैं, उन पर अधिकार न जताओ, वरन् झुंड के लिये आदर्श बनो' (1पतरस 5:2-3)। यीशु 'प्रधान चरवाहा' हैं (व.4)।

यीशु ने कहा, 'मैं अच्छा चरवाहा हूँ। अच्छा चरवाहा भेड़ों के लिए अपना प्राण देता है...मैं अपनी भेड़ो को जानता हूँ' (यूहन्ना 10:11-14)। वह कहते हैं कि एक दिन 'एक भेड़ और एक चरवाहा' होंगे (व.16)। इब्रानियों के लेखक यीशु का वर्णन 'भेड़ो का महान चरवाहा' के रूप में करते हैं (इब्रानियों 13:20)।

गिनती की पुस्तक में बाकी के लेखांश और खाने-पीने के लिए इसके नियम, धार्मिक पर्व और सब्त के साथ, यह हमें यीशु की ओर संकेत करते हैं (गिनती 28-29)। संत पौलुस लिखते हैं, 'क्योंकि ये सब आने वाली बातों की छाया है, पर मूल वस्तुएँ मसीह की है' (कुलुस्सियो 2:17)। यीशु प्रधान चरवाहा, महान बोने वाले और विश्व के उद्धारकर्ता हैं।

प्रार्थना

परमेश्वर, आज मैं आपकी आराधना करता हूँ प्रधान चरवाहा, महान बोने वाले और विश्व के उद्धारकर्ता के रूप में। आपका धन्यवाद मेरे प्रति आपके प्रेम और देखरेख के लिए। उस संदेश के लिए आपका धन्यवाद जो आपने मुझे दिया है। होने दीजिए कि मैं एक अच्छा चरवाहा बनूँ, दूसरों के जीवन में आपके वचन के बीजों को बोऊँ और अपने जीवन में और दूसरों के जीवन में सौ गुना फलों को उत्पन्न करुं।

पिप्पा भी कहते है

लूका 8:1-8

मैं उन महिलाओं के द्वारा उत्सुक हो जाता हूँ जिन्होंने यीशु के साथ यात्रा की और 'निस्वार्थ रूप से' उनकी सेवकाई में सहायता की (व.3ब)। उनमें शामिल थी सुसन्ना, जोना मरियम मगदलिनी। वे चंगी हो चुकी थी या दुष्टात्माओं से छुड़ाई गई थी। जोना के पति चुज़ा, हेरोदेस के घराने की देख रेख करते थे। जोना का यीशु की मदद करना और चुज़ा का हेरोदेस के लिए काम करने का अवश्य ही यह अर्थ है कि उनके घर में मजेदार बातें होती होंगी! महिलाओं को एक प्रबल पद पर देखना बहुत दिलचस्प बात है।

वहाँ पर मरियम मगदलिनी थी। यीशु ने उसे चुना और इस उल्लेखनीय समाचार को उसे सौंप दिया। यीशु ने एक ऐसी महिला को चुना जिसका भूतकाल बहुत भयानक था, और उसे संपूर्ण इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण समाचार सौंप दिया।

दिन का वचन

भजन संहिता – 38:22

"हे यहोवा, हे मेरे उद्धारकर्त्ता, मेरी सहायता के लिये फुर्ती कर!"

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संदर्भ

नोट्स:

जहाँ पर कुछ बताया न गया हो, उन वचनों को पवित्र बाइबल, न्यू इंटरनैशनल संस्करण एन्ग्लिसाइड से लिया गया है, कॉपीराइट © 1979, 1984, 2011 बिबलिका, पहले इंटरनैशनल बाइबल सोसाइटी, हूडर और स्टोगन पब्लिशर की अनुमति से प्रयोग किया गया, एक हॅचेट यूके कंपनी सभी अधिकार सुरक्षित। ‘एनआईवी’, बिबलिका यू के का पंजीकृत ट्रेडमार्क संख्या 1448790 है।

जिन वचनों को (एएमपी, AMP) से चिन्हित किया गया है उन्हें एम्प्लीफाइड® बाइबल से लिया गया है. कॉपीराइट © 1954, 1958, 1962, 1964, 1965, 1987 लॉकमैन फाउंडेशन द्वारा प्राप्त अनुमति से उपयोग किया गया है। (www.Lockman.org)

जिन वचनों को (एमएसजी MSG) से चिन्हित किया गया है उन्हें मैसेज से लिया गया है। कॉपीराइट © 1993, 1994, 1995, 1996, 2000, 2001, 2002. जिनका प्रयोग एनएवीप्रेस पब्लिशिंग ग्रुप की अनुमति से किया गया है।

एक साल में बाइबल

  • एक साल में बाइबल

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