दिन 306

विधान को परिभाषित करने वाले निर्णय

बुद्धि भजन संहिता 119:145-152
नए करार इब्रानियों 4:1-13
जूना करार योएल 2:18-3:21

परिचय

हर दिन हम निर्णय लेते हैं – क्या पहनना है, क्या खाना है और क्या करना है। छोटे निर्णय होते हैं और बड़े निर्णय होते हैं। शायद से, बहुत से लोगों के लिए जीवन का सबसे बड़ा निर्णय है संबंध, विवाह (विवाह करना है या नहीं और किससे विवाह करना है) और काम।

लेकिन ये निर्णय बड़े निर्णय के सामने महत्वहीन हैं। बड़ा निर्णय है कि कैसे आप परमेश्वर को उत्तर देते हैं। बरनार्ड लेविन, शायद से बीसवीं शताब्दी के टाईम्स के सबसे प्रभावी पत्रकार ने अपने अनुभव का वर्णन किया मसीह विश्वास के विषय में निर्णय लेने की कोशिश के विषय में 'मेरे जैसे लोग जो स्विमिंग पुल के किनारे मँडराते हैं, उसी समय कूदने की इच्छा करते हैं और डरते भी हैं...'

पूरी बाईबल में, इस विधान को निर्धारित करने वाले निर्णय पर जोर दिया गया है। हम आज के सभी लेखांशों में इसे देख सकते हैं। जो दूर है और जो नजदीक है उनके बीच में विधान में अंतर बताया गया है (भजनसंहिता 119)। जो सुसमाचार को सुनते और विश्वास में उत्तर देते हैं, और जो इसे विश्वास के साथ नहीं मिलाते हैं, उनके बीच में विधान में अंतर बताया गया है (इब्रानियो 4:2)। योएल की पुस्तक में, जो लोग प्रभु का नाम लेते हैं और जो नहीं लेते हैं, उन दोनों के विधान के बीच में अंतर है (योएल 2:32)।

योएल आगे कहते हैं,' निबटारे की तराइ में भीड़ की भीड़ है! क्यांकि निबटारे की तराई में यहोवा का दिन निकट है' (3:14)।

बुद्धि

भजन संहिता 119:145-152

क्योफ़

145 सम्पूर्ण मन से यहोवा मैं तुझको पुकारता हूँ, मुझको उत्तर दे।
 मैं तेरे आदेशों का पालन करता हूँ।
146 हे यहोवा, मेरी तुझसे विनती है।
 मुझको बचा ले! मैं तेरी वाचा का पालन करूँगा।
147 यहोवा, मैं तेरी प्रार्थना करने को भोर के तड़के उठा करता हूँ।
 मुझको उन बातों पर भरोसा है, जिनको तू कहता है।
148 देर रात तक तेरे वचनों का मनन करते हुए
 बैठा रहता हूँ।
149 हे यहोवा, तू अपने पूर्ण प्रेम से मुझ पर कान दे।
 तू वैसा ही कर जिसे तू ठीक कहता है, और मेरा जीवन बनाये रख।
150 लोग मेरे विरूद्ध कुचक्र रच रहे हैं।
 हे यहोवा, ऐसे ये लोग तेरी शिक्षाओं पर चला नहीं करते हैं।
151 हे यहोवा, तू मेरे पास है।
 तेरे आदेशों पर विश्वास किया जा सकता है।
152 तेरी वाचा से बहुत दिनों पहले ही मैं जान गया था
 कि तेरी शिक्षाएँ सदा ही अटल रहेंगी।

समीक्षा

पहले परमेश्वर से मिलने का निर्णय लीजिए

मुझे यह वचन पसंद हैः' मैंने पौ फटने से पहले दोहाई दी' (व.147)। तीस साल पहले मैंने अपनी बाईबल में इसके सामने लिखा,'दिन की शुरुवात करने से पहले परमेश्वर से मिलना कितना जरुरी है -'सूर्योदय से पहले।' अब से मैं चाहता हूँ कि नींद से जागकर मैं तुरंत पढूँ और प्रार्थना करुँ ताकि उन सभी लड़ाईयों के लिए तैयार हो जाऊँ जो हर दिन लेकर आती हैं। 'मैं इसे करने में हमेशा सफल नहीं हुआ। किंतु, इस निर्णय ने मेरे जीवन में एक बड़ा अंतर पैदा किया है।

भजनसंहिता के लेखक के अनुसार, उन दोनों के बीच में अंतर है जो परमेश्वर से दूर हैं और जो उनके नजदीक हैं। भजनसंहिता के लेखक लिखते हैं,' जो दुष्टता की धुन में हैं, वे निकट आ गए हैं; वे तेरी व्यवस्था से दूर हैं। हे यहोवा, तू निकट है' (वव.150-151)।

भजनसंहिता के लेखक ने निर्णय लिया है कि ' मैंने सारे मन से प्रार्थना की है, हे यहोवा मेरी सुन लेना! ...मैंने तुझ से प्रार्थना की है, तू मेरा उध्दार कर' (वव.145-146)।

जो उन्हें पकड़ना चाहते हैं वे नजदीक आते जाते हैं, भजनसंहिता के लेखक कहते हैं:'151 हे यहोवा, तू निकट है' (व.151, एम.एस.जी)।

प्रार्थना

परमेश्वर, आपका धन्यवाद कि जब मैं आपको पुकारता हूँ तब आप निकट हैं। आज मैं आपको सहायता के लिए पुकारता हूँ...
नए करार

इब्रानियों 4:1-13

4अतः जब उसकी विश्राम में प्रवेश की प्रतिज्ञा अब तक बनी हुई है तो हमें सावधान रहना चाहिए कि तुममें से कोई अनुपयुक्त सिद्ध न हो। 2 क्योंकि हमें भी उन्हीं के समान सुसमाचार का उपदेश दिया गया है। किन्तु जो सुसंदेश उन्होंने सुना, वह उनके लिए व्यर्थ था। क्योंकि उन्होंने जब उसे सुना तो इसे विश्वास के साथ धारण नहीं किया। 3 अब देखो, हमने, जो विश्वासी हैं, उस विश्राम में प्रवेश पाया है। जैसा कि परमेश्वर ने कहा भी है:

“मैंने क्रोध में इसी से तब शपथ लेकर कहा था,
‘वे कभी मेरी विश्राम में सम्मिलित नहीं होंगे।’”

जब संसार की सृष्टि करने के बाद उसका काम पूरा हो गया था। 4 उसने सातवें दिन के सम्बन्ध में इन शब्दों में कहीं शास्त्रों में कहा है, “और फिर सातवें दिन अपने सभी कामों से परमेश्वर ने विश्राम लिया।” 5 और फिर उपरोक्त सन्दर्भ में भी वह कहता है: “वे कभी मेरी विश्राम में सम्मिलित नहीं होंगे।”

6 जिन्हें पहले सुसन्देश सुनाया गया था अपनी अनाज्ञाकारिता के कारण वे तो विश्राम में प्रवेश नहीं पा सके किन्तु औरों के लिए विश्राम का द्वार अभी भी खुला है। 7 इसलिए परमेश्वर ने फिर एक विशेष दिन निश्चित किया और उसे नाम दिया “आज” कुछ वर्षों के बाद दाऊद के द्वारा परमेश्वर ने उस दिन के बारे में शास्त्र में बताया था। जिसका उल्लेख हमने अभी किया है:

“यदि आज उसकी आवाज़ सुनो,
अपने हृदय जड़ मत करो।”

8 अतः यदि यहोशू उन्हें विश्राम में ले गया होता तो परमेश्वर बाद में किसी और दिन के विषय में नहीं बताता। 9 तो खैर जो भी हो। परमेश्वर के भक्तों के लिए एक वैसी विश्राम रहती ही है जैसी विश्राम सातवें दिन परमेश्वर की थी। 10 क्योंकि जो कोई भी परमेश्वर की विश्राम में प्रवेश करता है, अपने कर्मों से विश्राम पा जाता है। वैसे ही जैसे परमेश्वर ने अपने कर्मों से विश्राम पा लिया। 11 सो आओ हम भी उस विश्राम में प्रवेश पाने के लिए प्रत्येक प्रयत्न करें ताकि उनकी अनाज्ञाकारिता के उदाहरण का अनुसरण करते हुए किसी का भी पतन न हो।

12 परमेश्वर का वचन तो सजीव और क्रियाशील है, वह किसी दोधारी तलवार से भी अधिक पैना है। वह आत्मा और प्राण, सन्धियों और मज्जा तक में गहरा बेध जाता है। वह मन की वृत्तियों और विचारों को परख लेता है। 13 परमेश्वर की दृष्टि से इस समूची सृष्टि में कुछ भी ओझल नहीं है। उसकी आँखों के सामने, जिसे हमें लेखा-जोखा देना है, हर वस्तु बिना किसी आवरण के खुली हुई है।

समीक्षा

परमेश्वर के वायदे पर विश्वास करने का निर्णय लीजिए

क्या आप अपने जीवन में 'परमेश्वर के विश्राम' का अनुभव कर रहे हैं? या आप अपने आस-पास हर वस्तु और हर व्यक्ति को नियंत्रित करने की कोशिश करते हुए थक गए हैं? शायद से यह ब्रह्मांड के जनरल मैनेजर के रूप में इस्तीफा देने का समय है और परमेश्वर की वाचाओं पर विश्वास करना शुरु कर दीजिए और परमेश्वर पर भरोसा कीजिए वह करने के लिए जो केवल वह कर सकते हैं।

अपने प्राण के लिए 'विश्राम' पाने का तरीका है परमेश्वर की प्रतिज्ञाओं को सुनना, उन पर विश्वास करना और दिखाना कि आप उन पर विश्वास करते हैं, परमेश्वर के वचन के प्रति आज्ञाकारिता में जीने के द्वारा।

बहुत से लोग सुसमाचार सुनते हैं। जब आप सुसमाचार को सुनते हैं तब आपको अपने जीवन के सबसे महत्वपूर्ण निर्णय को लेने की आवश्यकता है। क्या आप विश्वास में उत्तर देते हैं और भरोसा करते हैं? या आप अपने हृदय को कठोर करने और आज्ञा न मानते हुए उत्तर देते हैं?

इब्रानियो के लेखक कहते हैं,' क्योंकि हमें उन्हीं की तरह सुसमाचार सुनाया गया है, पर सुने हुए वचन से उन्हें कुछ लाभ न हुआ; क्योंकि सुनने वालो के मन में विश्वास के साथ नहीं बैठा' (व.2, एम.एस.जी)। वह उन्हें चिताते हैं कि अपने हृदय को कठोर मत करो (व.7) या आज्ञा का उल्लंघन मत करो (व.11)।

हर कोई जो सुसमाचार में विश्वास करता है, उसके लिए परमेश्वर की प्रतिज्ञा है कि वे विश्राम में प्रवेश करेंगे (व.1):'यदि हम विश्वास करें...तो हम विश्राम का अनुभव करेंगे' (व.3, एम.एस.जी)।

इस जीवन में, हमेशा जाँच और परीक्षाएँ आयेंगी। यह कभी भी गड़बड़ी के समय के बिना नहीं होगा। किंतु, यदि हम सुसमाचार पर विश्वास करें, तो हमारे पास परमेश्वर के अनंत विश्राम का वायदा हैः' क्योंकि जिसने उनके विश्राम में प्रवेश किया है, उसने भी परमेश्वर के समान अपने कामों को पूरा करके विश्राम किया है' (व.10, एम.एस.जी)।

एक दिन, हर मनुष्य को परमेश्वर के सामने हिसाब देना पड़ेगाः' सृष्टि की कोई वस्तु उनसे छिपी नहीं है वरन् जिनसे हमें काम है, उनकी आँखों के सामने सब वस्तुएँ खुली और प्रकट हैं' (व.13)।

उसी दौरान, आपके पास एक अद्भुत अवसर है कि उस 'विश्राम' को पहले ही अनुभव करें, जैसे ही आप परमेश्वर के वचन के लिए अपने हृदय को खोलते हैं,' क्योंकि परमेश्वर का वचन जीवित, और प्रबल, और हर एक दोधारी तलवार से भी बहुत चोखा है...वह मन की भावनाओं और विचारों को जाँचता है' (व.12)।

जैसे ही आप दिन प्रतिदिन अपने आपको खोलते हैं, परमेश्वर का वनच आपके आंतरिक भाग को भरता है, आपके जीवन के क्षेत्रों को प्रकट करते हुए (मन की भावनाएँ और विचार)' जिन्हें आपको जांचने की आवश्यकता है। उस समय शायद ये दर्दनाक और चुनौतिपूर्ण लगे। किंतु, इसका उद्देश्य है आपको परमेश्वर के विश्राम में प्रवेश करने के लिए तैयार करना।

आज, आप परमेश्वर के विश्राम और शांति का आनंद ले सकते हैं, जैसे ही आप उन पर और उनके वचन पर भरोसा करते हैं, यह मानते हुए कि वह आपकी देखभाल करेंगे और आपकी सारी जरुरतों को पूरा करेंगे।

प्रार्थना

परमेश्वर, मैं आपके वायदे पर विश्वास करता हूँ। आपका धन्यवाद कि मैं आपके विश्राम की अनंतता में प्रवेश करने की बाट जोह सकता हूँ। आपका धन्यवाद कि मैं अब भी उस विश्राम का अनुभव करता हूँ।
जूना करार

योएल 2:18-3:21

यहोवा तुम्हें तुम्हारी धरती वापस दिलवायेगा

18 फिर यहोवा अपनी धरती के बारे में बहुत अधिक चिन्तित हुआ।
 उसे अपने लोगों पर दया आयी।

19 यहोवा ने अपने लोगों से कहा।

 वह बोला, “मैं तुम्हारे लिये अन्र, दाखमधु और तेल भिजवाऊँगा।
 ये तुमको भरपूर मिलेंगे।
 मैं तुमको अब और अधिक जातियों के बीच में लज्जित नहीं करूँगा।
20 नहीं, मैं तुम्हारी धरती को त्यागने के लिये उन लोगों (उत्तर अथवा बाबुल) पर दबाव दूँगा।
 मैं उनको सूखी और उजड़ी हुई धरती पर भेजूँगा।
 उनमें से कुछ पूर्व के सागर में जायेंगे
 और उनमें से कुछ पश्चिमी समुद्र में जायेंगे।
 उन शत्रुओं ने ऐसे भयानक कर्म किये हैं।
 वे लोग वैसे हो जायेंगे जैसे सड़ती हुई मृत वस्तुएँ होती हैं।
 वहाँ ऐसी भयानक दुर्गन्ध होगी।”

धरती को फिर नया बनाया जायेगा

21 हे धरती, तू भयभत मत हो।
प्रसन्न हो जा और आनन्द से भर जा
क्योंकी यहोवा बड़े काम करने को है।
22 ओ मैदानी पशुओं, तुम भय त्यागो।
जंगल की चारागाहें घास उगाया करेंगी।
वृक्ष फल देने लगेंगे।
अंजीर के पेड़ और अंगूर की बेलें भरपूर फल देंगे।

23 सो, हे सिय्योन के लोगों, प्रसन्न रहो।
अपने परमेश्वर यहोवा में आनन्द से भर जाओ।
क्योंकि वह तुम्हारे साथ भला करेगा और तुम्हें वर्षा देगा।
वह तुम्हें अगली वर्षा देगा और वह तूझे पिछली वर्षा भी देगा जैसे पहले दिया करता था।
24 तुम्हारे ये खलिहान गेहूँ से भर जायेंगे और तुम्हारे कुप्पे दाखमधु
और जैतुन के तेल से उफनने लगेंगे।
25 मुझ यहोवा ने अपनी सशक्त सेना तुम्हारे विरोध में भेजी थी।
वे भिन्नाती हुई टिड्डियाँ, फुदकती हुई टिड्डियाँ, विनाशकारी टिड्डियाँ
और कुतरती टिड्डियाँ तुम्हारी वस्तुएँ खा गयी।
किन्तु मैं, यहोवा उन विपत्तियों के वर्षों के बदले में
फिर से तुम्हें और वर्षा दूँगा।
26 फिर तुम्हारे पास खाने को भरपूर होगा।
तुम संतुष्ट होगे।
अपने परमेश्वर यहोवा के नाम का तुम गुणगान करोगे।
उसने तुम्हारे लिये अद्भुत बातें की हैं।
अब मेरे लोग फिर कभी लज्जित नहीं होंगे।
27 तुमको पता चल जायेगा कि मैं इस्राएली लोगों के साथ हूँ।
तुमको पता चल जायेगा कि मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ
और कोई दूसरा परमेश्वर नहीं है।
मेरे लोग फिर कभी लज्जित न होंगे।

सभी लोगों पर अपनी आत्मा उंडेलने की यहोवा की प्रतिज्ञा

28 इसके बाद,
मैं तुम सब पर अपनी आत्मा उंडेलूँगा।
तुम्हारे पुत्र—पुत्रियाँ भविष्यवाणी करेंगे।
तुम्हारे बूढ़े दिव्य स्वप्नों को देखेंगे।
तुम्हारे युवक दर्शन करेंगे।
29 उस समय मैं अपनी आत्मा
दास—दासियों पर उंडेलूँगा।
30 धरती पर और आकाश में मैं अद्भत चिन्ह प्रकट करूँगा।
वहाँ खून, आग और गहरा धुआँ होगा।
31 सूरज अंधकार में बदल जायेगा।
चाँद भी खून के रंग में बदलेगा
और फिर यहोवा का महान और भयानक दिन आयेगा!
32 तब कोई भी व्यक्ति जो यहोवा का नाम लेगा, छुटकारा पायेगा।
सिय्योन के पहाड़ पर और यरूशलेम में वे लोग बसेंगे जो बचाये गये हैं।
यह ठीक वैसा ही होगा जैसा यहोवा ने बताया है।
उन बचाये गये लोगों में बस वे ही लोग होंगे
जिन्हें यहोवा ने बुलाया था।

यहुदा के शत्रुओं को यहोवा द्वारा दण्ड दिये जाने का वचन

3“उन दिनों और उस समय, मैं यहूदा और यरूशलेम को बंधन मुक्त करवाकर देश निकाले से वापस ले आऊँगा। 2 मैं सभी जातियों को भी एकत्र करूँगा। इन सभी जातियों को मैं यहोशापात की तराई में इकट्ठा करूँगा और वही मैं उनका न्याय करूँगा। उन जातियों ने मेरे इस्राएली लोगों को तितर—बितर कर दिया था। दूसरी जातियों के बीच रहने के लिये उन्होंने उन्हें विवश किया था। इसलिये मैं उन जातियों को दण्ड दूँगा। उन जातियों ने मरी धरती का बटवारा कर दिया था। 3 मेरे लोगों के लिये पासे फेंके थे। उन्होंने एक लड़के को बचकर उसके बदले एक वेश्या खरीदी और दाखमधु के बदले लड़की बेच डाली।

4 “हे सोर, सीदोन, और पलिश्तीन के सभी प्रदेशों! तुम मेरे लिये कोई महत्व नही रखते! क्या तुम मुझे मेरे किसी कर्म के लिये दण्ड दे रहो हो हो सकता है तुम यह सोच रहे हो कि तुम मुझे दण्ड दे रहे हो किन्तु शीघ्र ही मैं हो तुम्हें दण्ड देने वाला हूँ। 5 तुमने मेरा चाँदी,सोना लूट लिया। मेरे बहुमूल्य खजानों को लेकर तुमने अपने मन्दिरों में रख लिया।

6 “यहूदा और यरूशलेम के लोगों को तुमने यूनानियों के हाथ बेच दिया और इस प्रकार तुम उन्हें उन्की धरती से बहुत दूर ले गये। 7 उस सुदूर देश में तुमने मेरे लोगों को भेज दिया। किन्तु मैं उन्हे लौटा कर वापस लाऊँगा और तुमने जो कुछ किया है, उसका तुम्हें दण्ड दूँगा। 8 मैं यहूदा के लोगों को तुम्हारे पुत्र—पुत्रियाँ बेच दूँगा। और फिर वे उन्हें शबाइ लोगों को बेच देंगे।” ये बातें यहोवा ने कही थीं।

युद्ध की तैयारी करो

9 लोगों को यह बता दो:
युद्ध को तैयार रहो!
शूरवीरों को जगओ!
सारे योद्धाओ को अपने पास एकत्र करो।
उन्हें उठ खड़ा होने दो!
10 अपने हलों की फालियों को पीट कर तलवार बनाओं
और अपनी डांगियों को तुम भालों में बदल लो।
ऐसा करो कि दुर्बल कहने लगे कि
“मैं एक शूरवीर हूँ।”
11 हे सभी जातियों के लोगों, जल्दी करो!
वहाँ एकत्र हो जाओ।
हे यहोवा, तू भी अपने प्रबल वीरों को ले आ!
12 हे जातियों! जागो!
यहोशापात की घाटी में आजाओ!
मैं वहाँ बैठकर
सभी आसपास के देशों का न्याय करूँगा।
13 तुम हँसुआ ले आओ,
क्योंकि पकी फसल खड़ी है।
आओ, तुम अंगूर रौंदो
क्योंकि अंगूर का गरठ भरा हुआ है।
घड़े भर जायेंगे और वे बाहर उफनेंगे
क्योंकि उनका पाप बहुत बड़ा है।

14 उस न्याय की घाटी में बहुत—बहुत सारे लोग हैं।
उस न्याय की घाटी में यहोवा का दिन आने वाला है।
15 सूरज चाँद काले पड़ जायेंगे।
तारे चमकना छोड़ देंगे।
16 परमेश्वर यहोवा सिय्योन से गरजेगा।
वह यरूशलेम से गरजेगा।
आकाश और धरती काँप—काँप जायेंगे
किन्तु अपने लोगों के लिये परमेश्वर यहोवा शरणस्थल होगा।
वह इस्राएल के लोगों का सुरक्षा स्थान बनेगा।
17 तब तुम जान जाओगे कि मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ।
मैं सिय्योन पर बसता हूँ जो मेरा पवित्र पर्वत है।
यरूशलेम पवित्र बन जायेगा।
फिर पराये कभी भी उसमें से होकर नहीं जा पायेंगे।

यहूदा के लिए नया जीवन का वचन

18 उस दिन मधुर दाखमधु पर्वत से टपकेगा।
पहाड़ों से दूध की नदियाँ और यहूदा की सभी सूखी नदियाँ
बहते हुए जल से भर जायेंगी।
यहोवा के मन्दिर से एक फव्वारा फूटेगा
जो शित्तीम की घाटी को पानी से सींचेगा।
19 मिस्र खाली हो जायेगा
और एदोम एक उजाड़ हो जायेगा।
क्योंकि वे यहूदा के लोगों के संग निर्दयी ही रहे थे।
उन्होंने अपने ही देश में निरपराध लोगों का वध किया था।
20 किन्तु यहूदा में लोग सदा ही बसे रहेंगे
और यरूशलेम में लोग पीढ़ियों तक रहेंगे।
21 उन लोगों ने मेरे लोगों का वध किया था
इसलिये निश्चय ही मैं उन्हें दण्ड दूँगा।

क्योंकि परमेश्वर यहोवा का सिय्योन पर निवासस्थान है!

समीक्षा

आत्मा में जीवन का आनंद लेने का निर्णय लीजिए

भविष्यवक्ता योएल लोगों को निर्देश देते हैं:' तुम अपने परमेश्वर यहोवा के कारण मगन हो, और आनन्द करो' (2:23)। जैसा कि जॉयस मेयर लिखती हैं:'आनंद पवित्र आत्मा का फल है। किंतु, यह केवल इस निर्णय को लेने के द्वारा मुक्त होता है कि विपरीत परिस्थितियों को आप भावनात्मक और मानसिक व्यवहार को नियंत्रित नहीं करने देंगे। आनंद के द्वारा, आप उन चीजों को करने की सामर्थ ग्रहण कर सकते हैं जो इसके बिना असंभव होती।'

परमेश्वर एक उल्लेखनीय वायदा करते हैं जो नये नियम में दोहराया गया हैः'जो कोई प्रभु का नाम लेगा उद्धार पाएगा' (2:32; प्रेरितों के काम 2:21; रोमियो 10:13)।

यह उस महान भविष्यवाणी के बाद है जो पतरस ने पिंतेकुस्त के दिन कही थीः'अन्त के दिनों में ऐसा होगा कि मैं अपना आत्मा सब मनुष्यों पर उँडेलूँगा, और तुम्हारे बेटे और तुम्हारी बेटियाँ भविष्यवाणी करेंगी, और तुम्हारे जवान दर्शन देखेंगे, और तुम्हारे पुरनिए स्वप्न देखेंगे। वरन् मैं अपने दासों और अपनी दासियों पर भी उन दिनों में अपना आत्मा उँडेलूँगा...और जो कोई प्रभु का नाम लेगा, वह उध्दार पाएगा' (योएल 2:28-32; प्रेरितों के काम 2:16-21 भी देखें)।

दूसरों ने शायद आपके विरूद्ध भेदभाव किया हो, लेकिन परमेश्वर आपकी उम्र, लिंग या जीवन में स्थिति के आधार पर भेदभाव नहीं करते हैं। उद्धार की प्रतिज्ञा और पवित्र आत्मा का ऊँडेला जाना सभी के लिए है – पुरुष और महिला, जवान और बूढ़े। हम इसे अल्फा की छुट्टियों में देखते हैं जब बहुत से लोगों का जीवन बदलता है, पवित्र आत्मा के ऊंडेले जाने के द्वारा।

अब भी बहुत से लोग 'निर्णय की घाटी में हैं' (योएल 3:14)। यह निर्णय कि प्रभु का नाम लें या ना लें अत्यधिक महत्वपूर्ण है। नया नियम इसे पूरी तरह से स्पष्ट करता है कि प्रभु का नाम है यीशुः यदि तू अपने मुंह से अंगीकार करे,'यीशु प्रभु है,' और अपने मन में विश्वास करे कि परमेश्वर ने उसे मरे हुओं में से जिलाया, तो तू निश्चय उद्धार पाएगा...क्योंकि,'जो कोई प्रभु का नाम लेगा, वह उद्धार पाएगा' (रोमियो 10:9,13)।

जो यह करते हैं उनसे योएल वायदा करते हैं कि'यहोवा अपनी प्रजा के लिये शरणस्थान ठहरेंगे' (योएल 3:16)। वह अद्भुत आशीषों का वायदा करते हैं। वह चेतावनी भी देते हैं कि परमेश्वर का न्याय आने वाला है (व.13; मरकुस 4:29; मत्ती 13:39 देखें)। प्रकाशितवाक्य की पुस्तक अंतिम दिन में यीशु के न्याय के वर्णन दाख के कोल्हू के रूप में करती है।

इस लेखांश में परमेश्वर की आशा है कि लोग इस पुकार को सुनकर एक निर्णय लेंगे और उनकी ओर फिरेंगे। 'बहुत देर नहीं हुई' (योएल 2:12, एम.एस.जी)। परमेश्वर 'अपने लोगों पर दया करेंगे' (व.18): ' 'सुनो, मैं अन्न और नया दाखमधु और ताजा तेल तुम्हें देने पर हूँ, और तुम उन्हें पाकर तृप्त होगे' (व.19)। वह वायदा करते हैं,' जिन वर्षा की उपज अर्बे नामक टिड्डियों ने खा ली थी, मैं उसकी हानि तुम को भर कर दूँगा' (व.25)। यह एक अद्भुत वायदा है, विशेष रूप से उनके लिए जो महसूस करते हैं कि उनके जीवन का बहुत सा हिस्सा 'टिड्डियों ने बरबाद कर दिया'।

जैसा कि जॉयस मेयर बताती हैं, परमेश्वर हमसे 'हमारी परेशानियों के बदले दोगुना प्रतिफल देन का वायदा' करते हैं। वह सुधारते, छुड़ाते, और नया बनाते हैं अपनी आत्मा के द्वारा। वह वायदा करते हैं,' उस समय पहाड़ों से नया दाखमधु टपकने लगेगा, और टीलों से दूध बहने लगेगा, और यहूदा देश के सब नाले जल से भर जाएँगे; और यहोवा के भवन में से एक सोता फूट निकलेगा' (3:18, यूहन्ना 7:37-39 भी देखें)।

यह अद्भुत, शुभ समाचार है जिसे हमें उन लोगों के पास ले जाने की आवश्यकता है जो निर्णय की घाटी में हैं।

प्रार्थना

परमेश्वर, आपका धन्यवाद कि आप वायदा करते हैं कि उन वर्षों की हानि भर देंगे जिन्हें टिड्डियां खा गई और मुझ पर पवित्र आत्मा को ऊँडेलेंगे। आज फिर से अपनी आत्मा के द्वारा मेरी सहायता कीजिए।

पिप्पा भी कहते है

योएल 2:28

'मैं सभी लोगों पर अपना आत्मा ऊँडेलूंगा।'

मुझे आज इसी की आवश्यकता है – व्यक्तिगत रूप से और मेरे परिवार, हमारे चर्च, हमारे विश्व के लिए...

दिन का वचन

इब्रानियो – 4:12

"क्योंकि परमेश्वर का वचन जीवित, और प्रबल, और हर एक दोधारी तलवार से भी बहुत चोखा है, और जीव, और आत्मा को, और गांठ गांठ, और गूदे गूदे को अलग करके, वार पार छेदता है; और मन की भावनाओं और विचारों को जांचता है।"

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संदर्भ

जॉयस मेयर, द एव्रीडे लाईफ बाईबल, (फेथवर्डस, 2014) पी.1384

जहाँ पर कुछ बताया न गया हो, उन वचनों को पवित्र बाइबल, न्यू इंटरनैशनल संस्करण एन्ग्लिसाइड से लिया गया है, कॉपीराइट © 1979, 1984, 2011 बिबलिका, पहले इंटरनैशनल बाइबल सोसाइटी, हूडर और स्टोगन पब्लिशर की अनुमति से प्रयोग किया गया, एक हॅचेट यूके कंपनी सभी अधिकार सुरक्षित। ‘एनआईवी’, बिबलिका यू के का पंजीकृत ट्रेडमार्क संख्या 1448790 है।

जिन वचनों को (एएमपी, AMP) से चिन्हित किया गया है उन्हें एम्प्लीफाइड® बाइबल से लिया गया है. कॉपीराइट © 1954, 1958, 1962, 1964, 1965, 1987 लॉकमैन फाउंडेशन द्वारा प्राप्त अनुमति से उपयोग किया गया है। (www.Lockman.org)

जिन वचनों को (एमएसजी MSG) से चिन्हित किया गया है उन्हें मैसेज से लिया गया है। कॉपीराइट © 1993, 1994, 1995, 1996, 2000, 2001, 2002. जिनका प्रयोग एनएवीप्रेस पब्लिशिंग ग्रुप की अनुमति से किया गया है।

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