जीवन के लिए आपकी कुँजी
परिचय
मॅडोना ने कहा है, 'जब मैं बड़ी हो रही थी..... तो यीशु मेरे पिक्चर के अभिनेता, मेरे सबसे प्रिय आदर्श थे.'
नेपोलियन बोनापार्ट ने कहा है, 'मैं पुरूषों को जानता हूँ और मैं आपसे कहता हूँ कि यीशु मसीह साधारण पुरूष नहीं थे.'
उपन्यासकार एच.जी. वेल्स ने कहा है, 'मैं एक इतिहासकार हूँ, मैं कोई विश्वासी नहीं हूँ. लेकिन गलीली का यह निर्धन प्रचारक अविश्वसनीय रूप से इतिहास का केन्द्र है.'
बल्कि जो लोग खुद को 'इस निर्धन' प्रचारक का अनुयायी नहीं बताते वे भी मानते हैं कि यीशु के बारे में कुछ तो असाधारण है.
जीवन की मुख्य कुँजी यीशु हैं. यह समझना कि बाइबल यीशु है, एक कुँजी है. यीशु को परमेश्वर का चरित्र समझना कुँजी है. हमारे जीवन को व्यवस्थित बनाने की कुँजी यीशु ही हैं. और कोई भी नहीं, बल्कि कोई स्वर्गदूत भी, यीशु की तुलना नहीं कर सकता (इब्रानियों 1:1-14).
यदि आप जानना चाहते हैं कि परमेश्वर कैसे हैं, तो यीशु को देखिये. वह कहते हैं, 'जिसने मुझे देखा है उसने पिता को देखा है' (यूहन्ना 14:9). आपको परमेश्वर के बारे में जो भी पढ़ना है और समझना है तो आपको बाइबल को यीशु की दृष्टि से पढ़नी होगी. वह परमेश्वर का अंतिम प्रकटीकरण है.
भजन संहिता 119:129-136
पे
129 हे यहोवा, तेरी वाचा बहुत अद्भुत है।
इसलिए मैं उसका अनुसरण करता हूँ।
130 कब शुरू करेंगे लोग तेरा वचन समझना यह एक ऐसे प्रकाश सा है जो उन्हें जीवन की खरी राह दिखाया करता है।
तेरा वचन मूर्ख तक को बुद्धिमान बनाता है।
131 हे यहोवा, मैं सचमुच तेरे आदेशों का पाठ करना चाहता हूँ।
मैं उस व्यक्ति जैसा हूँ जिस की साँस उखड़ी हो और जो बड़ी तीव्रता से बाट जोह रहो हो।
132 हे परमेश्वर, मेरी ओर दृष्टि कर और मुझ पर दयालु हो।
तू उन जनों के लिये ऐसे उचित काम कर जो तेरे नाम से प्रेम किया करते हैं
133 तेरे वचन के अनुसार मेरी अगुवाई कर,
मुझे कोई हानी न होने दे।
134 हे यहोवा, मुझको उन लोगों से बचा ले जो मुझको दु:ख देते हैं।
और मैं तेरे आदेशों का पालन करूँगा।
135 हे यहोवा, अपने दास को तू अपना ले
और अपना विधान तू मुझे सिखा।
136 रो—रो कर आँसुओं की एक नदी मैं बहा चुका हूँ।
क्योंकि लोग तेरी शिक्षाओं का पालन नहीं करते हैं।
समीक्षा
यीशु हमें अपने पापों से शुद्ध करते हैं
बाइबल पढ़ना, एक तरह से, बहुत तेज प्रकाश वाले एक दर्पण को देखना है: ' तेरी बातों के खुलने से प्रकाश होता है;' (व.130अ). प्रकाश प्रकट करता है कि हमारे जीवन में क्या गलत है और हमें क्या शुद्ध करने की जरूरत है. यह उन बातों को प्रकट करता है जो हमारे और परमेश्वर के बीच में बाधा पैदा करती हैं.
जब यीशु ने आपके पापों के लिए शुद्धता प्रदान की तो यह बाधा हट गई. यीशु के द्वारा, आप निश्चिंत रह सकते हैं कि परमेश्वर का मुख आप पर प्रकाशमान होगा (व.135).
भजनकार की तरह प्रार्थना करें, ' जैसी तेरी रीति अपने नाम की प्रीति रखने वालों से है, वैसे ही मेरी ओर भी फिर कर मुझ पर अनुग्रह कर। मेरे पैरों को अपने वचन के मार्ग पर स्थिर कर, और किसी अनर्थ बात को मुझ पर प्रभुता न करने दे। मुझे मनुष्यों के अन्धेर से छुड़ा ले, तब मैं तेरे उपदेशों को मानूंगा। अपने दास पर अपने मुख का प्रकाश चमका दे,' (वव.132-135).
भजनकार की प्रार्थना, पापों से शुद्ध करने के लिए यीशु के महान कार्य का पूर्वाभास है. यीशु के द्वारा आप इस विश्वास से हमेशा परमेश्वर की ओर फिर सकते हैं कि वह आप पर अनुग्रह करेंगे, क्योंकि जो उनके नाम से प्रीति रखते हैं, \[वह\] हमेशा उन पर दया करते हैं,' (व.132).
प्रार्थना
इब्रानियों 1:1-14
परमेश्वर अपने पुत्र के माध्यम से बोलता है
1परमेश्वर ने अतीत में नबियों के द्वारा अनेक अवसरों पर अनेक प्रकार से हमारे पूर्वजों से बातचीत की। 2 किन्तु इन अंतिम दिनों में उसने हमसे अपने पुत्र के माध्यम से बातचीत की, जिसे उसने सब कुछ का उत्तराधिकारी नियुक्त किया है और जिसके द्वारा उसने समूचे ब्रह्माण्ड की रचना की है। 3 वह पुत्र परमेश्वर की महिमा का तेज-मंडल है तथा उसके स्वरूप का यथावत प्रतिनिधि। वह अपने समर्थ वचन के द्वारा सब वस्तुओं की स्थिति बनाये रखता है। सबको पापों से मुक्त करने का विधान करके वह स्वर्ग में उस महामहिम के दाहिने हाथ बैठ गया। 4 इस प्रकार वह स्वर्गदूतों से उतना ही उत्तम बन गया जितना कि उनके नामों से वह नाम उत्तम है जो उसने उत्तराधिकार में पाया है।
5 क्योंकि परमेश्वर ने किसी भी स्वर्गदूत से कभी ऐसा नहीं कहा:
“तू मेरा पुत्र;
आज मैं तेरा पिता बना हूँ।”
और न ही किसी स्वर्गदूत से उसने यह कहा है,
“मैं उसका पिता बनूँगा,
और वह मेरा पुत्र होगा।”
6 और फिर वह जब अपनी प्रथम एवं महत्त्वपूर्ण संतान को संसार में भेजता है तो कहता है,
“परमेश्वर के सब स्वर्गदूत उसकी उपासना करें।”
7 स्वर्गदूतों के विषय में बताते हुए वह कहता है:
“उसने अपने सब स्वर्गदूत को पवन बनाया
और अपने सेवकों को आग की लपट बनाया।”
8 किन्तु अपने पुत्र के विषय में वह कहता है:
“हे परमेश्वर! तेरा सिंहासन शाश्वत है,
तेरा राजदण्ड धार्मिकता है;
9 तुझको धार्मिकता ही प्रिय है, तुझको घृणा पापों से रही,
सो परमेश्वर, तेरे परमेश्वर ने तुझको चुना है, और उस आदर का आनन्द दिया। तुझको तेरे साथियों से कहीं अधिक दिया।”
10 परमेश्वर यह भी कहता है,
“हे प्रभु, जब सृष्टि का जन्म हो रहा था, तूने धरती की नींव धरी।
और ये सारे स्वर्ग तेरे हाथ का कतृत्व हैं।
11 ये नष्ट हो जायेंगे पर तू चिरन्तन रहेगा,
ये सब वस्त्र से फट जायेंगे।
12 और तू परिधान सा उनको लपेटेगा।
वे फिर वस्त्र जैसे बदल जायेंगे।
किन्तु तू यूँ ही, यथावत रहेगा ही,
तेरे काल का अंत युग युग न होगा।”
13 परमेश्वर ने कभी किसी स्वर्गदूत से ऐसा नहीं कहा:
“तू मेरे दाहिने बैठ जा,
जब तक मैं तेरे शत्रुओं को, तेरे चरण तल की चौकी न बना दूँ।”
14 क्या सभी स्वर्गदूत उद्धार पाने वालों की सेवा के लिये भेजी गयी सहायक आत्माएँ हैं?
समीक्षा
यीशु स्वर्गदूतों से बढ़कर हैं
यीशु अनोखे हैं और आपको जो भी चाहिये वह यीशु ही हैं. जैसा कि यूजन पाटरसन बताते हैं, आपको यीशु-और-स्वर्गदूतों की जरूरत नहीं है. आपको यीशु-और-मूसा की जरूरत नहीं है. आपको यीशु-और-याजक की जरूरत नहीं है. 'यह शब्द उस हाइफन '-' को निकाल देता है, जो कि "और" है.' आपको सिर्फ यीशु की जरूरत है.
इब्रानियों की पुस्तक इस बारे में है कि यीशु कौन हैं, और वह किस तरह से किसी भी अन्य शिक्षा या धार्मिक व्यवस्था से महान हैं. यह पुराने नियम के भविष्यवक्ताओं के साथ यीशु की तुलना से आरंभ होती है. यह अद्भुत सत्य को समझाती है कि परमेश्वर ने किस तरह से भविष्यवक्ताओं के द्वारा कहा था, लेकिन फिर यह बताती है कि यीशु उससे भी ज्यादा अच्छे हैं (वव.1-3). वह 'सभी चीजों के वारिस हैं', वह सृष्टि की रचना में शामिल थे, वह परमेश्वर के अंतिम प्रकटीकरण हैं. वह आपको संभालते हैं, वह आपके मुक्ति दाता हैं. इन सब का कारण इसमें छिपा है कि यीशु कौन हैं.
यीशु परमेश्वर की महिमा का प्रकाश हैं उनके तत्व की छाप हैं (व.3). जैसा कि सन्देश बताता है, वह परमेश्वर का सटीक दर्पण हैं, और उन में परमेश्वर के चरित्र की छाप है.'
यीशु हमारे जीवन को सुलझाने के लिए आए हैं. ' वह पापों को धोकर ऊंचे स्थानों पर महामहिमामयी के दाहिने जा बैठा,' (व.3ब). जाकर बैठना इस बात का संकेत है कि उनका कार्य पूर्ण हुआ है (यूहन्ना 19:30 भी देखें).
हमेशा से ऐसे लोग रहे हैं जो इस सच्चाई को अपना नहीं सके. आज, कुछ लोग बहस कर रहे थे कि, यीशु सिर्फ एक महान धार्मिक गुरू थे. इब्रानियों के लेखक कहते हैं: ' और स्वर्गदूतों से उतना ही उत्तम ठहरा, जितना उस ने उन से बड़े पद का वारिस होकर उत्तम नाम पाया,' (1:4). फिर वह स्वर्गदूतों की तुलना में यीशु की उत्तमता का उल्लेख करते हैं.
बाइबल स्वर्गदूतों के बारे में तकरीबन 3000 रिफ्रेंस (उल्लेख) हैं. हम उनके बारे में क्या जानते हैं?
इस लेखांश में हम देखते हैं कि स्वर्गदूत आराधना करते हैं और परमेश्वर की सेवा करते हैं (वव.6-7). वे परमेश्वर के सन्देशवाहक हैं (व.7, एमएसजी). वे आत्मिक प्राणी हैं जो मसीहों की सेवा करते हैं (व.14). उन्हें उन लोगों की सेवा करने के लिए भेजा जाता है जो उद्धार प्राप्त करेंगे (व.14).
स्वर्गदूत आपको बचाते हैं और आपकी रक्षा करते हैं (भजन संहिता 91:11). उदाहरण के लिए, एक स्वर्गदूत ने गतसमनी के बाग में यीशु को सामर्थ दी (लूका 22:43). हरएक चर्च के पास एक है (प्रकाशितवाक्य अध्याय 1-3).
लेकिन परमेश्वर उनके पिता नहीं हैं (इब्रानियों 1:5). इस तरह से, यीशु उनसे कहीं ज्यादा उत्तम हैं और हरएक मसीही स्वर्गदूतों से ज्यादा उत्तम है, क्योंकि परमेश्वर हमारे पिता हैं. इब्रानियों की पुस्तक के लेखक पुराने नियम में से 7 वचनों का उल्लेख करते हैं यह बताने के लिए कि यीशु मसीह स्वर्गदूतों से उत्तम हैं (भजन संहिता 2:7; 2शमूएल 7:14; व्यवस्थाविवरण 32:43; भजनसंहिता 45:6-7; 102:25-27; 104:4; 110:1).
ये सभी पद उन लोगों के लिए जवाब हैं जो यह कहते हैं कि यीशु सिर्फ एक स्वर्गदूत हैं या एक महान धार्मिक गुरू के समान हैं. इस चर्चा का शीर्षक इब्रानियों की पुस्तक 1:8 में है, जो पुत्र के बारे में कहता है कि, 'तेरा सिंहासन, हे परमेश्वर.....". यह यीशु की दिव्यता का आरोपण है.
प्रार्थना
विलापगीत 3:40-5:22
40 आओ, हम अपने कर्मो को परखें और देखँ,
फिर यहोवा के शरण में लौट आयें।
41 आओ, स्वर्ग के परमेश्वर के लिये हम हाथ उठायें
और अपना मन ऊँचा करें।
42 आओ, हम उससे कहें, “हमने पाप किये हैं और हम जिद्दी बने रहे,
और इसलिये तूने हमको क्षमा नहीं किया।
43 तूने क्रोध से अपने को ढांप लिया,
हमारा पीछा तू करता रहा है,
तूने हमें निर्दयतापूर्वक मार दिया!
44 तूने अपने को बादल से ढांप लिया।
तूने ऐसा इसलिये किया था कि कोई भी विनती तुझ तक पहुँचे ही नहीं।
45 तूने हमको दूसरे देशों के लिये ऐसा बनाया
जैसा कूड़ा कर्कट हुआ करता हैं।
46 हमारे सभी शत्रु
हमसे क्रोध भरे बोलते हैं।
47 हम भयभीत हुए हैं हम गर्त में गिर गये हैं।
हम बुरी तरह क्षतिग्रस्त है! हम टूट चुके हैं!”
48 मेरी आँखों से आँसुओं की नदियाँ बही!
मैं विलाप करता हूँ क्योंकि मेरे लोगों का विनाश हुआ है!
49 मेरे नयन बिना रूके बहते रहेंगे!
मैं सदा विलाप करता रहूँगा!
50 हे यहोवा, मैं तब तक विलाप करता रहूँगा
जब तक तू दृष्टि न करे और हम को देखे!
मैं तब तक विलाप ही करता रहूँगा
जब तक तू स्वर्ग से हम पर दृष्टि न करे!
51 जब मैं देखा करता हूँ जो कुछ मेरी नगरी की युवतियों के साथ घटा
तब मेरे नयन मुझको दु:खी करते हैं।
52 जो लोग व्यर्थ में ही मेरे शत्रु बने है,
वे घूमते हैं मेरी शिकार की फिराक में, मानों मैं कोई चिड़िया हूँ।
53 जीते जी उन्होंने मुझको घड़े में फेंका
और मुझ पर पत्थर लुढ़काए थे।
54 मेरे सिर पर से पानी गुज़र गया था।
मैंने मन में कहाँ, “मेरा नाश हुआ।”
55 हे यहोवा, मैंने तेरा नाम पुकारा।
उस गर्त के तल से मैंने तेरा नाम पुकारा।
56 तूने मेरी आवाज़ को सुना।
तूने कान नहीं मूंद लिये।
तूने बचाने से और मेरी रक्षा करने से नकारा नहीं।
57 जब मैंने तेरी दुहाई दी, उसी दिन तू मेरे पास आ गया था।
तूने मुझ से कहा था, “भयभीत मत हो।”
58 हे यहोवा, मेरे अभियोग में तूने मेरा पक्ष लिया।
मेरे लिये तू मेरा प्राण वापस ले आया।
59 हे यहोवा, तूने मेरी विपत्तियाँ देखी हैं,
अब मेरे लिये तू मेरा न्याय कर।
60 तूने स्वयं देखा है कि शत्रुओं ने मेरे साथ कितना अन्याय किया।
तूने स्वयं देखा है उन सारे षड़यंत्रों को
जो उन्होंने मुझ से बदला लेने को मेरे विरोध में रचे थे।
61 हे यहोवा, तूने सुना है कि वे मेरा अपमान कैसे करते हैं।
तूने सुना है उन षड़यंत्रों को जो उन्होंने मेरे विरोध में रचाये।
62 मेरे शत्रुओं के वचन और विचार
सदा ही मेरे विरुद्ध रहे।
63 देखो यहोवा, चाहे वे बैठे हों, चाहे वे खड़े हों,
कैसे वे मेरी हंसी उड़ाते हैं!
64 हे यहोवा, उनके साथ वैसा ही कर जैसा उनके साथ करना चाहिये!
उनके कर्मो का फल तू उनको दे दे!
65 उनका मन हठीला कर दे!
फिर अपना अभिशाप उन पर डाल दे!
66 क्रोध में भर कर तू उनका पीछा कर!
उन्हें बर्बाद कर दे! हे यहोवा, आकाश के नीचे से तू उन्हें समाप्त कर दे!
यरूशलेम पर हमले का आतंक
4देखा, किस तरह सोना चमक रहित हो गया।
देखा, सारा सोना कैसे खोटा हो गया।
चारों ओर हीरे—जवाहरात बिखरे पड़े हैं।
हर गली के सिर पर ये रत्न फैले हैं।
2 सिय्योन के निवासी बहुत मूल्यवान थे,
जिनका मूल्य सोने की तोल में तुलना था।
किन्तु अब उनके साथ शत्रु ऐसे बर्ताव करते हैं जैसे वे मिट्टी के पुराने घड़े हों।
शत्रु उनके साथ ऐसा बर्ताव करता है जैसे वे कुम्हार के बनाये मिट्टी के पात्र हों।
3 यहाँ तक कि गीदड़ी भी अपने बच्चे को थन देती है,
वह अपने बच्चे को दूध पीने देती है।
किन्तु मेरे लोग निर्दय हो गये हैं।
वह ऐसे हो गये जैसे मरुभूमि में निवासी—शुतुर्मुर्ग।
4 प्यास के मारे अबोध शिशुओं की जीभ
तालू से चिपक रही है।
ये छोटे बच्चे रोटी को तरसते हैं।
किन्तु कोई भी उन्हें कुछ भी खाने के लिये देता नहीं।
5 ऐसे लोग जो स्वादिष्ट भोजन खाया करते थे,
आज भूख से गलियों में मर रहे हैं।
ऐसे लोग जो उत्तम वस्त्र पहनते हुए पले बढ़े थे,
अब कूड़े के ढेरों पर बीनते फिरते हैं।
6 मेरे लोगों का पाप बहुत बड़ा था।
उनका पाप सदोम और अमोरा के पापों से बड़ा पाप था।
सदोम और अमोरा को अचानक नष्ट किया गया।
उनके विनाश में किसी भी मनुष्य का हाथ नहीं था।
यह तो परमेश्वर ने किया था।
7 यहूदा के लोग जो परमेश्वर को समर्पित थे,
वे बर्फ से उजले थे,
दूध से धुले थे।
उनकी कायाएं मूंग से अधिक लाल थीं।
उनकी दाढ़ियाँ नीलम से श्यामल थी।
8 किन्तु उनके मुख अब धुंए से काले हो गये हैं।
यहाँ तक कि गलियों में उनको कोई नहीं पहचानता था।
उनकी ठठरी पर अब झूर्रियां पड़ रही हैं।
उनका चर्म लकड़ी सा कड़ा हो गया है।
9 ऐसे लोग जिन्हें तलवार के घाट उतारे गये उन से कहीं भाग्यवान थे,
जो लोग भूख—मरी के मारे मरे।
भूख के सताये लोग बहुत ही दु:खी थे, वे बहुत व्याकुल थे।
वे मरे क्योंकि खेतों का दिया हुआ खाने को उनके पास नहीं था।
10 उन दिनों ऐसी स्त्रियों ने भी जो बहुत अच्छी हुआ करती थी,
अपने ही बच्चों के मांस को पकाया था।
वे बच्चे अपनी ही माँओं का आहार बने।
ऐसा तब हुआ था जब मेरे लोगों का विनाश हुआ था।
11 यहोवा ने अपने सब क्रोध का प्रयोग किया;
अपना समूचा क्रोध उसने उंडेल दिया।
सिय्योन में जिसने आग भड़कायी,
सिय्योन की नीवों को नीचे तक जला दिया था।
12 जो कुछ घटा था, धरती के किसी भी राजा को उसका विश्वास नहीं था।
जो कुछ घटा था, धरती के किसी भी लोगों को उसका विश्वास नहीं था।
यरूशलेम के द्वारों से होकर कोई भी शत्रु भीतर आ सकता है,
इसका किसी को भी विश्वास नहीं था।
13 किन्तु ऐसा ही हुआ,
क्योंकि यरूशलेम के नबियों ने पाप किये थे।
ऐसा हुआ क्योंकि यरूशलेम के याजक
बुरे काम किया करते थे।
यरूशलेम के नगर में वे बहुत खून बहाया करते थे;
वे नेक लोगों का खून बहाया करते थे।
14 याजक और नबी गलियों में अंधे से घुमते थे।
खून से वे गंदे हो गये थे।
यहाँ तक कि कोई भी उनका वस्त्र नहीं छूता था
क्योंकि वे गंदे थे।
15 लोग चिल्लाकर कहते थे, “दूर हटो! दूर हटो!
तुम अस्वच्छ हो, हमको मत छूओ।”
वे लोग इधर—उधर यूं ही फिरा करते थे।
उनके पास कोई घर नहीं था।
दूसरी जातियों के लोग कहते थे, “हम नहीं चाहते कि वे हमारे पास रहें।”
16 वे लोग स्वयं यहोवा के द्वारा ही नष्ट किये गये थे।
उसने उनकी ओर फिर कभी नहीं देखा।
उसने याजकों को आदर नहीं दिया।
यहूदा के मुखिया लोगों के साथ वह मित्रता से नहीं रहा।
17 सहायता पाने की बाट जोहते—जोहते अपनी आँखों ने काम करना बंद किया, और अब हमारी आँखें थक गई है।
किन्तु कोई भी सहायता नहीं आई।
हम प्रतीक्षा करते रहे कि कोई ऐसी जाति आये जो हमको बचा ले।
हम अपनी निगरानी बुर्ज से देखते रह गये।
किन्तु किसी ने भी हम को बचाया नहीं।
18 हर समय दुश्मन हमारे पीछे पड़े रहे यहाँ तक कि हम बाहर गली में भी निकल नहीं पाये।
हमारा अंत निकट आया।
हमारा समय पूरा हो चुका था।
हमारा अंत आ गया!
19 वे लोग जो हमारे पीछे पड़े थे,
उनकी गती आकाश में उकाब की गति से तीव्र थी।
उन लोगों ने पहाड़ों के भीतर हमारा पीछा किया।
वे हमको पकड़ने को मरुभूमि में लुके—छिपे थे।
20 वह राजा जो हमारी नाकों के भीतर हमारा प्राण था,
गर्त में फँसा लिया गया था;
वह राजा ऐसा व्यक्ति था
जिसे यहोवा ने स्वयं चुना था।
राजा के बारे में हमने कहा था,
“उसकी छत्र छाया में हम जीवित रहेंगे,
उसकी छाया में हम जातियों के बीच जीवित रहेंगे।”
21 एदोम के लोगों, प्रसन्न रहो और आनन्दित रहो!
हे ऊज के निवासियों, प्रसन्न रहो!
किन्तु सदा याद रखो,
तुम्हारे पास भी यहोवा के क्रोध का प्याला आयेगा।
जब तुम उसे पिओगे, धुत्त हो जाओगे और स्वयं को नंगा कर डालोगे।
22 सिय्योन, तेरा दण्ड पूरा हुआ।
अब फिर से तू कभी बंधन में नहीं पड़ोगी।
किन्तु हे एदोम के लोगों, यहोवा तुम्हारे पापों का दण्ड देगा।
तुम्हारे पापों को वह उघाड़ देगा।
यहोवा से विनती:
5हे यहोवा, हमारे साथ जो घटा हैं, याद रख।
हे यहोवा, हमारे तिरस्कार को देख।
2 हमारी धरती परायों के हाथों में दे दी गयी।
हमारे घर परदेसियों के हाथों में दिये गये।
3 हम अनाथ हो गये।
हमारा कोई पिता नहीं।
हमारी माताएं विधवा सी हो गयी हैं।
4 पानी पीने तक हमको मोल देना पड़ता है, इंधन की लकड़ी तक खरीदनी पड़ती हैं।
5 अपने कन्धों पर हमें जुए का बोझ उठाना पड़ता है।
हम थक कर चूर होते हैं किन्तु विश्राम तनिक हमको नहीं मिलता।
6 हमने मिस्र के साथ एक वाचा किया;
अश्शूर के साथ भी हमने एक वाचा किया था कि पर्याप्त भोजन मिले।
7 हमारे पूर्वजों ने तेरे विरोध में पाप किये थे।
आज वे मर चुके हैं।
अब वे विपत्तियाँ भोग रहे हैं।
8 हमारे दास ही स्वामी बने हैं।
यहाँ कोई ऐसा व्यक्ति नहीं जो हमको उनसे बचा ले।
9 बस भोजन पाने को हमें अपना जीवन दांव पर लगाना पड़ता है।
मरुभूमि में ऐसे लोगों के कारण जिनके पास तलवार है हमें अपना जीवन दांव पर लगाना पड़ता है।
10 हमारी खाल तन्दूर सी तप रही है,
हमारी खाल तप रही उस भूख के कारण जो हमको लगी हैं।
11 सिय्योन की स्त्रियों के साथ कुकर्म किये गये हैं।
यहूदा की नगरियों की कुमारियों के साथ कुकर्म किये गये हैं।
12 हमारे राजकुमार फाँसी पर चढ़ाये गये;
उन्होंने हमारे अग्रजों का आदर नहीं किया।
13 हमारे वे शत्रुओं ने हमारे युवा पुरुषों से चक्की में आटा पिसवाया।
हमारे युवा पुरुष लकड़ी के बोझ तले ठोकर खाते हुये गिरे।
14 हमारे बुजुर्ग अब नगर के द्वारों पर बैठा नहीं करते।
हमारे युवक अब संगीत में भाग नहीं लेते।
15 हमारे मन में अब कोई खुशी नहीं है।
हमारा हर्ष मरे हुए लोगों के विलाप में बदल गया है।
16 हमारा मुकुट हमारे सिर से गिर गया है।
हमारी सब बातें बिगड़ गयी हैं, क्योंकि हमने पाप किये थे।
17 इसलिये हमारे मन रोगी हुए है; इन ही बातों से हमारी आँखें मद्धिम हुई है।
18 सिय्योन का पर्वत विरान हो गया है।
सिय्योन के पहाड़ पर अब सियार घूमते है।
19 किन्तु हे यहोवा, तेरा राज्य तो अमर हैं।
तेरा महिमापूर्ण सिंहासन सदा—सदा बना रहता है।
20 हे यहोवा, ऐसा लगता है जैसे तू हमको सदा के लिये भूल गया है।
ऐसा लगता है जैसे इतने समय के लिये तूने हमें अकेला छोड़ दिया है।
21 हे यहोवा, हमको तू अपनी ओर मोड़ ले।
हम प्रसन्नता से तेरे पास लौट आयेंगे; हमारे दिन फेर दे जैसे वह पहले थे।
22 क्या तूने हमें पूरी तरह बिसरा दिया
तू हम से बहुत क्रोधित रहा है।
समीक्षा
यीशु अभिषेकित मसीहा हैं
विलाप गीत के लेखक कहते हैं कि, ' हम परमेश्वर की ओर मन लगाएं और हाथ फैलाएं' (3:41). मन लगाना और हाथ उठाना साथ-साथ होना चाहिये. प्रार्थना में हाथ उठाना विचित्र या अनोखी बात नहीं है. यह पुराने और नये नियम में प्रार्थना का पारंपरिक तरीका है. लेखक लोगों को प्रार्थना करने और यह कहने के लिए बुलाता है कि, 'हम अपने चालचलन को ध्यान से परखें, और यहोवा की ओर फिरें!' (व.40). यह विश्वास के जीवन में एक महत्वपूर्ण अनुशासन है. यदि आपके जीवन में कोई ऐसा क्षेत्र है जिसे आपको बदलना जरूरी है, तो परमेश्वर कहिये.
यदि ऐसा है, तो परमेश्वर की ओर फिरें, अपने पापों का अंगीकार करें और पश्चाताप करें (व. 42 से आगे). अब आप जानते हैं कि यीशु ने आपके लिए जो किया है उसके कारण आप क्षमा कर दिये जाएंगे और परमेश्वर के साथ आपका संबंध फिर से गहरा हो जाएगा. यह पद पुराने नियम के अनेक पदों के समान है जो यीशु की ओर इशारा करते हैं.
विलाप गीत के लेखक कहते हैं, ' परन्तु हे यहोवा, तू तो सदा तक विराजमान रहेगा; तेरा राज्य पीढ़ी -पीढ़ी बना रहेगा' (5:19).
इब्रानियों की पुस्तक का लेखक कहता है: "हे परमेश्वर तेरा सिंहासन युगानुयुग रहेगा...... इस कारण परमेश्वर तेरे परमेश्वर ने तेरे साथियों से बढ़कर हर्ष रूपी तेल से तुझे अभिषेक किया।" (इब्रानियों 1:8-9). यीशु परमेश्वर के अभिषिक्त - मसीहा हैं.
वही हैं जिनका उल्लेख सभी वचन करते हैं. परमेश्वर के लोग प्रभु के अभिषिक्त की अपेक्षा कर रहे थे. विलाप गीत के लेखक 'प्रभु के अभिषिक्त के बारे में कहता है. "अभिषिक्त " के लिए इब्रानी में शब्द है - मसीहा", जिससे हमें मसीह शब्द मिला है. वह आगे कहता है, 'यह कटोरा तुझ तक भी पहुंचेगा,' (व.21). यीशु उस कटोरे के बारे में कहते हैं जिसे वह पीने पर थे (मरकुस 10:38; यूहन्ना 18:11). यीशु पाप के विरूद्ध परमेश्वर के क्रोध के कटोरे के बारे में सोच रहे थे.
परमेश्वर का क्रोध हमारे जैसा नहीं है. इसमें डाह, ओछापन या पाखंड के कोई तत्व नहीं रहते. यह पाप के प्रति परमेश्वर की पवित्र और प्रेमपूर्ण प्रतिक्रिया है. इस तरह के पद हमें यह समझने में मदद करते हैं कि परमेश्वर की नजर में हमारे पाप कितने गंभीर हैं और यह कितना अद्भुत है कि यीशु ने क्रूस पर आपके लिए और हमारे लिए परमेश्वर का क्रोध सहा.
भविष्यवक्ता देखते हैं कि अपने पापों के कारण वे परमेश्वर से अलग हो गए हैं: ' तू ने अपने को मेघ से घेर लिया है कि तुझ तक प्रार्थना न पहुंच सके,' (व. 3:44). जब यीशु ने परमेश्वर के क्रोध का कटोरा पीया और पापो के लिए शुद्धता प्रदान की, तो यह अवरोध हट गया. जब विलाप के गीत के लेखक ने प्रार्थना की तो उस प्रार्थना का यह उत्तर था, ' हे यहोवा, हम को अपनी ओर फेर, तब हम फिर सुधर जाएंगे। प्राचीनकाल की नाईं हमारे दिन बदल कर ज्यों के त्यों कर दे!' (5:21).
अभिषिक्त यीशु के कारण जिन्होंने परमेश्वर के क्रोध का कटोरा पीया, परमेश्वर की उपस्थिति मेघ से घिरी हुई नहीं रही और आपकी प्रार्थनाएं उन तक पहुँच सकती हैं. आप अपना हृदय और अपने हाथ परमेश्वर की ओर उठा सकते हैं. वह आपको पुनर्गठित करेंगे और आपको नया करेंगे.
हालाँकि बाइबल में न्याय के बारे में कई शब्द हैं, लेकिन उन्हें यीशु की दृष्टि से पढ़ा जा सकता है जिन्होंने परमेश्वर के चरित्र की सच्चाई प्रकट की और आपको पापो से शुद्ध किया है.
प्रार्थना
पिप्पा भी कहते है
इब्रानियों 1:7,14
' और स्वर्गदूतों के विषय में यह कहता है, कि वह अपने दूतों को पवन, और अपने सेवको को धधकती आग बनाता है।' (व.7).
' क्या वे सब सेवा टहल करने वाली आत्माएं नहीं; जो उद्धार पाने वालों के लिये सेवा करने को भेजी जाती हैं' (व.14).
यह सोचना कितना रोमांचकारी है कि स्वर्गदूत पूरी दुनिया में उड़ रहे हैं और परमेश्वर के लोगों तक मदद पहुँचा रहे हैं.
दिन का वचन
इब्रानियों 1:1-2
“र्व युग में परमेश्वर ने बाप दादों से थोड़ा थोड़ा करके और भांति भांति से भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा बातें कर के। इन दिनों के अन्त में हम से पुत्र के द्वारा बातें की, जिसे उस ने सारी वस्तुओं का वारिस ठहराया और उसी के द्वारा उस ने सारी सृष्टि रची है।”
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संदर्भ
मॅडोना, SPIN, मई 1985.
जहाँ पर कुछ बताया न गया हो, उन वचनों को पवित्र बाइबल, न्यू इंटरनैशनल संस्करण एन्ग्लिसाइड से लिया गया है, कॉपीराइट © 1979, 1984, 2011 बिबलिका, पहले इंटरनैशनल बाइबल सोसाइटी, हूडर और स्टोगन पब्लिशर की अनुमति से प्रयोग किया गया, एक हॅचेट यूके कंपनी सभी अधिकार सुरक्षित। ‘एनआईवी’, बिबलिका यू के का पंजीकृत ट्रेडमार्क संख्या 1448790 है।
जिन वचनों को (एएमपी, AMP) से चिन्हित किया गया है उन्हें एम्प्लीफाइड® बाइबल से लिया गया है. कॉपीराइट © 1954, 1958, 1962, 1964, 1965, 1987 लॉकमैन फाउंडेशन द्वारा प्राप्त अनुमति से उपयोग किया गया है। (www.Lockman.org)
जिन वचनों को (एमएसजी MSG) से चिन्हित किया गया है उन्हें मैसेज से लिया गया है। कॉपीराइट © 1993, 1994, 1995, 1996, 2000, 2001, 2002. जिनका प्रयोग एनएवीप्रेस पब्लिशिंग ग्रुप की अनुमति से किया गया है।