यीशु को कैसे जाने और प्रेम करें
परिचय
सोफिया एकमात्र बच्ची है। उसके जन्म से पहले उसकी माँ का चौदह बार गर्भपात हुआ। उसके माता-पिता उससे बहुत प्यार करते हैं। वह अपने माता-पिता से प्रेम करती है। अब सोफिया बीस वर्ष की है, और अब भी वह जितना संभव हो उतना अपने माता-पिता के साथ समय बिताती है।
उसने मुझे बताया कि जब वह स्कूल में थी और उसके साथी विद्यार्थीयों से पूछा गया कि उनका क्या विचार है कि क्या उनके माता – पिता उनसे उससे ज्यादा प्रेम करते थे जितना कि वे एक दूसरे से प्रेम करते थे। उनमें से बहुतों ने उत्तर दिया कि मामला कुछ वैसा ही था। किंतु, सोफिया ने जवाब दिया कि वह सोचती है कि उसके माता-पिता एक दूसरे से बहुत अधिक प्रेम करते थे, लेकिन प्रेम के इस बंधन ने उसे बहुत ही सुरक्षित और प्रेम किया गया महसूस करवाया।
मसीह विश्वास में मुख्य चीज है यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर के साथ एक संबंध। एक मसीह बनने का अर्थ है मसीह को जानना और उनसे प्रेम करना।
यह संबंध कैसा है? बाईबल इसका वर्णन मानवीय भाषा और मानवीय वंशावली का उपयोग करके करती है। यह सबसे नजदीकी घनिष्ठता का एक संबंध है। यह एक माता – पिता और बच्चे का संबंध है (लूका 1; रोमियो 8)। लेकिन पौलुस घनिष्ठता के विषय में और आगे बढ़ते हैं: वह मसीह को हमारे पति और चर्च को उनकी दुल्हन कहते हैं (2कुरिंथियो 11:2; इफीसियो 5:22-23 भी देखें)।
नीतिवचन 22:7-16
7 धनी दरिद्रों पर शासन करते हैं।
उधार लेने वाला, देनेवालों का दास होता है।
8 ऐसा मनुष्य जो दुष्टता के बीज बोता है
वह तो संकट की फसल काटेगा; और उसकी क्रोध की लाठी नष्ट हो जायेगी।
9 उदार मन का मनुष्य स्वयं ही धन्य होगा,
क्योंकि वह गरीब जन के साथ बाँट कर खाता है।
10 निन्दक को दूर कर तो कलह दूर होगा।
इससे झगड़े और अपमान मिट जाते हैं।
11 वह जो पवित्र मन को प्रेम करता है
और जिसकी वाणी मनोहर होती है उसका तो राजा भी मित्र बन जाता है।
12 यहोवा सदा ज्ञान का ध्यान रखता है;
किन्तु वह विश्वासघाती के वचन विफल करता।
13 काम नहीं करने के बहाने बनाता हुआ आलसी कहता है,
“बाहर बैठा है सिंह” या “गलियों में मुझे मार डाला जायेगा।”
14 व्यभिचार का पाप ऐसा होता है जैसे हो कोई जाल।
यहोवा उसके बहुत कुपित होगा जो भी इस जाल में गिरेगा।
15 बच्चे शैतानी करते रहते हैं किन्तु
अनुशासन की छड़ी ही उनको दूर कर देती।
16 ऐसा मनुष्य जो अपना धन बढ़ाने गरीब को दबाता है;
और वह, जो धनी को उपहार देता, दोनों ही ऐसे जन निर्धन हो जाते हैं।
समीक्षा
राजा के साथ मित्रता का आनंद लीजिए
ऍश्ले मॅडिसन एक कॅनडा की ऑनलाइन डेटिंग सेवा है जो उन लोगों के लिए है जो विवाहित हैं या एक कटिबद्ध संबंध में। इसका नारा है 'जीवन छोटा है। एक प्रेम संबंध बनाओ।'
हाँल ही में यू.के. में प्रकाशित पुस्तक बताती है कि व्यभिचार शायद से विवाह के स्वास्थ के लिए अच्छा है। यह सच्चाई से बहुत दूर है।
घनिष्ठ संबंधो में वफादारी की आवश्यकता है। परमेश्वर ' विश्वासघाती की बातें उलट देते हैं' (व.12)। ' पराई स्त्रियों का मुँह गहरा गड़हा है' (व.14अ)। व्यभिचार विवाह की वफादारी को तोड़ देता है और इसलिए यह एक 'गहरा गड्ढा' है।
' जो मन की शुध्दता से प्रीति रखता है, और जिसके वचन मनोहर होते हैं, राजा उसका मित्र होता है ' (व.11)। यहाँ पर, लेखक का अर्थ मानवीय राजा से है। विश्वसनीयता और आकर्षण का मिश्रण लोगों को हर प्रकार के लीडर्स के साथ संपर्क में ला सकता है, यहाँ तक कि एक राजा के साथ मित्रता करवा सकता है।
लेकिन, हर कोई राजसी परिवार का मित्र नहीं बन सकता है। थोड़े ही लोग एक मानवीय राजा को जानते हैं। अद्भुत रीति से, आप राजाओं के राजा और प्रभुओं के प्रभु के मित्र होने के लिए आमंत्रित किए गए हैं: यीशु मसीह।
वचन 11 में इस्तेमाल की गई भाषा, 'शुद्ध हृदय' और 'अनुग्रही', 2कुरिंथियो 11:3 में इस्तेमाल की गई भाषा से अलग नहीं हैः' तुम्हारे मन उस सीधाई और पवित्रता से जो मसीह के साथ होनी चाहिए'।
मित्रता में प्रयास लगता है। एक घनिष्ठ संबंध को बनाए रखने में हमें निरंतर प्रेम और वफादारी को दिखाने का चुनाव करना पड़ेगा। ' आलसी कहता है, बाहर तो सिंह होगा! मैं चौक के बीच घात किया जाउँगा' (नीतिवचन 22:13, एम.एस.जी)। दूसरे शब्दो में, आलसी व्यक्ति बहुत से बहाने बनाता है कि क्यों उन्हें उठकर कुछ प्रयास नहीं करना चाहिए।
सभी घनिष्ठ संबंधो में, साथ ही यीशु के साथ आपके संबंध में, प्रयास और समय की आवश्यकता है, यदि उन्हें बढ़ाना और समृद्ध करना है। आज निर्णय लीजिए कि यीशु के साथ अपनी मित्रता के लिए समय और ऊर्जा देंगे।
प्रार्थना
2 कुरिन्थियों 11:1-15
बनावटी प्रेरित और पौलुस
11काश, तुम मेरी थोड़ी सी मूर्खता सह लेते। हाँ, तुम उसे सह ही लो। 2 क्योंकि मैं तुम्हारे लिये ऐसी सजगता के साथ, जो परमेश्वर से मिलती है, सजग हूँ। मैंने तुम्हारी मसीह से सगाई करा दी है ताकि तुम्हें एक पवित्र कन्या के समान उसे अर्पित कर सकूँ। 3 किन्तु मैं डरता हूँ कि कहीं जैसे उस सर्प ने हव्वा को अपने कपट से भ्रष्ट कर दिया था, वैसे ही कहीं तुम्हारा मन भी उस एकनिष्ठ भक्ति और पवित्रता से, जो हमें मसीह के प्रति रखनी चाहिए, भटका न दिया जाये। 4 क्योंकि जब कोई तुम्हारे पास आकर जिस यीशु का उपदेश हमने तुम्हें दिया है, उसे छोड़ किसी दूसरे यीशु का तुम्हें उपदेश देता है, अथवा जो आत्मा तुमने ग्रहण की है, उससे अलग किसी और आत्मा को तुम ग्रहण करते हो अथवा छुटकारे के जिस संदेश को तुमने ग्रहण किया है, उससे भिन्न किसी दूसरे संदेश को भी ग्रहण करते हो।
5 तो तुम बहुत प्रसन्न होते हो। पर मैं अपने आप को तुम्हारे उन “बड़े प्रेरितों” से बिल्कुल भी छोटा नहीं मानता। 6 हो सकता है मेरी बोलने की शक्ति सीमित है किन्तु मेरा ज्ञान तो असीम है। इस बात को हमने सभी बातों में तुम्हें स्पष्ट रूप से दर्शाया है।
7 और फिर मैंने मुफ्त में सुसमाचार का उपदेश देकर तुम्हें ऊँचा उठाने के लिये अपने आप को झुकाते हुए, क्या कोई पाप किया है? 8 मैंने दूसरी कलीसियाओं से अपना पारिश्रमिक लेकर उन्हें लूटा है ताकि मैं तुम्हारी सेवा कर सकूँ। 9 और जब मैं तुम्हारे साथ था तब भी आवश्यकता पड़ने पर मैंने किसी पर बोझ नहीं डाला क्योंकि मकिदुनिया से आये भाईयों ने मेरी आवश्यकताएँ पूरी कर दी थीं। मैंने हर बात में अपने आप को तुम पर न बोझ बनने दिया है और न बनने दूँगा। 10 और क्योंकि मुझमें मसीह का सत्य निवास करता है, इसलिए अखाया के समूचे क्षेत्र में मुझे बढ़ चढ़कर बोलने से कोई नहीं रोक सकता। 11 भला क्यों? क्या इसलिए कि मैं तुम्हें प्यार नहीं करता? परमेश्वर जानता है, मैं तुमसे प्यार करता हूँ।
12 किन्तु जो मैं कर रहा हूँ उसे तो करता ही रहूँगा; ताकि उन तथाकथित प्रेरितों के गर्व को, जो गर्व करने का कोई ऐसा बहाना चाहते हैं जिससे वे भी उन कामों में हमारे बराबर समझे जा सकें जिनका उन्हें गर्व है; मैं उनके उस गर्व को समाप्त कर सकूँ। 13 ऐसे लोग नकली प्रेरित हैं। वे छली हैं, वे मसीह के प्रेरित होने का ढोंग करते हैं। 14 इसमें कोई अचरज नहीं है, क्योंकि शैतान भी तो परमेश्वर के दूत का रूप धारण कर लेता है। 15 इसलिए यदि उसके सेवक भी नेकी के सेवकों का सा रूप धर लें तो इसमें क्या बड़ी बात है? किन्तु अंत में उन्हें अपनी करनी के अनुसार फल तो मिलेगा ही।
समीक्षा
अपने विवाह को मसीह को समर्पित कीजिए
कभी कभी हम जीवन को बहुत ही जटिल बना देते हैं। हम अपने विश्वास को बहुत जटिल बना सकते हैं। आप उस 'सरलता' के लिए बुलाए गए हैं जो कि मसीह में हैं (व.3, के.जे.व्ही)। सरलता का अर्थ सहज होना नहीं है। इसका अर्थ है कि ' तुम्हारे मन उस सीधाई और पवित्रता से जो मसीह के साथ होनी चाहिए' (व.3, ए.एम.पी)।
पौलुस ने कुरिंथियों को यीशु में विश्वास में लाया। उसने उन्हें उनके पति से मिलाया और उन्हें 'मसीह की दुल्हन' कहा। वह नहीं चाहते थे कि वे भटक जाएँ: ' मैं तुम्हारे विषय में ईश्वरीय धुन लगाए रहता हूँ, इसलिये कि मैं ने एक ही पुरुष से तुम्हारी बात लगाई है कि तुम्हें पवित्र कुँवारी के समान मसीह को सौंप दूँ... परन्तु मैं डरता हूँ कि तुम्हारे मन उस सीधाई और पवित्रता से जो मसीह के साथ होनी चाहिए, कहीं भ्रष्ट न किए जाएँ।' (वव.2-3, एम.एस.जी)।
बच्चों का जीवन एक 'सरल शुद्धता' का जीवन होता है। संबंधो के प्रति उनका रुझान जटिल नहीं होता। जितना संभव हो सके वे अपना आनंद लेते हैं। वे चिंताहीन और चिंताहीन है। यही वह सरलता है जिसे आपको यीशु के साथ अपने संबंध में अपनाने की आवश्यकता है।
पौलुस ने उनसे प्रेम कियाः ' क्या इसलिये कि मैं तुम से प्रेम नहीं रखता? परमेश्वर यह जानते हैं कि मैं प्रेम रखता हूँ।' (व.11, एम.एस.जी)।
पौलुस ने दृढ़संकल्प लिया था कि ' (उन्हें) सेंतमेंत से परमेश्वर का सुसमाचार प्रचार करेंगे' (व.7)। 'तुम्हारा पैसा लेने से पहले मैं मर जाऊँगा' (व.12, एम.एस.जी)। यह एक कारण है कि मैं मजबूती से महसूस करता हूँ कि अल्फा में आने के लिए किसी से भी पैसे नहीं लेने चाहिए। नाही एक शिक्षा के बाद हमें पैसे माँगने चाहिए। सुसमाचार को हमेशा 'मुफ्त' होना चाहिए।
किंतु, किसी को दान देने की आवश्यकता है ताकि खर्च को पूरा किया जा सकेः' भाइयों ने मकिदुनिया से आकर मेरी घटी को पूरा किया' (व.9, एम.एस.जी)। पौलुस दूसरे चर्च से बहुत खुश था कि वे आर्थिक योगदान देते थे ताकि सुसमाचार मुक्त रूप से प्रचार किया जा सके। चंदा इकट्ठा करना गलत बात नहीं है, लेकिन हमें उन लोगों से चंदा इकट्ठा नहीं करना चाहिए जिन्हें हम सुसमाचार सुना रहे हैं।
पौलुस चिंता करते हैं कि दुल्हन झूठे शिक्षकों के साथ भाग जाएगी – शिक्षक जो एक अलग सुसमाचार सुना रहे हैं, एक अलग यीशु एक अलग आत्मा में (व.4)। शैतान की तरह ही, वे ज्योतिर्मय स्वर्गदूत का रूप धारण करते हैं' (व.14)।
यह रूपधारण आत्मिक जाँच को कठिन बनाता है, और बहुत महत्वपूर्ण बनाता है। हम दूसरों के अभिप्रायों के विशेष में संदेही नहीं बनना चाहते हैं, लेकिन हमें आत्मिक अंतर्ज्ञान और बुद्धि को माँगने की आवश्यकता है।
यहाँ पर पौलुस दूसरे मसीहों के बारे में बात नहीं कर रहे हैं जो चीजों को थोड़े अलग नजरिये से देखते हैं, या जो शिक्षा के दूसरे मामलो में एक अलग निष्कर्ष पर पहुँचे हैं,। प्रेरित जिन लोगों के विरूद्ध चेतावनी दे रहे हैं, वे 'झूठे प्रेरित, और छल से काम करने वाले, और मसीह के प्रेरितों का रूप धरने वाले हैं' (वव.12-13, एम.एस.जी)।
यह दूसरे मसीह समुदाय या संस्कृति के समांतर नहीं हैं। यह बिल्कुल भी मसीह नहीं हैं। यह 'दूसरा यीशु' हैं (व.4, एम.एस.जी)। यही कारण है कि पौलुस जूनूनी रूप से चिंता करते हैं। वह जूनूनी रूप से चिंता करते हैं कि सच्चे यीशु मसीह की दुल्हन के रूप में, उनके सच्चे और शुद्ध समर्पण की निगरानी करे।
प्रार्थना
यशायाह 20:1-23:18
अश्शूर मिस्र और कूश को हरायेगा
20सर्गोन अश्शूर का राजा था। सर्गोन ने तर्तान को नगर के विरुद्ध युद्ध करने के लिए अशदोद भेजा। तर्तान ने वहाँ जा कर नगर पर कब्जा कर लिया। 2 उस समय आमोस के पुत्र यशायाह के द्वारा यहोवा ने कहा, “जा, और अपनी कमर से शोक वस्त्र उतार फेंक। अपने पैरों की जूतियाँ उतार दे।” यशायाह ने यहोवा की आज्ञा का पालन किया और वह बिना कपड़ों और बिना जूतों के इधर—उधर घूमा।
3 फिर यहोवा ने कहा, “यशायाह तीन साल तक बिना कपड़ों और बिना जूतियाँ पहने इधर—उधर घूमता रहा है। मिस्र और कूश के लिए यह एक संकेत है कि 4 अश्शूर का राजा मिस्र और कूश को हरायेगा। अश्शूर वहाँ के बंदियों को लेकर, उनके देशों से दूर ले जायेगा। बूढ़े व्यक्ति और जवान लोग बिना कपड़ों और नंगे पैरों ले जाये जायेंगे। वे पूरी तरह से नंगे होंगे। मिस्र के लोग लज्जित होंगे। 5 जो लोग सहायता के लिये कूश की ओर देखा करते थे, वे टूट जायेंगे। जो लोग मिस्र की महिमा से चकित थे वे लज्जित होंगे।”
6 समुद्र के पास रहने वाले, वे लोग कहेंगे, “हमने सहायता के लिये उन देशों पर विश्वास किया। हम उनके पास दौड़े गये ताकि वे हमें अश्शूर के राजा से बचा लें किन्तु उन देशों को देखो कि उन देशों पर ही जब कब्जा कर लिया गया तब हम कैसे बच सकते थे”
परमेश्वर का बाबुल को सन्देश
21सागर के मरुप्रदेश के बारे में दु:खद सन्देश।
मरुप्रदेश से कुछ आने वाला है।
यह नेगव से आती हवा जैसा आ रही है।
यह किसी भयानक देश से आ रही है।
2 मैंने कुछ देखा है जो बहुत ही भयानक है और घटने ही वाला है।
मुझे गद्दार तुझे धोखा देते हुए दिखते हैं।
मैं लोगों को तुम्हारा धन छीनते हुए देखता हूँ।
एलाम, तुम जाओ और लोगों से युद्ध करो!
मादै, तुम अपनी सेनाएँ लेकर नगर को घेर लो तथा उसको पराजित करो!
मैं उस बुराई का अन्त करुँगा जो उस नगर में है।
3 मैंने यें भयानक बातें देखी और अब मैं बहुत डर गया हूँ।
डर के मारे पेट में दर्द हो रहा है।
यह दर्द प्रसव की पीड़ा जैसा है।
जो बातें मैं सुनता हूँ, वे मुझे बहुत डराती है।
जो बातें मैं देख रहा हूँ, उनके कारण मैं भय के मारे काँपने लगता हूँ।
4 मैं चिन्तित हूँ और भय से थर—थर काँप रहा हूँ।
मेरी सुहावनी शाम भय की रात बन गयी है।
5 लोग सोचते हैं, सब कुछ ठीक है।
लोग कहते हैं,
“चौकी तैयारी करो और उस पर आसन बिछाओ, खाओ, पिओ!”
किन्तु मेरा कहना है, “मुखियाओं! खड़े होओ और युद्ध की तैयारी करो।”
उसी समय सैनिक कह रहे हैं, “पहरेदारों को तैनात करो!
अधिकारियों, खड़े हो जाओ और अपनी ढालों को झलकाओ!”
6 मेरे स्वामी ने मुझे ये बातें बतायी हैं, “जा और नगर की रक्षा के लिए किसी व्यक्ति को ढूँढ। 7 यदि वह रखवाला घुड़सवारों की, गधों की अथवा ऊँटों की पंक्तियों को देखें तो उसे सावधानी के साथ सुनना चाहिये।” 8 सो फिर वह पहरेदार जोर से बोला पहरेदार ने कहा,
“मेरे स्वामी, मैं हर दिन चौकीदारी के बुर्ज पर चौकीदारी करता आया हूँ।
हर रात मैं खड़ा हुआ पहरा देता रहा हूँ। किन्तु…
9 देखो! वे आ रहे हैं!
मुझे घुड़सवारों की पंक्तियाँ दिखाई दे रही हैं।”
फिर सन्देशवाहक ने कहा,
“बाबुल पराजित हुआ,
बाबुल धरती पर ध्वस्त किया गया।
उसके मिथ्या देवों की सभी मूर्तियाँ
धरती पर लुढ़का दी गई और वे चकनाचूर हो गई हैं।”
10 यशायाह ने कहा, “हे खलिहान में अनाज की तरह रौंदे गए मेरे लोगों, मैंने सर्वशक्तिमान यहोवा, इस्राएल के परमेश्वर से जो कुछ सुना है, सब तुम्हें बता दिया है।”
एदोम को परमेश्वर का सन्देश
11 दूमा के लिये दु:खद सन्देश:
सेईर से मुझको किसी ने पुकारा।
उसने मुझ से कहा, “हे पहरेदार, रात अभी कितनी शेष बची है
अभी और कितनी देर यह रात रहेगी!”
12 पहरेदार ने कहा,
“भोर होने को है किन्तु रात फिर से आयेगी।
यदि तुझे कोई बात पूछनी है तो
लौट आ और मुझसे पूछ ले।”
अरब के लिये परमेश्वर का सन्देश
13 अरब के लिये दु:खद सन्देश।
हे ददानी के काफिले,
तू रात अरब के मरुभूमि में कुछ वृक्षों के पास गुजार ले।
14 कुछ प्यासे यात्रियों को पीने को पानी दो।
तेमा के लोगों, उन लोगों को भोजन दो जो यात्रा कर रहे हैं।
15 वे लोग ऐसी तलवारों से भाग रहे थे
जो उनको मारने को तत्पर थे।
वे लोग उन धनुषों से बचकर भाग रहे थे
जो उन पर छूटने के लिये तने हुए थे।
वे भीषण लड़ाई से भाग रहे थे।
16 मेरे स्वामी यहोवा ने मुझे बताया था कि ऐसी बातें घटेंगी। यहोवा ने कहा था, “एक वर्ष में (एक ऐसा ढँग जिससे मजदूर किराये का समय को गिनता है।) केदार का वैभव नष्ट होजायेगा। 17 उस समय केदार के थोड़े से धनुषधारी, प्रतापी सैनिक ही जीवित बच पायेंगे।” इस्राएल के परमेश्वर यहोवा ने मुझे ये बातें बताई थीं।
यरूशलेम के लिये परमेश्वर का सन्देश
22दिव्य दर्शन की घाटी के बारे में दु:खद सन्देश:
तुम लोगों के साथ क्या हुआ है
कयों तुम अपने घरों की छतों पर छिप रहे हो
2 बीते समय में यह नगर बहुत व्यस्त नगर था।
यह नगर बहुत शोरगुल से भरा और बहुत प्रसन्न था।
किन्तु अब बातें बदल गई।
तुम्हारे लोग मारे गये किन्तु तलवारों से नहीं,
और वे मारे गये
किन्तु युद्ध में लड़ते समय नहीं।
3 तुम्हारे सभी अगुवे एक साथ कहीं भाग गये
किन्तु उन्हें पकड़ कर बन्दी बनाया गया, जब वे बिना धनुष के थे।
तुम्हारे सभी अगुवे कहीं दूर भाग गये
किन्तु उन्हें पकड़ा और बन्दी बनाया गया।
4 मैं इसलिए कहता हूँ, “मेरी तरफ मत देखो,
बस मुझको रोने दो!
यरूशलेम के विनाश पर मुझे सान्त्वना देने के लिये
मेरी ओर मत लपको।”
5 यहोवा ने एक विशेष दिन चुना है। उस दिन वहाँ बलवा और भगदड़ मच जायेगा। दिव्य दर्शन की घाटी में लोग एक दूसरे को रौंद डालेंगे। नगर की चार दीवारी उखाड़ फेंकी जायेगी। घाटी के लोग पहाड़ पर के लोगों के ऊपर चिल्लायेंगे। 6 एलाम के घुड़सवार सैनिक अपनी—अपनी तरकसें लेकर घोड़ों पर चढ़े युद्ध को प्रस्थान करेंगे। किर के लोग अपनी ढालों से ध्वनि करेंगे। 7 तुम्हारी इस विशेष घाटी में सेनाएँ आ जुटेंगी। घाटी रथों से भर जायेगी। घुड़सवार सैनिक नगर द्वारों के सामने तैनात किये जायेंगे। 8 उस समय यहूदा के लोग उन हथियारों का प्रयोग करना चाहेंगे जिन्हें वे जंगल के महल में रखा करते हैं। यहूदा की रक्षा करने वाली चहारदीवारी को शत्रु उखाड़ फेंकेगा।
9-11 दाऊदर के नगर की चहारदीवारी तड़कने लगेगी और उसकी दरारें तुम्हें दिखाई देंगी। सो तुम मकानों को गिनने लगोगे और दीवार की दरारों को भरने के लिये तुम उन मकानों के पत्थरों का उपयोग करोगे। उन दुहरी दीवारों के बीच पुराने तालाब का जल बचा कर रखने के लिये तुम एक स्थान बनाओगे, और वहाँ पानी को एकत्र करोगे।
यह सब कुछ तुम अपने आपको बचाने के लिये करोगे। फिर भी उस परमेशवर पर तुम्हारा भरोसा नहीं होगा जिसने इन सब वस्तुओं को बनाया है। तुम उसकी ओर (परमेश्वर) नहीं देखोगे जिसने बहुत पहले इन सब वस्तुओं की रचना की थी। 12 सो, मेरा स्वामी सर्वशक्तिमान यहोवा लोगों से उनके मरे हुए मित्रों के लिए विलाप करने और दु:खी होने के लिये कहेगा। लोग अपने सिर मुँड़ा लेंगे और शोक वस्त्र धारण करेंगे। 13 किन्तु देखो! अब लोग प्रसन्न हैं। लोग खुशियाँ मना रहे हैं। वे लोग कह रहे हैं:
मवेशियों को मारो, भेड़ों का वध करो।
हम उत्सव मनायेंगे।
तुम अपना खाना खाओ और अपना दाखमधु पियो।
खाओ और पियो क्योंकि कल तो हमें मर जाना है।
14 सर्वशक्तिमान यहोवा ने ये बातें मुझसे कही थीं और मैंने उन्हें अपने कानों सुना था: “तुम बुरे काम करने के अपराधी हो और मैं निश्चय के साथ कहता हूँ कि इस अपराध के क्षमा किये जाने से पहले ही तुम मर जाओगे।” मेरे स्वामी सर्वशक्तिमान यहोवा ने ये बातें कही थीं।
शेबना के लिये परमेश्वर का सन्देश:
15 मेरे स्वामी सर्वशक्तिमान यहोवा ने मुझसे ये बातें कहीं: “उस शेबना नाम के सेवक के पास जाओ।” वह महल का प्रबन्ध—अधिकारी है। 16 उस से पूछना, “तू यहाँ क्या कर रहा है क्या यहाँ तेरे परिवार का कोई व्यक्ति गड़ा हुआ है यहाँ तू एक कब्र क्यों बना रहा है” यशायाह ने कहा, “देखो इस आदमी को! एक ऊँचे स्थान पर यह अपनी कब्र बना रहा है। अपनी कब्र बनाने के लिये यह चट्टान को काट रहा है।
17-18 “हे पुरुष, यहोवा तुझे कुचल डालेगा। यहोवा तुझे बाँध कर एक छोटी सी गेंद की तरह गोल बना कर किसी विशाल देश में फेंक देगा और वहाँ तेरी मौत हो जायेगी।”
यहोवा ने कहा, “तुझे अपने रथों पर बड़ा अभिमान था। किन्तु उस दूर देश में तेरे नये शासक के पास और भी अच्छे रथ हैं। उसके महल में तेरे रथ महत्वपूर्ण नहीं दिखाई देंगे। 19 यहाँ मैं तुझे तेरे महत्त्वपूर्ण काम से धकेल बाहर करुँगा। तेरे महत्त्वपूर्ण काम से तेरा नया मुखिया तुझे दूर कर देगा। 20 उस समय मैं अपने सेवक एल्याकीम को जो हिल्कियाह का पुत्र है, बुलाऊँगा 21 और तेरा चोगा लेकर उस सेवक को पहना दूँगा। तेरा राजदण्ड भी मैं उसे दे दूँगा। जो महत्त्वपूर्ण काम तेरे पास हैं, मैं उसे भी उस ही को दे दूँगा। वह सेवक यरूशलेम के लोगों और यहूदा के परिवार के लिए पिता के समान होगा।
22 “यहूदा के भवन की चाबी मैं उस पुरुष के गले में डाल दूँगा। यदि वह किसी द्वार को खोलेगा तो वह द्वार खुला ही रहेगा। कोई भी व्यक्ति उसे बंद नहीं कर पायेगा। यदि वह किसी द्वार को बंद करेगा तो वह द्वार बंद हो जायेगा। कोई भी व्यक्ति उसे खोल नहीं पायेगा। वह सेवक अपने पिता के घर में एक सिंहासन के समान होगा। 23 मैं उसे एक ऐसी खूँटी के समान सुदृढ बनाऊँगा जिसे बहुत सख़्त तख्ते में ठोका गया है। 24 उसके पिता के घर की सभी माननीय और महत्त्वपूर्ण वस्तुएँ उसके ऊपर लटकेंगी। सभी वयस्क और छोटे बच्चे उस पर निर्भर करेंगे। वे लोग ऐसे होंगे जैसे छोटे—छोटे पात्र और बड़ी—बड़ी सुराहियाँ उसके ऊपर लटक रहीं हों।
25 “उस समय, वह खूँटी (शेबना) जो अब एक बड़े कठोर तख्ते में गाड़ी हुई खूँटी है, दुर्बल हो कर टूट जायेगी। वह खूँटी धरती पर गिर पड़ेगी और उस खूँटी पर लटकी हुई सभी वस्तुएँ नष्ट हो जायेंगी। तब वह प्रत्येक बात जो मैंने उस सन्देश में बताई थी, घटित होगी।” (ये बातें घटेंगी क्योंकि इन्हें यहोवा ने कहा है।)
लबानोन को परमेश्वर का सन्देश
23सोर के विषय में दु:खद सन्देश:
हे तर्शीश के जहाज़ों, दु:ख मनाओ!
तुम्हारा बन्दरगाह उजाड़ दिया गया है।
(इन जहाज़ो पर जो लोग थे, उन्हें यह समाचार उस समय बताया गया था जब वे कित्तियों के देश से अपने रास्ते जा रहे थे।)
2 हे समुद्र के निकट रहने वाले लोगों,
रुको और शोक मनाओ!
हे, सीदोन के सौदागरों शोक मनाओ।
सिदोन तेरे सन्देशवाहक समुद्र पार जाया करते थे।
उन लोगों ने तुझे धन दौलत से भर दिया।
3 वे लोग अनाज की तलाश में समुद्रों में यात्रा करते थे।
सोर के वे लोग नील नदी के आसपास जो अनाज पैदा होता था, उसे मोल ले लिया करते थे और फिर उस अनाज को दूसरे देशों में बेचा करते थे।
4 हे सीदोन, तुझे शर्म आनी चाहिए।
क्योंकि अब सागर और सागर का किला कहता है:
मैं सन्तान रहित हूँ। मुझे प्रसव की वेदना का ज्ञान नहीं है।
मैंने किसी बच्चे को जन्म नहीं दिया।
मैंने युवती व युवक को पाल कर बड़े नहीं किया।
5 मिस्र सोर का समाचार सुनेगा
और यह समाचार मिस्र को दु:ख देगा।
6 तेरे जलयान तर्शीश को लौट जाने चाहिए।
हे सागरतट वासियों! दु:ख में डूब जाओ।
7 बीते दिनों में तुमने सोर नगर का रस लिया।
यह नगरी शुरु से ही विकसित होती रही।
उस नगर के कुछ लोग कहीं दूर बसने को चले गये।
8 सोर के नगर ने बहुत सारे नेता पैदा किये।
वहाँ के व्यापारी राजपुत्रों के समान होते हैं और वे लोग वस्तुएँ खरीदते व बेचते हैं।
वे हर कहीं आदर पाते हैं।
सो किसने सोर के विरुद्ध योजनाएँ रची हैं।
9 हाँ, सर्वशक्तिमान यहोवा ने वे योजनाएँ बनायी थी।
उसने ही उन्हें महत्त्वपूर्ण न बनाने का निश्चय किया था।
10 हे तर्शीश के जहाज़ो तुम अपने देश को लौट जाओ।
तुम सागर को ऐसे पार करो जैसे वह छोटी सी नदी हो।
कोई भी व्यक्ति अब तुम्हें नहीं रोकेगा।
11 यहोवा ने अपना हाथ सागर के ऊपर फैलाया है और राज्यों को कँपा दिया।
यहोवा ने कनान (फिनिसियाँ) के बारे में आदेश दे दिया है कि उसके गढ़ियों को नष्ट कर दिया जाये।
12 यहोवा कहता है, हे! सीदोन की कुँवारी पुत्री, तुझे नष्ट किया जायेगा।
अब तू और अधिक आनन्द न मना पायेगी।
किन्तु सोर के निवासी कहते हैं, “हमको कित्ती बचायेगा।”
किन्तु यदि तुम सागर को पार कर कित्तीमजाओ वहाँ भी तुम चैन का स्थान नहीं पाओगे।
13 अत: सोर के निवासी कहा करते हैं, “बाबुल के लोग हम को बचायेंगे!”
किन्तु तुम बाबुल के लोगों को धरती पर देखो।
एक देश के रुप में आज बाबुल का कोई अस्तित्व नहीं है।
बाबुल के ऊपर अश्शूर ने चढ़ाई की और उस के चारों ओर बुर्जियाँ बनाई।
सैनिकों ने सुन्दर घरों का सब धन लूट लिया।
अश्शूर ने बाबुल को जंगली पशुओं का घर बना दिया।
उन्होंने बाबुल को खण्डहरों में बदल दिया।
14 सो तर्शीश के जलयानों तुम विलाप करो।
तुम्हारा सुरक्षा स्थान (सोर) नष्ट हो जायेगा।
15 सत्तर वर्ष तक लोग सोर को भूल जायेंगे। (यह समय, किसी राजा के शासन काल के बराबर समय माना जाता था।) सत्तर वर्ष के बाद, सोर एक वेश्या के समान हो जायेगा। इस गीत में:
16 “हे वेश्या! जिसे पुरुषों ने भुला दिया।
तू अपनी वीणा उठा और इस नगर में घूम।
तू अपने गीत को अच्छी तरह से बजा, तू अक्सर अपना गीत गाया कर।
तभी तुझको लोग फिर से याद करेंगे।”
17 सत्तर वर्ष के बाद, परमेश्वर सोर के विषय में फिर विचार करेगा और वह उसे एक निर्णय देगा। सोर में फिर से व्यापार होने लगेगा। धरती के सभी देशों के लिये सोर एक वेश्या के समान हो जायेगा। 18 किन्तु सोर जिस धन को कमायेगा, उसको रख नहीं पायेगा। सोर का अपने व्यापार से हुआ लाभ यहोवा के लिये बचाकर रखा जायेगा। सोर उस लाभ को उन लोगों को दे देगा जो यहोवा की सेवा करते हैं। इसलिये यहोवा के सेवक भर पेट खाना खायेंगे और अच्छे कपड़े पहनेंगे।
समीक्षा
अपने कर्ता पर अपनी निगाहें लगाईये
परमेश्वर ने आपको उनके साथ एक घनिष्ठ संबंध के लिए सृजा है। दुखद रूप से, विश्व और कभी कभी परमेश्वर के लोग, दोनों ही, दूसरी चीजों के पीछे भागते हैं और उनके कर्ता को नहीं देखते और अपनी योजनाओं के लिए उनसे सलाह नहीं लेते।
यशायाह उन लोगों पर परमेश्वर के न्याय की घोषणा करते हैं जो परमेश्वर के अलावा किसी व्यक्ति या वस्तु को देखते या उस पर भरोसा करते हैं (20:5)। वह कहते हैं कि सूर 'अंतर्राष्ट्रीय व्यापारी...जो विश्व के बाजार को नियंत्रित करता था' (23:3,8, एम.एस.जी) वह नष्ट हो जाएगा। परमेश्वर 'समस्त गौरव के घमण्ड को तुच्छ कर दें' (23:9, एम.एस.जी)।
वह यरुशलेम के विरूद्ध भविष्यवाणी करते हैं:'तू ने दोनों दीवारों के बीच पुराने पोखरे के जल के लिये एक कुण्ड खोदा। परन्तु तू ने उनके कर्ता को स्मरण नहीं किया, जिन्होने प्राचीनकाल से उसको ठहरा रखा था, और न उनकी ओर तू ने दृष्टि की' (22:11, एम.एस.जी)। वे अपनी खुद की सामर्थ को देख रहे थे और उन पर भरोसा नहीं कर रहे थे जिन्होने दाऊद के शहर को बनाया, और जिन्होने उन्हें भी बनाया।
यशायाह ने हिल्किय्याह के विषय में भी भविष्यवाणी की। वह एक अच्छा आदमी था, जैसा कि उस शीर्षक से दिखाई देता है जो परमेश्वर ने उसे दिया था 'मेरा सेवक, हिल्किय्याह' (व.20)। उसे राजभवन का स्वामी बना दिया गया, एक पद जो प्रधानमंत्री के बराबर है।
परमेश्वर उसके बारे में कहते हैं: ' मैं उसे तेरा अँगरखा पहनाउँगा, और उसकी कमर में तेरी पेटी कसकर बाँधूँगा, और तेरी प्रभुता उसके हाथ में दूँगा। और वह यरूशलेम के रहने वालों और यहूदा के घराने का पिता ठहरेगा। मैं दाऊद के घराने की कुंजी उसके कंधे पर रखूँगा, और वह खोलेगा और कोई बन्द न कर सकेगा; वह बन्द करेगा और कोई खोल न सकेगा' (वव.21-22)।
यह उस 'कूँजी' की परछाई है जो यीशु पतरस और चेलो को देने वाले थे (मत्ती 16:19; 18:18)। उन्हें उसने राज्य की पूँजीयां दी, लेकिन आखिरकार यीशु के पास सभी पूँजीया हैं। प्रकाशितवाक्तय की पुस्तक में, यीशु का वर्णन किया गया है वह व्यक्ति ' जो दाऊद की पूंजी रखता है, जिसके खोले हुए को कोई बन्द नहीं कर सकता और बन्द किए हुए को कोई खोल नहीं सकता ' (प्रकाशितवाक्य 3:7)।
उनकी ओर देखें। अपनी योजनाओं के बारे में उनसे सलाह ले। अपनी सामर्थ पर भरोसा मत कीजिए बल्कि अपने बनाने वाले की ओर देखिये। यीशु पर अपनी निगाहे लगाए रखिए (इब्रानियो 12:2)।
परमेश्वर, मैं आने वाले समय के लिए योजनाओं को आपको सौंपता हूँ...कृपया जो सही नही है उनके लिए दरवाजे बंद कर दीजिए। आपका धन्यवाद कि कोई भी उन योजनाओं के विरूद्ध दरवाजा बंद नहीं कर सकता है जो कि आपकी हैं।
प्रार्थना
पिप्पा भी कहते है
नीतिवचन 22:12
'यहोवा ज्ञानी पर दृष्टि करके, उनकी रक्षा करता है'।
परमेश्वर सभी ज्ञान में रूचि रखते हैं, विज्ञान और खोज में भी।
दिन का वचन
नीतिवचन 22:9
“दया करने वाले पर आशीष फलती है, क्योंकि वह कंगाल को अपनी रोटी में से देता है।“
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संदर्भ
जहाँ पर कुछ बताया न गया हो, उन वचनों को पवित्र बाइबल, न्यू इंटरनैशनल संस्करण एन्ग्लिसाइड से लिया गया है, कॉपीराइट © 1979, 1984, 2011 बिबलिका, पहले इंटरनैशनल बाइबल सोसाइटी, हूडर और स्टोगन पब्लिशर की अनुमति से प्रयोग किया गया, एक हॅचेट यूके कंपनी सभी अधिकार सुरक्षित। ‘एनआईवी’, बिबलिका यू के का पंजीकृत ट्रेडमार्क संख्या 1448790 है।
जिन वचनों को (एएमपी, AMP) से चिन्हित किया गया है उन्हें एम्प्लीफाइड® बाइबल से लिया गया है. कॉपीराइट © 1954, 1958, 1962, 1964, 1965, 1987 लॉकमैन फाउंडेशन द्वारा प्राप्त अनुमति से उपयोग किया गया है। (www.Lockman.org)
जिन वचनों को (एमएसजी MSG) से चिन्हित किया गया है उन्हें मैसेज से लिया गया है। कॉपीराइट © 1993, 1994, 1995, 1996, 2000, 2001, 2002. जिनका प्रयोग एनएवीप्रेस पब्लिशिंग ग्रुप की अनुमति से किया गया है।