दिन 215

मुर्झाए बिना काम करना

बुद्धि भजन संहिता 90:11-17
नए करार रोमियों 16:1-27
जूना करार 1 इतिहास 15:1-16:36

परिचय

“क्या परमेश्वर आपके काम में रूचि लेते हैं?” बहुत से लोग परमेश्वर को 24/7 परमेश्वर के रूप में नहीं देखते हैं, लेकिन एक नायक के रूप में जो रविवार के प्रदर्शन तक सीमित है जिसके दर्शकों की संख्या घटती रहती है। एक विख्यात रायह है कि परमेश्वर और काम मिलते नहीं हैः प्रतिस्पर्धात्मक, काम जगत की मांगे, मसीह करुणा और प्रेम के निश्चित शत्रु के रूप में दिखाई देते हैं। लेकिन परमेश्वर जिन्होंने विश्व का निर्माण किया और इसे बनाए रखते हैं वह काम के स्थान के भी परमेश्वर हैं। यदि मसीह विश्वास काम के स्थान में महत्वपूर्ण नहीं है, तो यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है।”

ये मेरे एक घनिष्ठ मित्र केन कोस्टा के वचन हैं, परमेश्वर के कार्य नामक उनकी पुस्तक में (godatwork.org.uk भी देखें)। चालीस से अधिक वर्षों से, केन मसीह सेवकाई से अपने विश्वास को जी रहे हैं –लंदन शहर के “लौकिक” कार्यस्थल में। और वह इसे एक मसीह के रूप में अपनी प्राथमिक बुलाहट के रूप में देखते हैं।

जो कोई कार्य आप करने के लिए बुलाए गए हैं, इसमें शायद से आपके जीवन का एक बड़ा भाग लगेगा। काम परमेश्वर की “अर्थव्यवस्था” का एक महत्वपूर्ण भाग है। यह उसका भाग है जो आप करने के लिए सृजे गए थे, और उसका भाग है जो आप स्वर्ग में करेंगे। काम का एक आंतरिक मूल्य है।

बुद्धि

भजन संहिता 90:11-17

11 हे परमेश्वर, सचमुच कोई भी व्यक्ति तेरे क्रोध की पूरी शक्ति नहीं जानता।
 किन्तु हे परमेश्वर, हमारा भय और सम्मान तेरे लिये उतना ही महान है, जितना क्रोध।
12 तू हमको सिखा दे कि हम सचमुच यह जाने कि हमारा जीवन कितना छोटा है।
 ताकि हम बुद्धिमान बन सकें।

13 हे यहोवा, तू सदा हमारे पास लौट आ।
 अपने सेवकों पर दया कर।
14 प्रति दिन सुबह हमें अपने प्रेम से परिपूर्ण कर,
 आओ हम प्रसन्न हो और अपने जीवन का रस लें।
15 तूने हमारे जीवनों में हमें बहुत पीड़ा और यातना दी है, अब हमें प्रसन्न कर दे।
16 तेरे दासों को उन अद्भुत बातों को देखने दे जिनको तू उनके लिये कर सकता है,
 और अपनी सन्तानों को अपनी महिमा दिखा।

17 हमारे परमेश्वर, हमारे स्वमी, हम पर कृपालु हो।
 जो कुछ हम करते हैं
 तू उसमें सफलता दे।

समीक्षा

आपके काम का अनंत मूल्य है

हाल ही में, बिल हेबेल ने हमारी मंडली को इन शब्दों के साथ चुनौती दीः “अब आप क्या कर रहे हैं जो आपसे अधिक जीएगा?”

भजनसंहिता 90 जीवन की संक्षिप्तता के विषय में है (वव.3-4,10)। किंतु, यद्यपि आपका जीवन छोटा और क्षणिक है, इस भजन के अनुसार, यह संभव है कि आपका काम आपसे अधिक जीए। जो आप करते हैं वह अनंत महत्व बना सकता है। आशा के एक उद्घोष के साथ इस भजन का समापन होता हैः”हमारे परमेश्वर यहोवा की मनोहरता हम पर प्रकट हो, तू हमारे हाथों के काम हमारे लिये दृढ़ कर, हमारे हाथों के काम को दृढ़ कर” (व.17)।

आपके काम का महत्व इस तथ्य को दर्शाता है कि परमेश्वर भी एक कर्ता हैं। भजनसंहिता के लेखक कहते हैं, “तेरा काम तेरे दासों को, और तेरा प्रताप उनकी संतान पर प्रकट हो” (व.16, ए.एम.पी.)।

मुर्झाये बिना काम करने में, जेगो विन लिखते हैं, “हम यह सोचते हैं कि हमारे काम जैसी चीजें, तो तब होती है जब हम पृथ्वी पर हैं, ये क्षणिक और कुछ समय से बढ़कर नहीं हैं।

बाईबल एक अलग चित्र बनाती है। जब यीशु वापस आयेंगे, तब परमेश्वर इस पृथ्वी को मिटायेंगे नहीं, बल्कि वह इसे नया बनायेंगे, इसे छुड़ायेंगे और इसे इसके दासत्व से छुड़ायेंगे...मनुष्य के काम शुद्ध किए जायेंगे और छुड़ायें जाएंगे, ताकि यह पाप से मुक्त हो, जैसे कि हम पाप से मुक्त होंगे। लेकिन काम निश्चित ही नई सृष्टि का एक भाग होगा।” यही कारण है कि परमेश्वर से यह मांगना सही बात है कि “हमारे हाथों के कामों को स्थापित करिए” (व.17ब)।

प्रार्थना

परमेश्वर, होने दीजिए कि आपकी कृपादृष्टि मुझ पर हो। मेरे लिए मेरे हाथों के कामों को दृढ़ कीजिए। होने दीजिए कि मेरे काम मुझसे अधिक जीएँ और भलाई के लिए एक अनंत प्रभाव बनायें।
नए करार

रोमियों 16:1-27

रोम के मसीहियों को पौलूस का संदेश

16मैं किंख्रिया की कलीसिया की विशेष सेविका हमारी बहन फ़ीबे की तुम से सिफारिश करता हूँ 2 कि तुम उसे प्रभु में ऐसी रीति से ग्रहण करो जैसी रीति परमेश्वर के लोगों के योग्य है। उसे तुमसे जो कुछ अपेक्षित हो सब कुछ से तुम उसकी मदद करना क्योंकि वह मुझे समेत बहुतों की सहायक रही है।

3 प्रिस्का और अक्किला को मेरा नमस्कार। वे यीशु मसीह में मेरे सहकर्मी हैं। 4 उन्होंने मेरे प्राण बचाने के लिये अपने जीवन को भी दाव पर लगा दिया था। न केवल मैं उनका धन्यवाद करता हूँ बल्कि ग़ैर यहूदियों की सभी कलीसिया भी उनके धन्यवादी हैं।

5 उस कलीसिया को भी मेरा नमस्कार जो उनके घर में एकत्र होती है।

मेरे प्रिय मित्र इपनितुस को मेरा नमस्कार जो एशिया में मसीह को अपनाने वालों में पहला है।

6 मरियम को, जिसने तुम्हारे लिये बहुत काम किया है नमस्कार।

7 मेरे कुटुम्बी अन्द्रनीकुस और यूनियास को, जो मेरे साथ कारागार में थे और जो प्रमुख धर्म-प्रचारकों में प्रसिद्ध हैं, और जो मुझ से भी पहले मसीह में थे, मेरा नमस्कार।

8 प्रभु में मेरे प्रिय मित्र अम्पलियातुस को नमस्कार। 9 मसीह में हमारे सहकर्मी उरबानुस तथा

मेरे प्रिय मित्र इस्तुखुस को नमस्कार। 10 मसीह में खरे और सच्चे अपिल्लेस को नमस्कार।

अरिस्तुबुलुस के परिवार को नमस्कार। 11 यहूदी साथी हिरोदियोन को नमस्कार।

नरकिस्सुस के परिवार के उन लोगों को नमस्कार जो प्रभु में हैं। 12 त्रुफेना और त्रुफोसा को जो प्रभु में परिश्रमी कार्यकर्ता हैं, नमस्कार।

मेरी प्रिया परसिस को, जिसने प्रभु में कठिन परिश्रम किया है, मेरा नमस्कार।

13 प्रभु के असाधारण सेवक रूफुस को और उसकी माँ को, जो मेरी भी माँ रही है, नमस्कार।

14 असुंक्रितुस, फिलगोन, हिर्मेस, पत्रुबास, हिर्मोस और उनके साथी बंधुओं को नमस्कार।

15 फिलुलुगुस, यूलिया, नेर्युस तथा उसकी बहन उलुम्पास और उनके सभी साथी संतों को नमस्कार।

16 तुम लोग पवित्र चुंबन द्वारा एक दूसरे का स्वागत करो।

तुम्हें सभी मसीही कलीसियों की ओर से नमस्कार।

17 हे भाइयो, मैं तुमसे प्रार्थना करता हूँ कि तुमने जो शिक्षा पाई हैं, उसके विपरीत तुममें जो फूट डालते हैं और दूसरों के विश्वास को बिगाड़ते हैं, उनसे सावधान रहो, और उनसे दूर रहो। 18 क्योंकि ये लोग हमारे प्रभु यीशु मसीह की नहीं बल्कि अपने पेट की उपासना करते हैं। और उपनी खुशामद भरी चिकनी चुपड़ी बातों से भोले भाले लोगों के ह्रदय को छलते हैं। 19 तुम्हारी आज्ञाकारिता की चर्चा बाहर हर किसी तक पहुँच चुकी है। इसलिये तुमसे मैं बहुत प्रसन्न हूँ। किन्तु मैं चाहता हूँ कि तुम नेकी के लिये बुद्धिमान बने रहो और बुराई के लिये अबोध रहो।

20 शांति का स्रोत परमेश्वर शीघ्र ही शैतान को तुम्हारे पैरों तले कुचल देगा।

हमारे प्रभु यीशु मसीह का तुम पर अनुग्रह हो।

21 हमारे साथी कार्यकर्ता तीमुथियुस और मेरे यहूदी साथी लूकियुस, यासोन तथा सोसिपत्रुस की ओर से तुम्हें नमस्कार।

22 इस पत्र के लेखक मुझ तिरतियुस का प्रभु में तुम्हें नमस्कार।

23 मेरे और समूची कलीसिया के आतिथ्यकर्ता गयुस का तुम्हें नमस्कार। इरास्तुस जो नगर का खजांची है और हमारे बन्धुक्वारतुस का तुम को नमस्कार। 24

25 उसकी महिमा हो जो तुम्हारे विश्वास के अनुसार यानी यीशु मसीह के सन्देश के जिस सुसमाचार का मैं उपदेश देता हूँ उसके अनुसार तुम्हें सुदृढ़ बनाने में समर्थ है। परमेश्वर का यह रहस्यपूर्ण सत्य युगयुगान्तर से छिपा हुआ था। 26 किन्तु जिसे अनन्त परमेश्वर के आदेश से भविष्यवक्ताओं के लेखों द्वारा अब हमें और ग़ैर यहूदियों को प्रकट करके बता दिया गया है जिससे विश्वास से पैदा होने वाली आज्ञाकारिता पैदा हो। 27 यीशु मसीह द्वारा उस एक मात्र ज्ञानमय परमेश्वर की अनन्त काल तक महिमा हो। आमीन!

समीक्षा

अपने आपको पूरी तरह से परमेश्वर के काम के लिए दीजिए

एक मसीह होने का अर्थ है काम में नियुक्त किया जाना, विशेषरूप से सुसमाचार के कार्य में। रोमियों के लिए पौलुस के पत्र के अंत में लोगों की एक सूची को अभिवादन किया गया है। इसमें, वह उनके काम के महत्व पर अधिक जोर देते हैं।

प्रिसकिल्ला और अक्विला को “यीशु मसीह में उनके सहकर्मी” के रूप में उनका वर्णन किया गया है (व.3)। मरियम “ने तुम्हारे लिए बहुत कठिन परिश्रम किया” (व.6)। उरबानुस “मसीह में हमारा सहकर्मी” था (व.9)। त्रूफेना और त्रूफोसा को जो प्रभु में परिश्रम करती हैं (व.12)। तीमुथियुस “मेरा सहकर्मी है” (व.21)।

दूसरी जगह पौलुस लिखते हैं, “ क्योंकि तुम खुद जानते हो कि किस रीति से हमारी सी चाल चलनी चाहिए, क्योंकि हम तुम्हारे बीच में अनुचित चाल न चले, और किसी की रोटी मुफ्त में न खाई; पर परिश्रम और कष्ट से रात दिन काम धन्धा करते थे कि तुम में से किसी पर भार न हो। यह नहीं कि हमें अधिकार नहीं, पर इसलिये कि अपने आप को तुम्हारे लिये आदर्श ठहराएँ कि तुम हमारी सी चाल चलो” (2 थिस्सलुनिकियो 3:7-9)।

शायद से पौलुस मसीह के सबसे प्रभावी सेवक थे, लेकिन वह सेवकाई में “पूर्ण-समय” नहीं थे। वह एक तंबू बनाने वाले थे जो अपने लिए कमाते थे।

इसी तरह से, रोमियों 16 में वर्णन किए गए लोगों में सभी मसीह सेवकाई में पूर्ण समय के लिए नहीं थे। इरास्तुस जो नगर का भण्डारी था (व.23)। इसमें कोई संदेह नहीं कि उन्होंने अपने काम को अपनी प्राथमिक बुलाहट और सेवकाई समझा। इस तरह से हम सभी सेवकाई में पूर्ण समय के लिए शामिल हैं - चाहे हम चर्च में, या लौकिक विश्व में पूर्ण -समय कार्य करने के लिए बुलाए गए हैं।

यह जानना भी दिलचस्प बात है कि कितनी महिलाएँ चर्च में काम करती थी। फीबे (व.1) का वर्णन डायकोनस ( एक सेविका) के रूप में किया गया है – ग्रीक शब्द का अर्थ है डिकन, या सेवक (चर्च के मुख्य प्रतिनिधी, एम.एस.जी)। पौलुस के साथ-साथ वह “बहुतों के लिए सहायता का एक कारण थी” (व.2)। “महान सहायता” के लिए शब्द इस्तेमाल किया जाता है एक राजनैतिक दानी, सुरक्षा करने वाले और संरक्षक। यह बताता है कि उसके पास कोई सामाजिक पद, धन और स्वतंत्रता थी। स्पष्ट रूप से उनका चर्च में एक महत्वपूर्ण कार्य था।

प्रिसकिल्ला और अक्विला (प्रेरितों के काम 18 भी देखें) एक साथ सेवकाई करते थे, प्रिसकिल्ला का नाम पहले है (व.3)। शायद से यह इसलिए है उसने पहले विश्वास किया (और फिर अक्विला को मसीह में लाया) या इसलिए कि वह चर्च के जीवन और कार्य में अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती थी।

सूची में जिन दस लोगों के नाम लिखे गए हैं वे महिलाएँ हैं। उनमें हैं यूनियास –एक “उल्लेखनीय लीडर” (व.7, एम.एस.जी)। यूनियास निश्चित ही एक महिला का नाम है। उनका वर्णन ऐसे एक व्यक्ति के रूप में किया गया है जो “प्रेरितों में नामी थी” (व.7)। क्योंकि वह स्पष्ट रूप से प्रेरितों में से एक नहीं थी, यहाँ पर “प्रेरितों” का एक व्यापक अर्थ है, जो बताता है एक व्यक्ति जिसे मिशनरी के रूप में भेजा गया है। पौलुस ऐसी एक महिला को शामिल करते हैं जो इन मिशनरी लीडर्स में उल्लेखनीय थी। इन सभी बातों से यह स्पष्ट है कि पौलुस के दल में महिलाओं का मुख्य स्थान था।

पौलुस अंत में धन्यवाद और आराधना करते हैं:” उसी एकमात्र बुद्धिमान परमेश्वर की यीशु मसीह के द्वारा युगानुयुग महिमा होती रहे। आमीन” (वव.25-27, एम.एस.जी.)।

प्रार्थना

परमेश्वर, हम सभी की सहायता कीजिए कि हमारी बुलाहट चाहे जो भी हो, हम ऐसे लोग बनें जो परमेश्वर में कठिन परिश्रम करते हैं और यीशु मसीह का सुसमाचार सुनाते हैं (व.27)।
जूना करार

1 इतिहास 15:1-16:36

साक्षीपत्र का सन्दूक यरूशलेम में

15दाऊद ने दाऊद नगर में अपने लिये महल बनवाया। तब उसने साक्षीपत्र के सन्दूक के लिये एक स्थान बनाया। उसने इसके लिये एक तम्बू डाला। 2 तब दाऊद ने कहा, “केवल लेवीवंशियों को साक्षीपत्र का सन्दूक ले चलने की स्वीकृति है। यहोवा ने उन्हें साक्षीपत्र का सन्दूक ले चलने और उसकी सदैव सेवा के लिये चुना है।”

3 दाऊद ने इस्राएल के सभी लोगों को यरूशलेम में एक साथ मिलने के लिये बुलाया जब तक लेवीवंशी साक्षीपत्र के सन्दूक को उस स्थान पर लेकर आये जो उसने उसके लिये बनाया था। 4 दाऊद ने हारून के वंशजों और लेवीवंशियों को एक साथ बुलाया।

5 कहात परिवार समूह से एक सौ बीस व्यक्ति थे। ऊरीएल उनका प्रमुख था।

6 मरारी के परिवार समूह से दो सौ बीस लोग थे। असायाह उनका प्रमुख था।

7 गेर्शोमियों के परिवार समूह के एक सौ तीस लोग थे। योएल उनका प्रमुख था।

8 एलीसापान के परिवार समूह के दो सौ लोग थे। शमायाह उनका प्रमुख था।

9 हेब्रोन के परिवार समूह के अस्सी लोग थे। एलीएल उनका प्रमुख था।

10 उज्जीएल के परिवार समूह के एक सौ बारह लोग थे। अम्मीनादाब उनका प्रमुख था।

याजकों और लेवीवंशियों से दाऊद बातें करता है

11 तब दाऊद ने सादोक और एब्यातार याजकों से कहा कि वे उसके पास आएं। दाऊद ने ऊरीएल, असायाह, योएल, शमायाह और अम्मीनादाब लेवीवंशियों को भी अपने पास बुलाया। 12 दाऊद ने उनसे से कहा, “तुम लोग लेवी परिवार समूह के प्रमुख हो। तुम्हें अपने और अन्य लेवीवंशियो को पवित्र बनाना चाहिये। तब साक्षीपत्र के सन्दूक को उस स्थान पर लाओ, जिसे मैंने उसके लिये बनाया है। 13 पिछली बार हम लोगों ने यहोवा परमेश्वर से नहीं पूछा कि साक्षीपत्र के सन्दूक को हम कैसे ले चलें। लेवीवंशियों, तुम इसे नहीं ले चले, यही कारण था कि यहोवा ने हमें दण्ड दिया।”

14 तब याजक और लेवीवंशियों ने अपने को पवित्र किया जिससे वे इस्राएल के यहोवा परमेश्वर के सन्दूक को लेकर चल सकें। 15 लेवीवंशियों ने विशेष डंडों का उपयोग, अपने कन्धों पर साक्षीपत्र के सन्दूक को ले चलने के लिये किया जैसा मूसा का आदेश था। वे सन्दूक को उस प्रकार ले चले जैसा यहोवा ने कहा था।

गायक

16 दाऊद ने लेनीवंशियों को उनके गायक भाईयों को लाने के लिये कहा। गायकों को अपनी वीणा, तम्बूरा और मंजीरा लाना था तथा प्रसन्नता के गीत गाना था।

17 तब लेवीवंशियों ने हेमान और उसके भाईयों आसाप और एतान को बुलाया। हेमान योएल का पुत्र था। आसाप बेरेक्याह का पुत्र था। एतान कूशायाह का पुत्र था। ये व्यक्ति मरारी परिवार समूह के थे। 18 वहाँ लेवीवंशियों का दूसार समूह भी था वे जर्कयाह, याजीएल, शमीरामोत, यहीएल, उन्नी, एलीआब, बनायाह, मासेयाह, मत्तित्याह, एलीपलेह, मिकनेयाह, ओबेदेदोम और पीएल थे। ये लोग लेवीवंश के रक्षक थे।

19 गायक हेमान, आसाप और एतान काँसे का मँजीरा बजा रहे थे। 20 जकर्याह, अजीएल, शमीरामोत, यहीएल, उन्नी, एलीआब, मासेयाह और बनायाह अलामोत वीणा बजा रहे थे। 21 मत्तित्याह, एलीपलेह, मिकनेयाह, ओबेदेदोम, यीएल और अजज्याह शेमिनिथ तम्बूरा बजा रहे थे। यह उनका सदैव का काम था। 22 लेवीवंशी प्रमुख कनन्याह गायन का प्रबन्धक था। कनन्याह को यह काम मिला था क्योंकि वह गाने में बहुत अधिक कुशल था।

23 वेरेक्याह और एल्काना साक्षीपत्र के सन्दूक के रक्षकों में से दो थे। 24 याजक शबन्याह, योशापत, नतनेल, अमासै, जकर्याह, बनायाह और एलीएजेर का काम साक्षीपत्र के सन्दूक के सामने चलते समय तुरही बजाना था। ओबेदेदोम और यहिय्याह साक्षीपत्र के सन्दूक के लिये अन्य रक्षक थे।

25 दाऊद, इस्राएल के अग्रज (प्रमुख) और सेनापति साक्षीपत्र के सन्दूक को लेने गए। वे उसे ओबेदेदोम के घर से बाहर लाए। हर एक बहुत प्रसन्न था। 26 परमेश्वर ने उन लेवीवंशियों की सहायता की जो यहोवा के साक्षीपत्र के सन्दूक को लेकर चल रहे थे। उन्होंने सात बैलों और सात मेढ़ों की बलि दी। 27 सभी लेवीवंशी जो साक्षीपत्र के सन्दूक को लेकर चल रहे थे, उत्तम सन के चोगे पहने थे। गायन का प्रबन्धक कनन्याह और सभी गायक उत्तन सन के चोगे पहने थे और दाऊद भी उत्तम सन का बना एपोद पहने था।

28 इस प्रकार इस्राएल के सारे लोग यहोवा के साक्षीपत्र के सन्दूक को ले आए। उन्होंने उद्घोष किया, उन्होंने मेढ़े की सिंगी और तुरही बजाई और उन्होंने मँजीरे, वीणा और तम्बूरे बजाए।

29 जब साक्षीपत्र का सन्दूक दाऊद नगर में पहुँचा, मीकल ने खिड़की से देखा। मीकल शाऊल की पुत्री थी। उसने राजा दाऊद को चारों ओर नाचते और बजाते देखा। उसने अपने हृदय में दाऊद के प्रति सम्मान को खो दिया उसने सोचा कि वह मूर्ख बन रहा है।

16लेवीवंशी साक्षीपत्र का सन्दूक ले आए और उसे उस तम्बू में रखा जिसे दाऊद ने इसके लिये खड़ी कर रखी थी। तब उन्होंने परमेश्वर को होमबलि मेलबलि चढ़ाई। 2 जब दाऊद होमबलि और मेलबलि देना पूरा कर चुका तब उसने लोगों को आशीर्वाद देने के लिये यहोवा का नाम लिया। 3 तब उसने हर एक इस्राएली स्त्री—पुरुष को एक—एक रोटी, खजूर और किशमिश दिया।

4 तब दाऊद ने साक्षीपत्र के सन्दूक के सामने सेवा के लिये कुछ लेवीवंशियों को चुना। उन लेवीवंशियों को इस्राएलियों के यहोवा परमेश्वर के लिये उत्सवों को मनाने, आभार व्यक्त करने और स्तुति करने का काम सौंपा गया। 5 आसाप, प्रथम समूह का प्रमुख था। आसाप का समूह सारंगी बजाता था। जकर्याह दूसरे समूह का प्रमुख था। अन्य लेवीवंशी ये थेः यीएल, शमीरामोत, यहीएल, मत्तित्याह, एलीआब बनायाह, ओबेदेदोम और यीएल। ये व्यक्ति वीणा और तम्बूरा बजाते थे। 6 बनायाह और यहजीएल ऐसे याजक थे जो साक्षीपत्र के सन्दूक के सामने सदैव तुरही बजाते थे। 7 यह वही समय था जब दाऊद ने पहली बार आसाप और उसके भाईयों को यहोवा की स्तुति करने का काम दिया।

दाऊद का आभार गीत

8 यहोवा की स्तुति करो उसका नाम लो
लोगों में उन महान कार्यों का वर्णन करो—जिन्हें यहोवा ने किया है।
9 यहोवा के गीत गाओ, यहोवा की स्तुतियाँ गाओ।
उसके सभी अद्भूत कामों का गुणगान करो।
10 यहोवा के पवित्र नाम पर गर्व करो।
सभी लोग जो यहोवा की सहायता पर भरोसा करते हैं, प्रसन्न हो!
11 यहोवा पर और उसकी शक्ति पर भरोसा करो।
सदैव सहायता के लिए उसके पास जाओ।
12 उन अद्भूत कार्यों को याद करो जो यहोवा ने किये हैं।
उसके निर्णयों को याद रखो और शक्तिपूर्ण कार्यों को जो उसने किये।
13 इस्राएल की सन्तानें यहोवा के सेवक हैं।
याकूब के वंशज, यहोवा द्वारा चुने लोग हैं।
14 यहोवा हमारा परमेश्वर है,
उसकी शक्ति चारों तरफ है।
15 उसकी वाचा को सदैव याद रखो,
उसने अपने आदेश—सहस्र पीढ़ियों के लिये दिये हैं।
16 यह वाचा है जिसे यहोवा ने इब्राहीम के साथ किया था।
यह प्रतिज्ञा है जो यहोवा ने इसहाक के साथ की।
17 यहोवा ने इसे याकूब के लोगों के लिये नियम बनाया।
यह वाचा इस्राएल के साथ है— जो सदैव बनी रहेगी।
18 यहोवा ने इस्राएल से कहा, थाः “मैं कनान देश तुझे दूँगा।
यह प्रतिज्ञा का प्रदेश तुम्हारा होगा।”

19 परमेश्वर के लोग संख्या में थोड़े थे।
वे उस देश में अजनबी थे।
20 वे एक राष्ट्र से दूसरे राष्ट्र को गए।
वे एक राज्य से दुसरे राज्य को गए।
21 किन्तु यहोवा ने किसी को उन्हें चोट पहुँचाने न दी।
यहोवा ने राजाओं को चेतावनी दी के वे उन्हें चोट न पहुँचायें।
22 यहोवा ने उन राजाओं से कहा, “मेरे चुने लोगों को चोट न पहुँचाओ।
मेरे नबियों को चोट न पहुँचाओ।”
23 यहोवा के लिये पूरी धरती पर गुणगान करो, प्रतिदिन तुम्हें,
यहोवा द्वारा हमारी रक्षा के शुभ समाचार बताना चाहिए।
24 यहोवा के प्रताप को सभी राष्ट्रों से कहो।
यहोवा के अद्भुत कार्यों को सभी लोगों से कहो।
25 यहोवा महान है, यहोवा की स्तुति होनी चाहिये।
यहोवा अन्य देवताओं से अधिक भय योग्य है।
26 क्यों क्योंकि उन लोगों के सभी देवता मात्र मूर्तियाँ हैं।
किन्तु यहोवा ने आकाश को बनाया।
27 यहोवा प्रतापी और सम्मानित है।
यहोवा एक तेज चमकती ज्योति की तरह है।
28 परिवार और लोग,
यहोवा के प्रताप और शक्ति की स्तुति करते हैं।
29 यहोवा के प्रताप की स्तुति करो। उसके नाम को सम्मान दो।
यहोवा को अपनी भेंटें चढ़ाओ,
यहोवा और उसके पवित्र सौन्दर्य की उपासना करो।
30 यहोवा के सामने भय से सारी धरती काँपनी चाहिये।
किन्तु उसने धरती को दृढ़ किया, अतः संसार हिलेगा नहीं।
31 धरती आकाश को आनन्द में झूमने दो।
चारों ओर लोगों को कहने दो, “यहोवा शासन करता है।”
32 सागर और इसमें की सभी चीजों को चिल्लाने दो!
खेतों और उनमें की हर एक चीज को अपना आनन्द व्यक्त करने दो।
33 यहोवा के सामने वन के वृक्ष आनन्द से गायेंगे।
क्यों क्योंकि यहोवा आ रहा है। वह संसार का न्याय करने आ रहा है।
34 अहा! यहोवा को धन्यवाद दो, वह अच्छा है।
यहोवा का प्रेम सदा बना रहता है।
35 यहोवा से कहो,
“हे परमेश्वर, हमारे रक्षक, हमारी रक्षा कर।
हम लोगों को एक साथ इकट्ठा करो,
और हमें अन्य राष्ट्रों से बचाओ।
और तब हम तुम्हारे पवित्र नाम की स्तुति कर सकते हैं।
तब हम तेरी स्तुति अपने गीतों से कर सकते हैं।”
36 इस्राएल के यहोवा परमेश्वर की सदा स्तुति होती रहे
जैसे कि सदैव उसकी प्रशंसा होती रही है।

सभी लोगों ने कहा, “आमीन” उनहोंने यहोवा की स्तुति की।

समीक्षा

काम और विश्राम में परमेश्वर का अनुकरण करिए

काम एक तरीका है जिससे आप परमेश्वर का अनुकरण करते हैं। आप परमेश्वर के स्वरूप में बनाये गए हैं। इसलिए, जैसे परमेश्वर कार्य करते हैं, वैसे ही आप भी कार्य करने के लिए सृजे गए हैं। जैसे ही परमेश्वर ने सृष्टि के निर्माण में कार्य किया, वैसे ही हमें भी करना है। आदम की अनज्ञाकारिता से पहले, काम करने की आज्ञा दी गई थी (उत्पत्ति 2:15)। जैसा कि केन कोस्टा अक्सर कहते हैं, “कार्य परमेश्वर के मूल नियम में था।”

दाऊद कार्य करते थे। उन्होने “अपने लिए एक भवन बनवाया” (1इतिहास 15:1)। उन्होंने लीडर्स को बुलवाया और उन्हे काम सौंपा (व.12)।

पवित्र और लौकिक के बीच में कोई विभाजन नहीं है। जो कुछ वे करते थे उसमें आराधना सबसे महत्वपूर्ण थी। दाऊद ने “आराधना के कार्य” के विषय में निर्देश दिए (व.2, एम.एस.जी.)। कई लेवियों को इसलिये ठहरा दिया, कि यहोवा के संदूक के सामने सेवा टहल किया करें, और इस्राएल के परमेश्वर यहावा की चर्चा और उसका धन्यवाद और स्तुती किया करें” (16:4)। दाऊद राजा आराधना में शामिल हो गए “नाचते हुए और उत्सव मनाते हुए” (15:29)।

दिन के निर्धारित समय में (16:7) उन्होंने वह किया जिसे जॉयस मेयर “स्तुती के लिए रूकना” कहती हैं -”मुझे नहीं लगता कि परमेश्वर को इससे अधिक कुछ प्रिय है कि हम अपने काम के बीच में रूककर अपने हाथों को उठाकर उनकी आराधना करें...उदाहरण के लिए, एक व्यवसायी के बारे में सोचिये, शायद से एक बड़ी कंपनी के प्रेसीडेंट। क्या यह अद्भुत नहीं होगा यदि दिन में कई बार, वह अपने ऑफिस का दरवाजा बंद करे, ताला लगाये, घुटनों पर जाकर कहे, “परमेश्वर, मैं आराधना करने के लिए थोड़ा समय निकालना चाहता हूँ।”

“यही सच है विद्यार्थियों के लिए, माता-पिता, रिटायर लोग, सेक्रेटरी, विमान कर्मचारी, मस्तिष्क के सर्जन, क्लर्क, और विक्रेताओं के लिए – जिस किसी के बारे में आप सोच सकते हैं। वे सभी अत्यधिक फलदायी, उत्पादक और शांतिपूर्ण दिन पा सकते हैं यदि वे दिन भर में परमेश्वर की स्तुती करने के लिए समय निकालें।” हम सभी को महान आशीष मिलेंगी यदि हम “स्तुती के लिए रूकेंगे”।

दाउद परमेश्वर की स्तुती और उनका धन्यवाद करते हैं जो “उन्होंने किया है” (व.8)। “उनके अद्भुत कार्य” (व.9), “आश्चर्य कर्म जो उन्होंने किए हैं” (व.12)। वह परमेश्वर के महान कामों का वर्णन करते हैं और लोगों से कहते हैं कि “पवित्रता से शोभायमान होकर यहोवा की आराधना करो” (व.29)।

परमेश्वर एक कर्ता हैं। बाईबल की शुरुवात से हम इसे देखते हैं। सृष्टि के निर्माण में वह कार्य कर रहे थे, “परमेश्वर ने अपना काम जिसे वह करते थे सातवें दिन समाप्त किया, और उन्होंने अपने किए हुए सारे काम के बाद सातवें दिन विश्राम किया” (उत्पत्ति 2:2)। वह ना केवल विश्व का निर्माण करते हैं, वह इसे बनाए रखते और छुड़ाते भी हैं। काम एक तरीका है जिससे आप परमेश्वर का अनुकरण करते हैं।

प्रार्थना

परमेश्वर, काम के लिए आपका धन्यवाद। आपका धन्यवाद क्योंकि “कठिन परिश्रम” भी एक आशीष है। होने दीजिए कि मेरा कार्य आराधना का एक कार्य बने, जैसे ही मैं अपने शरीर को एक “जीवित बलिदान के रूप में प्रस्तुत करता हूँ.. (मेरी) आराधना का आत्मिक कार्य” (रोमियों 12:1-2)।

पिप्पा भी कहते है

1इतिहास 15:29

“जब यहोवा की वाचा का संदूक दाऊदपुर में पहुँचा तब शाऊल की बेटी मीकल ने खिड़की में से झाँककर दाऊद राजा को कूदते और खेलते हुए देखा, और उसे मन ही मन तुच्छ जाना।”

मुझे आराधना पसंद है, लेकिन पसंद और नापसंद होना सरल बात है। कभी कभी मैं सोच सकती हूँ “यह आराधना कैसे हो सकता है?” लेकिन परमेश्वर हृदय को देखते हैं। और मैं मीकल की तरह नहीं बनना चाहती हूँ!

दिन का वचन

भजन संहिता 90:17

“और हमारे परमेश्वर यहोवा की मनोहरता हम पर प्रगट हो, तू हमारे हाथों का काम हमारे लिये दृढ़ कर, हमारे हाथों के काम को दृढ़ कर॥”

reader

App

Download the Bible in One Year app for iOS or Android devices and read along each day.

reader

Email

Sign up now to receive Bible in One Year in your inbox each morning. You’ll get one email each day.

Podcast

Subscribe and listen to Bible in One Year delivered to your favourite podcast app everyday.

reader

Website

Start reading today’s devotion right here on the BiOY website.

संदर्भ

केन कोस्टा, परमेश्वर के कार्य, (अल्फा इंटरनैशनल, 2013)।

जॉयस मेयर, द इव्रीडे लाईफ बाईबल, (फेथवर्डस, 2014), पी.635

जेगो विन, मुर्झाये बिना काम करना, (आय.वी.पी, 2009)।

जहाँ पर कुछ बताया न गया हो, उन वचनों को पवित्र बाइबल, न्यू इंटरनैशनल संस्करण एन्ग्लिसाइड से लिया गया है, कॉपीराइट © 1979, 1984, 2011 बिबलिका, पहले इंटरनैशनल बाइबल सोसाइटी, हूडर और स्टोगन पब्लिशर की अनुमति से प्रयोग किया गया, एक हॅचेट यूके कंपनी सभी अधिकार सुरक्षित। ‘एनआईवी’, बिबलिका यू के का पंजीकृत ट्रेडमार्क संख्या 1448790 है।

जिन वचनों को (एएमपी, AMP) से चिन्हित किया गया है उन्हें एम्प्लीफाइड® बाइबल से लिया गया है. कॉपीराइट © 1954, 1958, 1962, 1964, 1965, 1987 लॉकमैन फाउंडेशन द्वारा प्राप्त अनुमति से उपयोग किया गया है। (www.Lockman.org)

जिन वचनों को (एमएसजी MSG) से चिन्हित किया गया है उन्हें मैसेज से लिया गया है। कॉपीराइट © 1993, 1994, 1995, 1996, 2000, 2001, 2002. जिनका प्रयोग एनएवीप्रेस पब्लिशिंग ग्रुप की अनुमति से किया गया है।

Bible in One Year

  • Bible in One Year

This website stores data such as cookies to enable necessary site functionality and analytics. Find out more