परमेश्वर आपसे कैसे बात करते हैं
परिचय
फ्योडर एक बेलगाम युवा व्यक्ति थे। उनका जीवन खाने-पीने, शराब पीने, बातें करने, गाना सुनने, थिएटर और महिलाओं की संगति में गुजरता था। उन्होंने प्रसिद्धी का सपना देखा। सार निकोलस वे दमनकारी राज्यकाल के दौरान रशिया में राजनैतिक और सामाजिक क्रांति के लिए आंदोलन में पकड़े गए। उन्हें गिरफ्तार किया गया, जाँच की गई और मृत्युदंड की सजा सुनाई गई।
बहुत ही ठंडी सुबह को, कैदियों को बाहर निकाला गया ताकि गोली मार दी जाए। जेल के पहरेदार ने अपनी बंदूक को कंधो पर लिया और निशाना साधा। अंतिम क्षण में, एक सफेद झंडा फहराया गया यह बताने के लिए कि सार ने उनके दंड को बदलकर सिबेरिया में उम्रकैद की सजा सुनाई है।
अठ्ठाईस की उम्र में, क्रिसमस की शाम 1849 में सिबरिया में आने पर, दो महिलाओं ने उन्हें चुपके से नया नियम दिया। जब थोड़े समय के लिए पहरेदार वहाँ से चले गए थे, उन्होंने सलाह दी कि वह सावधानी से पन्नों को पढ़ें। उन्होंने वह किया।
बंदीगृह में, फ्योडर डोस्टोयेस्की, महान रशियन उपन्यासकार, ने पूरा नया नियम पढ़ा और दिल से इसमें से बहुत कुछ सीखा। उन्होंने लिखा,’मैं विश्वास करता हूँ कि यीशु से अधिक कोई भी प्रेमी, गहरा, अत्यधिक दयालु और अत्यधिक सिद्ध नहीं है। ईर्ष्यालु प्रेम के साथ मैं अपने आपसे कहता हूँ कि ना केवल उनके जैसा कोई नहीं है, बल्कि उनकी तरह कोई नहीं होगा।’ बाईबल के द्वारा उनकी मुलाकात यीशु मसीह से हुई।
पौलुस प्रेरित वर्णन करते हैं कि संपूर्ण पवित्रशास्त्र ’परमेश्वर की प्रेरणा’ से रचा गया है (2तीमुथियुस 3:16)। बाईबल उस तरह से प्रेरित नहीं की गई है जैसे अभिनेता, कवी, संगीतकार और संगीत का प्रदर्शन करने वाले प्रेरित होते हैं। इसमें वास्तव में परमेश्वर का श्वास, उनकी आत्मा है। बाईबल एक मुख्य तरीका है जिससे परमेश्वर आपसे बात करते हैं।
भजन संहिता 119:89-96
लामेद्
89 हे यहोवा, तेरे वचन सदा अचल रहते हैं।
स्वर्ग में तेरे वचन सदा अटल रहते हैं।
90 सदा सर्वदा के लिये तू ही सच्चा है।
हे यहोवा, तूने धरती रची, और यह अब तक टिकी है।
91 तेरे आदेश से ही अब तक सभी वस्तु स्थिर हैं,
क्योंकि वे सभी वस्तुएँ तेरी दास हैं।
92 यदि तेरी शिक्षाएँ मेरी मित्र जैसी नहीं होती,
तो मेरे संकट मुझे नष्ट कर डालते।
93 हे यहोवा, तेरे आदेशों को मैं कभी नहीं भूलूँगा।
क्योंकि वे ही मुझे जीवित रखते हैं।
94 हे यहोवा, मैं तो तेरा हूँ, मेरी रक्षा कर।
क्यों क्योंकि तेरे आदेशों पर चलने का मैं कठिन जतन करता हूँ।
95 दुष्ट जन मेरे विनाश का यतन किया करते हैं,
किन्तु तेरी वाचा ने मुझे बुद्धिमान बनाया।
96 सब कुछ की सीमा है,
तेरी व्यवस्था की सीमा नहीं।
समीक्षा
बाईबल पढ़ने का आनंद लीजिए
अठारहवीं शताब्दी के फिलोसफर और मसीह के आलोचक, वोल्टेर ने कहा,’सौ साल के अंदर बाईबल अप्रचलित हो जाएगी और संचरण से बाहर हो जाएगी।’ सौ साल बाद बाईबल पहले से कही अधिक प्रचलित हुई। पेरिस में उनका खुद का घर बाईबल फैक्टरी में बदल दिया गया, हर घंटे बाईबल का उत्पादन करते हुए! जब हम बाईबल पर प्रहार के बारे में सुनते हैं, यह याद रखना अच्छी बात है कि यह कुछ नया नहीं है।
परमेश्वर का वचन ’अनंत’ है (व.90)। बाईबल पर हुए सभी प्रहारों के बावजूद यह जीवित है। ’ हे यहोवा, तेरा वचन आकाश में सदा तक स्थिर रहता है। तेरी सच्चाई पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहती है; तू ने पृथ्वी को स्थिर किया, इसलिये वह बनी है’ (वव.89-90, एम.एस.जी)।
बाईबल एक आनंद है। भजनसंहिता के लेखक वचनो को ’मेरा आनंद’ कहते हैं जो उन्होंने पढ़े हैं (व.92)।
यह बात उचित है कि, भजन संहिता में लंबा भजन, वचनो के विषय में होना चाहिए।
जब आप पर प्रहार होता है, तब परमेश्वर के वचन पर मनन कीजिएः’दुष्ट मेरा नाश करने के लिये मेरी घात में लगे हैं; परन्तु मैं आपकी चितौनियों पर ध्यान करता हूँ। जितनी बातें पूरी जान पड़ती हैं, उन सब को तो मैंने अधूरी पाया है, परन्तु आपकी आज्ञा का विस्तार बड़ा है’ (वव.95-96, एम.एस.जी)। परमेश्वर की आज्ञाएँ वहाँ पर आपको सुरक्षित रखने के लिए हैं, और परमेश्वर के वचन को याद रखना आपको हानि से सुरक्षित रखेगाः’ मैं आपके उपदेशों को कभी न भूलूँगा; क्योंकि उन्हीं के द्वारा आपने मुझे जिलाया है’ (व.93)।
प्रार्थना
2 तीमुथियुस 3:1-17
अंतिम दिनों में
3याद रखो अंतिम दिनों में हम पर बहुत बुरा समय आयेगा। 2 लोग स्वार्थी, लालची, अभिमानी, उद्दण्ड, परमेश्वर के निन्दक, माता-पिता की अवहेलना करने वाले, निर्दय, अपवित्र 3 प्रेम रहित, क्षमा-हीन, निन्दक, असंयमी, बर्बर, जो कुछ अच्छा है उसके विरोधी, 4 विश्वासघाती, अविवेकी, अहंकारी और परमेश्वर-प्रेमी होने की अपेक्षा सुखवादी हो जायेंगे। 5 वे धर्म के दिखावटी रूप का पालन तो करेंगे किन्तु उसकी भीतरी शक्ति को नकार देंगे। उनसे सदा दूर रहो।
6 क्योंकि इनमें से कुछ ऐसे हैं जो घरों में घुस पैठ करके पापी, दुर्बल इच्छा शक्ति की पापपूर्ण हर प्रकार की इच्छाओं से चलायमान स्त्रियों को वश में कर लेते हैं। 7 ये स्त्रियाँ सीखने का जतन तो सदा करती रहती हैं, किन्तु सत्य के सम्पूर्ण ज्ञान तक वे कभी नहीं पहुँच पाती। 8 यन्नेस और यम्ब्रेस ने जैसे मूसा का विरोध किया था, वैसे ही ये लोग सत्य के विरोधी हैं। इन लोगों की बुद्धि भ्रष्ट है और विश्वास का अनुसरण करने में ये असफल हैं। 9 किन्तु ये और अधिक आगे नहीं बढ़ पायेंगे क्योंकि जैसे यन्नेस और यम्ब्रेस की मूर्खता प्रकट हो गयी थी, वैसे ही इनकी मूर्खता भी सबके सामने उजागर हो जायेगी।
अंतिम आदेश
10 कुछ भी हो, तूने मेरी शिक्षा का पालन किया है। मेरी जीवन पद्धति, मेरे जीवन के उद्देश्य, मेरे विश्वास, मेरी सहनशीलता, मेरे प्रेम, मेरे धैर्य 11 मेरी उन यातनाओं और पीड़ाओं में मेरा साथ दिया है तुम तो जानते ही हो कि अंताकिया, इकुनियुम और लुस्त्रा में मुझे कितनी भयानक यातनाएँ दी गयी थीं जिन्हें मैंने सहा था। किन्तु प्रभु ने उन सबसे मेरी रक्षा की। 12 वास्तव में परमेश्वर की सेवा में जो नेकी के साथ जीना चाहते हैं, सताये ही जायेंगे। 13 किन्तु पापी और ठग दूसरों को छलते हुए तथा स्वयं छले जाते हुए बुरे से बुरे होते चले जायेंगे।
14 किन्तु तुमने जिन बातों को सीखा और माना है, उन्हें करते जाओ। तुम जानते हो कि उन बातों को तुमने किनसे सीखा है। 15 और तुझे पता है कि तू बचपन से ही पवित्र शास्त्रों को भी जानता है। वे तुझे उस विवेक को दे सकते हैं जिससे मसीह यीशु में विश्वास के द्वारा छुटकारा मिल सकता है। 16 सम्पूर्ण पवित्र शास्त्र परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है। यह लोगों को सत्य की शिक्षा देने, उनको सुधारने, उन्हें उनकी बुराइयाँ दर्शाने और धार्मिक जीवन के प्रशिक्षण में उपयोगी है। 17 जिससे परमेश्वर का प्रत्येक सेवक शास्त्रों का प्रयोग करते हुए हर प्रकार के उत्तम कार्यों को करने के लिये समर्थ और साधन सम्पन्न होगा।
समीक्षा
जैसे ही आप पढ़ते हैं यीशु को खोजिये
बाईबल यीशु के विषय में हैः’ और बचपन से पवित्रशास्त्र आपका जाना हुआ है, जो हमें मसीह पर विश्वास करने से उध्दार प्राप्त करने के लिये बुध्दिमान बना सकता है’ (व.15, एम.एस.जी)।
पौलुस ऐसे एक समाज को लिख रहे थे जो हमसे अलग नहीं। उन्होंने लिखाः
’ पर यह स्मरण रख कि अन्तिम दिनों में कठिन समय आएँगे। क्योंकि मनुष्य स्वार्थी, लोभी, डींगमार, अभिमानी, निन्दक, माता – पिता की आज्ञा टालने वाला, कृतघ्न, अपवित्र, दयारहित, क्षमारहित, दोष लगाने वाले, असंयमी, कठोर, भले के बैरी, विश्वासघाती, ढीट, घमण्डी, और परमेश्वर के नहीं वरन् सुखविलास ही के चाहने वाले होंगे’ (वव.1-4, एम.एस.जी)। पौलुस कहते हैं’ वे भक्ति का भेष तो धरेंगे, पर उनकी शक्ति को न मानेंगे’ (व.5)।
यह एक लौकिक विश्व और केवल नाम मात्र के भक्ति रखने वाले होंगे (यदि उनसे उनका धर्म पूछा जाए, तो वे कहेंगे कि वे मसीह हैं), लेकिन इसकी शक्ति को न मानेंगे। ऐसे भी लोग हैं जो इससे भी आगे बढ़ गए हैं जो सत्य का विरोध करते हैं (व.8)।
आप अलग बनने के लिए बुलाए गए हैं। विश्व का दबाव मजबूत है। पौलुस लिखते हैं,’किंतु तू...’ (व.14)। वह अपनी शिक्षा, उनके जीवन जीने का तरीका, उनका उद्देश्य, विश्वास, धीरज, प्रेम, सहनशीलता, सताव, कष्ट की ओर इशारा करते हैं (वव.10-11)। वह चेतावनी देते हैं कि ’ पर जितने मसीह यीशु में भक्ति के साथ जीवन बिताना चाहते हैं वे सब सताए जाएँगे’ (व.12, एम.एस.जी)। विरोध के द्वारा आश्चर्य मत कीजिए। ’पवित्र वचनो’ पर चट्टान की तरह मजबूत खड़े रहिये (व.15)।
कुछ किताबे जानकारी देती हैं और सुधारती हैं। बाईबल बदलाव लाती है। एक आदमी ने अपने पास्टर से शिकायत की कि वह अपनी बाईबल नहीं पढते हैं क्योंकि यह उनके काम में दखल देती है। जब पूछा गया कि उनका काम क्या था, उन्होंने जवाब दिया,’मैं एक जेबकतरा हूँ!’ बाईबल केवल आपके ज्ञान को बढ़ाने के लिए नहीं दी गई है। यह आपके जीवन को बदलने के लिए दी गई है।
बाईबल का उद्देश्य है आपको मसीह के बारे में बताना। वचन ’ जो तुझे मसीह पर विश्वास करने से उध्दार प्राप्त करने के लिये बुध्दिमान बना सकता है’ (व.15)। यीशु ने कहा,’वचन...मेरे विषय में गवाही देते हैं’ (यूहन्ना 5:40)। जैसा कि महान सुधारक, मार्टिन लूथर कहते हैं,’बाईबल वह पालना है जिसमें यीशु सोते हैं...हर वचन मसीह को बताता है।’
बहुत से दूसरों की तरह, बाईबल पढ़ने के द्वारा मैं मसीह में विश्वास करने लगा। लेकिन बाईबल से केवल आरंभिक विश्वास नहीं आता है। इससे आपका निरंतर विश्वास और वृद्धि आती है, क्योंकि ’ सम्पूर्ण पवित्रशास्त्र परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है और उपदेश, और समझाने, और सुधारने, और सत्यनिष्ठा की शिक्षा के लिये लाभदायक है, ताकि परमेश्वर का हर जन सिध्द बने, और हर एक भले काम के लिये तत्पर हो जाए’ (2तीमुथियुस 3:16-17, एम.एस.जी)। जैसा कि कॅथलिक चर्च के कॅटचिस्म इसे बताते हैं, वचन ’पवित्र आत्मा की प्रेरणा से लिखा गया है,परमेश्वर इसके रचयिता हैं।’
विश्वास और जीवन के सभी मामले में बाईबल हमारा अधिकार है। आप पता लगाते हैं कि परमेश्वर क्या कहते हैं (इसलिए आपको क्या विश्वास करना चाहिए) कष्ट उठाने, यीशु के विषय में, क्रूस के विषय में, इत्यादि। यह भी बाईबल में है कि आप पता लगाए कि परमेश्वर की नजरों में क्या गलत है और आप कैसे एक सत्यनिष्ठ जीवन जी सकते हैं। बाईबल का अध्ययन करना एक तरीका है ’हर भले काम के लिए तत्पर होने का’ (व.17)।
प्रार्थना
यिर्मयाह 50:11-51:14
11 “बाबुल, तुम उत्तेजित और प्रसन्न हो।
तुमने मेरा देश लिया।
तुम अन्न के चारों ओर नयी गाय की तरह नाचते हो।
तुम्हारी हँसी घोडों की हिनहिनाहट सी है।
12 अब तुम्हारी माँ बहुत लज्जित होगी
तुम्हें जन्म देने वाली माँ को ग्लानि होगी
बाबुल सभी राष्ट्रों की तुलना में सबसे कम महत्व का होगा।
वह एक सूनी मरुभूमि होगी।
13 यहोवा अपना क्रोध प्रकट करेगा।
अत: कोई व्यक्ति वहाँ नहीं रहेगा।
बाबुल नगर पूरी तरह खाली होगा।
बाबुल से गुजरने वाला हर एक व्यक्ति डरेगा।
वे अपना सिर हिलाएंगे।
जब वे देखेंगे कि यह किस बुरी तरह नष्ट हुआ है।
14 “बाबुल के विरुद्ध युद्ध की तैयारी करो।
सभी सैनिकों अपने धनुष से बाबुल पर बाण चलाओ।
अपने बाणों को न बचाओ।
बाबुल ने यहोवा के विरुद्ध पाप किया है।
15 बाबुल के चारों ओर के सैनिकों, युद्ध का उद्घोष करो।
अब बाबुल ने आत्म समर्पण कर दिया है।
उसकी दीवारों और गुम्बदों को गिरा दिया गया है।
यहोवा उन लोगों को वह दण्ड दे रहा है जो उन्हें मिलना चाहिये।
राष्ट्रों तुम बाबुल को वह दण्ड दो जो उसे मिलना चाहिये।
उसके साथ वह करो जो उसने अन्य राष्ट्रों के साथ किया है।
16 बाबुल के लोगों को उनकी फसलें न उगाने दो।
उन्हें फसलें न काटने दो।
बाबुल के सैनिक ने अपने नगर में अनेकों बन्दी लाए थे।
अब शत्रु के सैनिक आ गए हैं, अत: वे बन्दी अपने घर लौट रहे हैं।
वे बन्दी अपने देशों को वापस भाग रहे हैं।
17 “इस्राएल भेड़ की तरह है जिसे सिंहो ने पीछा करके भगा दिया है।
उसे खाने वाला पहला सिंह अश्शूर का राजा था।
उसकी हड्डियों को चूर करने वाला अंतिम सिंह बाबुल का राजा नबूकदनेस्सर था।
18 अत: सर्वशक्तिमान यहोवा, इस्राएल का परमेश्वर कहता है:
“मैं शीघ्र ही बाबुल के राजा और उसके देश को दण्ड दूँगा।
मैं उसे वैसे ही दण्ड दूँगा जैसे मैंने अश्शूर के राजा को दण्ड दिया।”
19 “किन्तु इस्राएल को मैं उसके खेतों में वापस लाऊँगा।
वह वही भोजन करेगा जो कर्मेल पर्वत और बाशान की भूमि की उपज है।
वह भोजन करेगा और भरा पूरा होगा।
वह एप्रैम और गिलाद भूमि में पहाड़ियों पर खायेगा।”
20 यहोवा कहता है, “उस समय लोग इस्राएल के अपराध को जानना चाहेंगे।
किन्तु कोई अपराध नहीं होगा।
लोग यहूदा के पापों को जानना चाहेंगे किन्तु कोई पाप नहीं मिलेगा।
क्यों क्योंकि मैं इस्राएल और यहूदा के कुछ बचे हुओं को बचा रहा हूँ और मैं उनके सभी पापों के लिये उन्हें क्षमा कर रहा हूँ।”
21 यहोवा कहता है, मरातैम देश पर आक्रमण करो।
पकोद के प्रदेश के निवासियों पर आक्रमण करो।
उन पर आक्रमण करो, उन्हें मार डालो और उन्हें पूरी तरह नष्ट कर दो।
वह सब करो जिसके लिये मैं आदेश दे रहा हूँ!
22 “युद्ध का घोष पूरे देश में सुना जा सकता है।
यह बहुत अधिक विध्वंस का शोर है।
23 बाबुल पूरी पृथ्वी का हथौड़ा था।
किन्तु अब ‘हथौड़ा’ टूट गया और बिखर गया है।
बाबुल सच में सबसे अधिक बरबाद राष्ट्रों में से एक है।
24 बाबुल, मैंने तुम्हारे लिए एक जाल बिछाया,
और जानने के पहले ही तुम इसमें आ फँसे।
तुम यहोवा के विरुद्ध लड़े,
इसलिये तुम मिल गए और पकड़े गए।
25 यहोवा ने अपना भण्डार गृह खोल दिया है।
यहोवा ने भण्डार गृह से अपने क्रोध के अस्त्र शस्त्र निकाले हैं।
सर्वशक्तिमान परमेश्वर यहोवा ने उन अस्त्र शस्त्रों को निकाला हैं क्योंकि उसे काम करना है।
उसे कसदी लोगों के देश में काम करना है।
26 “अति दूर से बाबुल के विरुद्ध आओ, उसके अन्न भरे भण्डार गृहों को तोड़कर खोलो।
बाबुल को पूरी तरह नष्ट करो और किसी को जीवित न छोड़ो।
उसके शवों को अन्न के बड़े ढेर की तरह एक ढेर में लगाओ।
27 बाबुल के सभी युवकों को मार डालो।
उनका नहसंहार होने दो।
उनकी पराजय का समय आ गया है।
अत: उनके लिये बहुत बुरा होगा।
यह उनके दण्डित होने का समय है।
28 लोग बाबुल देश से भाग रहे है, वे उस देश से बच निकल रहे हैं।
वे लोग सिय्योन को आ रहे हैं और वे सभी से वह कह रहे हैं जो यहोवा कर रहा है।
वे कह रहे हैं कि बाबुल को, जो दण्ड मिलना चाहिये।
यहोवा उसे दे रहा है।
बाबुल ने यहोवा के मन्दिर को नष्ट किया, अत:
अब यहोवा बाबुल को नष्ट कर रहा है।
29 “धनुर्धारियों को बाबुल के विरुद्ध बुलाओ।
उन लोगों से नगर को घेरने को कहो।
किसी को बच निकलते मत दो। जो उसने बुरा किया है उसका उल्टा भुगतान करो।
उसके साथ वही करो जो उसने अन्य राष्ट्रों के साथ किया है।
बाबुल ने यहोवा का सम्मान नहीं किया।
बाबुल इस्राएल के पवित्रतम के प्रति बड़ा क्रूर रहा।
अत: बाबुल को दण्ड दो।
30 बाबुल के युवक सड़कों पर मारे जाएंगे, उस दिन उसके सभी सैनिक मर जाएंगे।
यह सब यहोवा कहता है।
31 “बाबुल, तुम बहुत गर्वीले हो,
और मैं तुम्हारे विरुद्ध हूँ।”
हमारा स्वामी सर्वशक्तिमान यहोवा यह सब कहता है।
“मैं तुम्हारे विरुद्ध हूँ,
और तुम्हारे दण्डित होने का समय आ गया है।
32 गर्वीला बाबुल ठोकर खाएगा और गिरेगा
और कोई व्यक्ति उसे उठाने में सहायता नहीं करेगा।
मैं उसके नगरों में आग लगाऊँगा,
वह आग उसके चारों ओर के सभी को पूरी तरह जला देगी।”
33 सर्वशक्तिमान यहोवा कहता है,
“इस्राएल और यहूदा के लोग दास हैं।
शत्रु उन्हें ले गया, और शत्रु इस्राएल को निकल जाने नहीं देगा।
34 किन्तु परमेश्वर उन लोगों को वापस लाएगा।
उसका नाम सर्वशक्तिमान परमेश्वर यहोवा है।
वह दृढ़ शक्ति से उन लोगों की रक्षा करेगा।
वह उनकी रक्षा करेगा जिससे वह पृथ्वी को विश्राम दे सके।
किन्तु वह बाबुल के निवासियों को विश्राम नहीं देगा।”
35 यहोवा कहता है,
“बाबुल के निवासियों को तलवार के घाट उतर जाने दो।
बाबुल के राजकीय अधिकारियों
और ज्ञानियों को भी तलवार से कट जाने दो।
36 बाबुल के याजकों को तलवार के घाट उतरने दो।
वे याजक मूर्ख लोगों की तरह होंगे।
बाबुल के सैनिकों को तलवार से कटने दो, वे सैनिक त्रास से भर जाएंगे।
37 बाबुल के घोड़ों और रथों को तलवार के घाट उतरने दो।
अन्य देशों के भाड़े के सैनिकों को तलवार से कट जाने दो।
वे सैनिक भयभीत अबलाओं की तरह होंगे।
बाबुल के खजाने के विरुद्ध तलवार उठने दो, वे खजाने ले लिये जाएंगे।
38 बाबुल की नदियों के विरुद्ध तलवार उठने दो।
वे नदियाँ सूख जाएंगी।
बाबुल देश में असंख्य देवमूर्तियाँ हैं।
वे मूर्तियाँ प्रकट करती हैं कि बाबुल के लोग मूर्ख हैं।
अत: उन लोगों के साथ बुरी घटनायें घटेंगी।
39 “बाबुल फिर लोगों से नहीं भरेगा, जंगली कुत्ते, शुतुरमुर्ग और अन्य मरुभूमि के जानवर वहाँ रहेंगे।
किन्तु वहाँ कभी कोई मनुष्य फिर नहीं रहेगा।
40 परमेश्वर ने सदोम, अमोरा और उनके चारों ओर के नगरों को पूरी तरह से नष्ट किया था
और अब उन नगरों में कोई नहीं रहता।
इसी प्रकार बाबुल में कोई नहीं रहेगा
और कोई मनुष्य वहाँ रहने कभी नहीं जायेगा।
41 “देखो, उत्तर से लोग आ रहे हैं,
वे एक शक्तिशाली राष्ट्र से आ रहे हैं।
पूरे संसार के चारों ओर से एक साथ बहुत से राजा आ रहे हैं।
42 उनकी सेना के पास धनुष और भाले हैं, सैनिक क्रूर हैं, उनमें दया नहीं है।
सैनिक अपने घोड़ों पर सवार आ रहे हैं, और प्रचण्ड घोष सागर की तरह गरज रहे हैं।
वे अपने स्थानों पर युद्ध के लिये तैयार खड़े हैं।
बाबुल नगर वे तुम पर आक्रमण करने को तत्पर हैं।
43 बाबुल के राजा ने उन सेनाओं के बारे में सुना, और वह आतंकित हो गया।
वह इतना डर गया है कि उसके हाथ हिल नहीं सकते।
उसके डर से उसके पेट में ऐसे पीड़ा हो रही है, जैसे वह प्रसव करने वाली स्त्री हो।”
44 यहोवा कहता है, “कभी यरदन नदी के पास की घनी झाड़ियों से एक सिंह निकलेगा।
वह सिंह उन खेतों में आएगा जहाँ लोग अपने जानवर रखते हैं और सब जानवर भाग जाएंगे।
मैं उस सिंह की तरह होऊँगा।
मैं बाबुल को, उसके देश से पीछा करके भगाऊँगा।
यह करने के लिये मैं किसे चुनूँगा कोई व्यक्ति मेरे समान नहीं है।
ऐसा कोई व्यक्ति नहीं जो मुझे चुनौती दे सके।
अत: इसे मैं करूँगा।
कोई गडेरिया मुझे भगाने नहीं आएगा।
मैं बाबुल के लोगों को पीछा करके भगाऊँगा।”
45 बाबुल के साथ यहोवा ने जो करने की योजना बनाई है, उसे सुनो।
बाबुल लोगों के लिये यहोवा ने जो करने का निर्णय लिया है उसे सुनो।
दुश्मन दुध मुँहे को, बाबुल के समूह (लोगों) से खींच लेगा।
बाबुल के चरागाह, उनके कृत्यों के कारण खाली हो जायेंगे।
46 बाबुल का पतन होगा,
और वह पतन पृथ्वी को कंपकंपा देगा।
सभी राष्ट्रों के लोग
बाबुल के विध्वस्त होने के बारे में सुनेंगे।
51यहोवा कहता है,
“मैं एक प्रचण्ड आँधी उठाऊँगा।
मैं इसे बाबुल और बाबुल के लोगों के विरुद्ध बहाऊँगा।
2 मैं बाबुल को ओसाने के लिये लोगों को भेंजूँगा।
वे बाबुल को ओसा देंगे।
वे लोग बाबुल को सूना बना देंगे।
सेनायें नगर का घेरा डालेंगी और भयंकर विध्वंस होगा।
3 बाबुल के सैनिक अपने धनुष—बाण का उपयोग नहीं कर पाएंगे।
वे सैनिक अपना कवच भी नहीं पहन सकेंगे।
बाबुल के युवकों के लिये दु:ख अनुभव न करो।
उसकी सेना को पूरी तरह नष्ट करो।
4 बाबुल के सैनिक कसदियों की भूमि में मारे जाएंगे।
वे बाबुल की सड़कों पर बुरी तरह घायल होंगे।”
5 सर्वशक्तिमान यहोवा ने इस्राएल व यहूदा के लोगों को विधवा सा अनाथ नहीं छोड़ा है।
परमेश्वर ने उन लोगों को नहीं छोड़ा।
नहीं वे लोग इस्राएल के पवित्रतम को छोड़ने के अपराधी हैं।
उन्होंने उसको छोड़ा किन्तु उसने इनको नहीं छोड़ा।
6 बाबुल से भाग चलो।
अपना जीवन बचाने के लिये भागो।
बाबुल के पापों के कारण वहाँ मत ठहरो और मारे न जाओ।
यह समय है जब यहोवा बाबुल के लोगों को उन बुरे कामों का दण्ड देगा जो उन्होंने किये।
बाबुल को दण्ड मिलेगा जो उसे मिलना चाहिए।
7 बाबुल यहोवा के हाथ का सुनहले प्याले जैसा था।
बाबुल ने पूरी पृथ्वी को मतवाला बना डाला।
राष्ट्रों ने बाबुल की दाखमधु पी।
अत: वे पागल हो उठे।
8 बाबुल का पतन होगा और वह अचानक टूट जाएगा।
उसके लिये रोओ!
उसकी पीड़ा की औषधि लाओ!
कदाचित् वह स्वस्थ हो जाये!
9 हमने बाबुल को स्वस्थ करने को प्रयत्न किया,
किन्तु वह स्वस्थ न हुआ।
अत: हम उसे छोड़ दे और अपने अपने देशों को लौट चले।
बाबुल का दण्ड आकाश का परमेश्वर निश्चित करेगा,
वह निर्णय करेगा कि बाबुल का क्या होगा।
वह बादलों के समान ऊँचा हो गया है।
10 यहोवा ने हम लोगों के लिये बदला लिया।
आओ इस बारे में सिय्योन में बतायें।
हम यहोवा हमारे परमेश्वर ने जो कुछ किया है उसके बारे में बतायें।
11 बाणों को तेज करो! ढाल ओढ़ो।
यहोवा ने मादी के राजाओं को जगा दिया है।
उसने उन्हें जगाया है क्योंकि वह बाबुल को नष्ट करना चाहता है।
यहोवा बाबुल के लोगों को वह दण्ड देगा जिसके वे पात्र हैं।
बाबुल की सेना ने यरूशलेम में यहोवा के मन्दिर को ध्वस्त किया था।
अत: यहोवा उन्हें वह दण्ड देगा जो उन्हें मिलना चाहिये।
12 बाबुल की दीवारों के विरुद्ध झण्डे उठा लो।
अधिक रक्षक लाओ।
चौकीदारों को उनके स्थान पर रखो।
एक गुप्त आक्रमण के लिये तैयार हो जाओ।
यहोवा वह करेगा जो उसने योजना बनाई है।
यहोवा वह करेगा जो उसने बाबुल के लोगों के विरुद्ध करने को कहा।
13 बाबुल तुम प्रभूत जल के पास हो।
तुम खजाने से पूर्ण हो।
किन्तु राष्ट्र के रूप में तुम्हारा अन्त आ गया है।
यह तुम्हें नष्ट कर देने का समय है।
14 सर्वशक्तिमान यहोवा ने यह प्रतिज्ञा अपना नाम लेकर की है:
“बाबुल मैं तुम्हें निश्चय ही असंख्य शत्रु सेना से भर दूँगा।
वे टिड्डी दल के समान होंगे।
वे सैनिक तुम्हारे विरुद्ध जीतेंगे और वे तुम्हारे ऊपर खड़े होंगे एवं अपना विजय घोष करेंगे।”
समीक्षा
परमेश्वर के वचनो को सुनिये और उनका अभ्यास कीजिए
हम सभी अपना भरोसा और सुरक्षा कहीं न कही रखते हैं। प्रलोभन आता है कि अपना भरोसा और सुरक्षा अपने पैसे, पढ़ाई, नौकरी, स्वास्थ, परिवार या मित्रों में रखें। इन चीजों में कोई परेशानी नहीं है, लेकिन केवल एकमात्र बिल्कुल सुरक्षित स्थान है, जिसमें आपको भरोसा रखना चाहिए, और वह है परमेश्वर।
यिर्मयाह के इन अंतिम अध्यायों में हमने देखा कि कैसे सारे देशों ने अपनी सुरक्षा और भरोसा ऐसी चीजों पर रखा जो इसे पूरा नहीं कर पाये। आज हम पढते हैं कि कैसे बेबीलोन के लोगों ने इसकी नदियों और इसकी संपत्ति में भरोसा रखाः’ हे बहुत जलाशयों के बीच बसी हुई और बहुत भण्डार रखने वाली...’ (51:13)। एक के बाद एक करके, यिर्मयाह इन झूठी आशाओं को समाप्त कर देते हैं।
बार-बार यिर्मयाह अपने पढ़ने वालों को विश्व की चीजों के बजाय, परमेश्वर का वचन और वाचाएँ सुनने के लिए पुकारते हैं। दो पदबंध जो बार बार दोहराई गई हैं:’ सेनाओं का यहोवा यों कहता है’ (50:18,33;51:1), और ’ यहोवा की यह वाणी है’ (50:21,30,40)।
हमें उनका वचन सुनने के लिए उत्साहित किया गया है,’ जो आज्ञा मैं तुझे देता हूँ, उन सभी के अनुसार कर’ (व.21, एम.एस.जी), और ’अच्छे समाचार का प्रचार कर’ (51:10, एम.एस.जी)। आप उनके वचन के वायदे पर अपने जीवन को बना सकते हैं। आपको परमेश्वर का वचन सुनना है और उनका अभ्यास करना है (मत्ती 7:24-27 देखें।
दो महान चीजें हैं जिसका वायदा परमेश्वर उनसे करते हैं जो उनके वचन को सुनते हैं, उनमें भरोसा रखते हैं और उनके वचन का अभ्यास करते हैं।
पहला, वह संतुष्टि का वायदा करते हैं। आपकी आत्मिक भूख केवल परमेश्वर के साथ एक संबंध के द्वारा तृप्त हो सकती है (यिर्मयाह 50:19), जिसे यीशु संभव बनाने के लिए आये।
दूसरा, वह आपके पापो की पूर्ण क्षमा और आपके अपराधों को हटा देने का वायदा करते हैं:’यहोवा की यह वाणी है, कि उन दिनों में इस्राएल के पाप ढूँढ़ने पर भी नहीं मिलेंगे, और यहूदा के पाप खोजने पर भी नहीं मिलेंगे; क्योंकि जिन्हें मैं बचाउँ, उनके पाप भी क्षमा कर दूँगा’ (व.20, एम.एस.जी)। इस्राएल और यहूदा से परमेश्वर ने जो वायदा किया था, वह क्रूस पर यीशु के द्वारा पूरा हुआ। चाहे जितनी सावधानी से खोज की जाए, कोई भी आपमें किसी पाप या दोष को नहीं खोज पायेगा, यीशु ने जो कर दिया है उसके कारण।
प्रार्थना
पिप्पा भी कहते है
’ और बचपन से पवित्रशास्त्र तेरा जाना हुआ है, जो तुझे ...बुध्दिमान बना सकता है’
यह महत्वपूर्ण है कि बचपन से ही बाईबल पढ़ना और सीखना शुरु कर देना चाहिए। शुरुवात करने के लिए कभी कभी बहुत जल्दी नहीं है, यहाँ तक कि यदि, जैसा कि हमारे पोते ने किया, वे पन्नों को खा जाते हैं!’
दिन का वचन
2 तीमुथियुस 3:16-17
“हर एक पवित्रशास्त्र परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है और उपदेश, और समझाने, और सुधारने, और धर्म की शिक्षा के लिये लाभदायक है। ताकि परमेश्वर का जन सिद्ध बने, और हर एक भले काम के लिये तत्पर हो जाए॥”
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संदर्भ
जहाँ पर कुछ बताया न गया हो, उन वचनों को पवित्र बाइबल, न्यू इंटरनैशनल संस्करण एन्ग्लिसाइड से लिया गया है, कॉपीराइट ऊ 1979, 1984, 2011 बिबलिका, पहले इंटरनैशनल बाइबल सोसाइटी, हूडर और स्टोगन पब्लिशर की अनुमति से प्रयोग किया गया, एक हॅचेट यूके कंपनी सभी अधिकार सुरक्षित। ‘एनआईवी’, बिबलिका यू के का पंजीकृत ट्रेडमार्क संख्या 1448790 है।
जिन वचनों को (एएमपी, AMP) से चिन्हित किया गया है उन्हें एम्प्लीफाइडऍ बाइबल से लिया गया है. कॉपीराइट ऊ 1954, 1958, 1962, 1964, 1965, 1987 लॉकमैन फाउंडेशन द्वारा प्राप्त अनुमति से उपयोग किया गया है। (www.Lockman.org)
जिन वचनों को (एमएसजी MSG) से चिन्हित किया गया है उन्हें मैसेज से लिया गया है। कॉपीराइट ऊ 1993, 1994, 1995, 1996, 2000, 2001, 2002. जिनका प्रयोग एनएवीप्रेस पब्लिशिंग ग्रुप की अनुमति से किया गया है।