अकेलेपन का समाधान
परिचय
मुझे याद है जब मैं एक लेख पढ़ रहा था बिग इशु में (पत्रिका जो बेघर की सहायता के लिए, और उनके द्वारा बेची जाती है) जिसका नाम था 'अकेला जीवन'। इसमें बताया गया था कि लंदन में अकेलेपन के लिए बहुत से लोगों का चित्र है एक बूढी दुर्बल औरत जो 24वे मंजिल पर फ्लैट में रहती है। असल में, यह एक युवा, फैशन के कपड़े पहने हुए एक आदमी भी हो सकता है जो भीड़ भरे बार में अपने सामने ख़ड़ी लड़की से बातचीत करने की कोशिश कर रहा है। बहुत से लोगों के द्वारा घिरा होना, केवल अकेलेपन का एहसास दिलाता है।
मदर टेरेसा ने कहा, 'अकेलापन और यह एहसास कि मेरी चिंता नहीं की जा रही है और कोई मुझे नहीं चाहता है, यह सबसे बड़ी गरीबी है।' अकेलापन सबसे बड़ी परेशानी है, जिसका मनुष्य आज सामना कर रहे हैं।
'अकेला मनुष्य विरोधाभास से संबंधित है, ' डेस्मंड टुटु लिखते हैं। वह आगे कहते हैं, 'हम भेंट करने के लिए बनाये गए हैं। हम संबंधो के कोमल नेटवर्क, हमारे साथी मनुष्यों पर परस्पर निर्भर रहने के लिए सृजे गए हैं... हम एक परिवार के हैं – परमेश्वर का परिवार, मनुष्य का परिवार...सबसे बड़ी अच्छाई है सामुदायिक तालमेल।'
परमेश्वर नहीं चाहते हैं कि आप एकांत और अकेले हो। अकेलेपन का वर्णन किया गया है 'परमेश्वर के लिए याद करना।' परमेश्वर ने आपको समुदाय के लिए सृजा है – आपको उनके साथ और दूसरे मनुष्यों के साथ संबंध में बुलाते हुए।
भजन संहिता 120:1-7
मन्दिर का आरोहण गीत।
120मैं संकट में पड़ा था, सहारा पाने के लिए
मैंने यहोवा को पुकारा
और उसने मुझे बचा लिया।
2 हे यहोवा, मुझे तू उन ऐसे लोगों से बचा ले
जिन्होंने मेरे विषय में झूठ बोला है।
3 अरे ओ झूठों, क्या तुम यह जानते हो
कि परमेश्वर तुमको कैसे दण्ड देगा
4 तुम्हें दण्ड देने के लिए परमेश्वर योद्धा के नुकीले तीर और धधकते हुए अंगारे काम में लाएगा।
5 झूठों, तुम्हारे निकट रहना ऐसा है, जैसे कि मेशेक के देश में रहना।
यह रहना ऐसा है जैसे केवार के खेतों में रहना है।
6 जो शांति के बैरी है ऐसे लोगों के संग मैं बहुत दिन रहा हूँ।
7 मैंने यह कहा था मुझे शांति चाहिए क्यों
वे लोग युद्ध को चाहते हैं।
समीक्षा
एक शांतिदायक समुदाय
हम ऐसे एक विश्व में रहते हैं जो उपद्रव, फूट और टूटे संबंधो से भरा हुआ है।
अकेलेपन का एक मुख्य कारण है 'झगड़ा' (व.6, एम.एस.जी), जो संबंधो को तोड़ देता है। जहाँ कही हम देखते हैं, इसे पाते हैं – टूटे हुए विवाह, परिवार का टूटना, मित्रों, सहकर्मियों और पड़ोसियों का अलग होना।
परमेश्वर के साथ आदम और हव्वा की मित्रता टूट गई थी। इसके कारण आदम और हव्वा अलग हो गए। कैन और हाबिल के बीच लड़ाई हुई, और बाकी इतिहास है।
भजनसंहिता के लेखक अकेला महसूस करते हैं, जैसे कि वह एक परदेस में रह रहे हैं (व.5)। क्या आप कभी उनकी तरह महसूस करते हैं: वह झूठ बोलने वाले मुँह से और छली जीभ से घिरे हुए हैं (व.2)। जिन लोगों के बीच वह रहते हैं, वे शांति से नफरत करते हैं (व.6) और लड़ते हैं (व.7)। क्या आपने कभी 'लड़ने वाले पड़ोसियों' के साथ रहने में जीवन बरबाद जैसा महसूस किया है (व.6, एम.एस.जी)।
संकट में, परमेश्वर को पुकारिये कि वह आपको बचायेंगे और परमेश्वर आपको उत्तर देंगे (व.1)। आपके आस-पास के लोगों के विपरीत, शांति के एक व्यक्ति बनिये (व.7)। यह परमेश्वर के लोगों की विशेषता हैः यीशु ने कहा, 'धन्य हैं वे, जो मेल कराने वाले हैं, क्योंकि वे परमेश्वर के पुत्र कहलाएँगे' (मत्ती 5:9)।
प्रार्थना
इब्रानियों 8:1-13
नए वाचा का प्रमुख याजक
8जो कुछ हम कह रहे हैं, उसकी मुख्य बात यह है: निश्चय ही हमारे पास एक ऐसा महायाजक है जो स्वर्ग में उस महा महिमावान के सिंहासन के दाहिने हाथ विराजमान है। 2 वह उस पवित्र गर्भगृह में यानी सच्चे तम्बू में जिसे परमेश्वर ने स्थापित किया था, न कि मनुष्य ने, सेवा कार्य करता है।
3 प्रत्येक महायाजक को इसलिए नियुक्त किया जाता है कि वह भेटों और बलिदानों-दोनों को ही अर्पित करे। और इसलिए इस महायाजक के लिए भी यह आवश्यक था कि उसके पास भी चढ़ावे के लिए कुछ हो। 4 यदि वह धरती पर होता तो वह याजक नहीं हो पाता क्योंकि वहाँ पहले से ही ऐसे व्यक्ति हैं जो व्यवस्था के विधान के अनुसार भेंट चढ़ाते हैं। 5 पवित्र उपासना स्थान में उनकी सेवा-उपासना स्वर्ग के यथार्थ की एक छाया प्रतिकृति है। इसलिए जब मूसा पवित्र तम्बू का निर्माण करने ही वाला था, तभी उसे चेतावनी दे दी गयी थी। “ध्यान रहे कि तू हर वस्तु ठीक उसी प्रतिरूप के अनुसार बनाए जो तुझे पर्वत पर दिखाया गया था।” 6 किन्तु जो सेवा कार्य यीशु को प्राप्त हुआ है, वह उनके सेवा कार्य से श्रेष्ठ है। क्योंकि वह जिस वाचा का मध्यस्थ है वह पुराने वाचा से उत्तम है और उत्तम वस्तुओं की प्रतिज्ञाओं पर आधारित है।
7 क्योंकि यदि पहली वाचा में कोई भी खोट नहीं होता तो दूसरे वाचा के लिए कोई स्थान ही नहीं रह जाता। 8 किन्तु परमेश्वर को उन लोगों में खोट मिला। उसने कहा:
“प्रभु घोषित करता है: वह समय आ रहा जब
मैं इस्राएल के घराने से और यहूदा के घराने से एक नयी वाचा करूँगा।
9 यह वाचा वैसा नहीं होगा जैसा मैंने उनके पूर्वजों के साथ उस समय किया था।
जब मैंने उनका हाथ मिस्र से निकाल लाने पकड़ा था।
क्योंकि प्रभु कहता है, वे मेरे वाचा के विश्वासी नहीं रहे।
मैंने उनसे मुँह फेर लिया।
10 यह है वह वाचा जिसे मैं इस्राएल के घराने से करूँगा।
और फिर उसके बाद प्रभु घोषित करता है।
उनके मनों में अपनी व्यवस्था बसाऊँगा,
उनके हृदयों पर मैं उसको लिख दूँगा।
मैं उनका परमेश्वर बनूँगा,
और वे मेरे जन होंगे।
11 फिर तो कभी कोई भी जन अपने पड़ोसी को एसे न सिखाएगा अथवा कोई जन अपने बन्धु से न कभी कहेगा तुम प्रभु को पहचानो।
क्योंकि तब तो वे सभी छोटे से लेकर बड़े से बड़े तक मुझे जानेंगे।
12 क्योंकि मैं उनके दुष्कर्मों को
क्षमा करूँगा और कभी उनके पापों को याद नहीं रखूँगा।”
13 इस वाचा को नया कह कर उसने पहले को व्यवहार के अयोग्य ठहराया और जो पुराना पड़ रहा है तथा व्यवहार के अयोग्य है, वह तो फिर शीघ्र ही लुप्त हो जाएगा।
समीक्षा
एक 'नया' समुदाय
'स्थानीय कलीसिया विश्व के लिए आशा है, ' बिल हिबल लिखते हैं। नये नियम में चर्च का वर्णन 'परमेश्वर के लोगों' के रूप में किया गया है। विश्व भर में परमेश्वर के लोग स्थानीय कलीसिया में इकट्ठा होते हैं। इब्रानियों के लेखक ने यिर्मयाह की पुस्तक में से वचन दोहराया, 'मैं उनका परमेश्वर रहूँगा और वे मेरे लोग ठहरेंगे' (व.10)। अब आप एकांत और अकेले नहीं हैं, आप सबसे अद्भुत समुदाय के भाग हैं।
पुराने नियम में, परमेश्वर ने अपने लोगों के साथ वाचा बाँधी। किंतु, लोगों ने 'समझौते में अपने भाग को पूरा नहीं किया' (व.9, एम.एस.जी)। परमेश्वर ने वायदा किया कि एक दिन वह एक नई वाचा बनायेंगे, जिसके द्वारा वह अपने लोगो के साथ एक नया संबंध बनायेंगेः 'मैं उनका परमेश्वर रहूँगा और वे मेरे लोग ठहरेंगे' (व.10)।
आप उससे ज्यादा बेहतर हैं जितना कि वे पुराने नियम में थे। लेखक आगे कहते हैं, ' उन याजकों से बढ़कर सेवा यीशु को मिली क्योंकि वह और भी उत्तम वाचा के मध्यस्थ ठहरे, जो और उत्तम प्रतिज्ञाओं के सहारे बाँधी गई है' (व.6)।
पुराने नियम के साथ परेशानी थी, ' क्योंकि यदि वह पहली वाचा निर्दोष होती, तो दूसरी के लिये अवसर न ढूँढ़ा जाता' (व.7)। पुराने नियम के साथ परेशानी थी कि लोग नियम को पूरा नहीं कर पा रहे थे। वे 'वफादार बने नहीं रहे' (व.9)।
परमेश्वर ने एक नई वाचा का वायदा किया जो पुराने वाले से बढ़कर होगी और बेहतर वायदों पर टिकी होगी। लेखक फिर से यिर्मयाह की पुस्तक में जाते हैं, और दोहराते हैं 31:31-34
ये वायदे क्या थे: वे चार हैं:
1. नया हृदय
परमेश्वर ने आपके हृदय में अपने नियमों को रखने का वायदा किया। इसका अर्थ नियम को याददाश्त में रखना नहीं है (व्यवस्थाविवरण 6:6-9 के अनुसार)। इसका अर्थ है एक नया हृदय रखना, ' मैं अपनी व्यवस्था को उनके मनों में डालूँगा, और उसे उनके हृदयों पर लिखूँगा' (इब्रानियों 8:10)।
2. पहला ज्ञान
वह वायदा करते हैं कि परमेश्वर का ज्ञान व्यक्तिगत अनुभव पर आधारित होगा। ' और हर एक अपने देश वाले को और अपने भाई को यह शिक्षा न देगा, कि तू प्रभु को पहचान, क्योंकि छोटे से बड़े तक सब मुझे जान लेंगे' (व.11)। यह संभव है कि आप परमेश्वर को उस तरह से जाने, जैसे यिर्मयाह परमेश्वर को जानते थेः'वे सभी मुझे जान लेंगे' (व.11, एम.एस.जी)।
3. यूनिवर्सल स्कोप
' छोटे से बड़े तक सब मुझे जान लेंगे' (व.11ब)। यह पुराने नियम में वायदे की परिपूर्णता थी कि वायदा इस्राएल और यहूदा तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि यह सारे देशों के लिए होगा (यशायाह 42:6य 49:6य 19:24)।
4. पूर्ण क्षम
'क्योंकि मैं उनकी बुराई के विषय में दयावन्त रहूँगा, और उनके पापों को फिर स्मरण न करूँगा' (इब्रानियों 8:12)। इब्रानियों के लिए, शब्द 'स्मरण रखना' का अर्थ मानसिक प्रयास से अधिक है; यह याद रखने वाले व्यक्ति के लिए लाभ या हानि करने के ज्ञान को लेकर जाता था। यदि आपके पाप स्मरण नहीं रखे गए हैं, तो इसका यह अर्थ है कि परमेश्वर ने आपको क्षमा करने का निर्णय लिया है और आपके पापों की 'पटिया' 'हमेशा के लिए साफ कर दी गई है' (व.12, एम.एस.जी)। यह सब संभव है क्योंकि यीशु ने आपके लिए अपना जीवन दिया (व.13)।
यह नई वाचा बहुत बेहतर है और ' उसने प्रथम वाचा को पुरानी ठहरा दिया; और जो वस्तु पुरानी और जीर्ण हो जाती है उसका मिट जाना अनिवार्य है' (व.13)।
नई वाचा नये समुदाय का आधार है जिसमें परमेश्वर आपको बुलाते हैं। यह नई वाचा अकेलेपन का उत्तर है। वाचा परमेश्वर के लोगों के साथ एकत्व में है और अकेले एक व्यक्ति के साथ नहीं। वायदे सभी बहुवचन में हैं। आपके पास महान सुविधा है कि आप परमेश्वर के लोगों के नये समुदाय में हैं। आप व्यक्तिगत रूप से परमेश्वर को जानते हैं। आपके पाप क्षमा किए गए हैं। पवित्र आत्मा आपमें रहने के लिए आ गए हैं और आपको एक नया हृदय दिया है। आप कभी भी अकेले नहीं हैं।
प्रार्थना
यहेजकेल 13:1-15:8
13तब यहोवा का वचन मुझे मिला। 2 “मनुष्य के पुत्र, तुम्हें इस्राएल के नबियों से मेरे लिये बातें करनी चाहिये। वे नबी वास्तव में मेरे लिये बातें नहीं कर रहे हैं। वे नबी वही कुछ कह रहे हैं जो वे कहना चाहतें हैं।” इसलिये तुम्हें उनसे बातें करनी चाहियें। उनसे ये बातें कहो, यहोवा के यहाँ से मिले इस वचन को सुनो! 3 मेरा स्वामी यहोवा यह वचन देता है। मूर्ख नबियों! तुम लोगों पर विपत्तियाँ आएंगी। तुम लोग अपनी आत्मा का अनुसरण कर रहे हो। तुम लोगों से वह नहीं कह रहे हो जो तुम सचमुच दर्शन में देखते हो।
4 “‘इस्राएलियों, तुम्हारे नबी शून्य खण्डहरों में दौड़ लगाने वाली लोमड़ियों जैसे होंगे। 5 तुमने नगर की टूटी दीवारों के निकट सैनिक को नहीं रखा है। तुमने इस्राएल के परिवार की रक्षा के लिये दीवारें नहीं बनाई हैं। इसलिये यहोवा के लिये, जब तुम्हें दण्ड देने का समय आएगा तो तुम युद्ध में हार जाओगे!
6 “‘झूठे नबियों ने कहा, कि उन्होंने दर्शन देखा है। उन्होंने अपना जादू किया और कहा कि घटनाएँ होंगी, किन्तु उन्होंने झूठ बोला। उन्होंने कहा कि यहोवा ने उन्हें भेजा किन्तु उन्होंने झूठ बोला। वे अपने झूठ के सत्य होने की प्रतीक्षा अब तक कर रहे हैं।
7 “‘झूठे नबियों, जो दर्शन तुमने देखे, वे सत्य नहीं थे। तुमने अपने जादू किये और कहा कि कुछ घटित होगा, किन्तु तुम लोगों ने झूठ बोला। तुम कहते हो कि यह यहोवा का कथन है, किन्तु मैंने तुम लोगों से बातें नहीं की!”
8 अत: मेरा स्वामी यहोवा अब सचमुच कुछ कहेगा, वह कहता है, “तुमने झूठ बोला। तुमने वे दर्शन देखे जो सच्चे नहीं थे। इसलिये मैं (परमेश्वर) अब तुम्हारे विरुद्ध हूँ!” मेरे स्वामी यहोवा ने ये बातें कहीं। 9 यहोवा ने कहा, “मैं उन नबियों को दण्ड दूँगा जिन्होंने असत्य दर्शन देखे और जिन्होंने झूठ बोला। मैं उन्हें अपने लोगों से अलग करूँगा। उनके नाम इस्राएल के परिवार की सूची में नहीं रहेंगे। वे फिर इस्राएल प्रदेश में कभी नहीं आएंगे। तब तुम जानोगे कि मैं यहोवा और स्वामी हूँ!
10 “उन झूठे नबियों ने बार—बार मेरे लोगों से झूठ बोला। नबियों ने कहा कि शान्ति रहेगी और वहाँ कोई शान्ति नहीं है। लोगों को दीवारें दृढ़ करनी है और युद्ध की तैयारी करनी हैं। किन्तु वे टूटी दीवारों पर लेप की एक पतली तह चढ़ा रहे हैं। 11 उन लोगों से कहो कि मैं ओले और मूसलाधार वर्षा (शत्रु—सेना) भेजूँगा। प्रचण्ड आँधी चलेगी और चक्रवात आएगा। तब दीवार गिर जाएगी। 12 दीवार नीचे गिर जाएगी। लोग नबियों से पूछेंगे, ‘उस लेप का क्या हुआ, जिसे तुमने दीवार पर चढ़ाया था?’” 13 मेरा स्वामी यहोवा कहता है, “मैं क्रोधित हूँ और मैं तुम लोगों के विरुद्ध एक तूफान भेजूँगा। मैं क्रोधित हूँ और मैं घनघोर वर्षा भेजूँगा। मैं क्रोधित हूँ और मैं आकाश से ओले बरसाऊँगा और तुम्हें पूरी तरह से नष्ट करूँगा! 14 तुम लेप दीवार पर चढ़ाते हो। किन्तु मैं पूरी दीवार को नष्ट कर दूँगा। मैं इसे धराशायी कर दूँगा। दीवार तुम पर गिरेगी और तुम जानोगे कि मैं यहोवा हूँ। 15 मैं, दीवार और उस पर लेप चढ़ाने वालों के विरुद्ध अपना क्रोध दिखाना समाप्त कर दूँगा। तब मैं कहूँगा, ‘अब कोई दीवार नहीं है और अब कोई मज़दूर इस पर लेप चढ़ाने वाला नहीं हैं।’
16 “ये सब कुछ इस्राएल के झूठे नबियों के लिये होगा। वे नबी यरूशलेम के लोगों से बातचीत करते हैं। वे नबी कहते हैं कि शान्ति होगी, किन्तु कोई शान्ति नहीं हैं।” मेरे स्वामी यहोवा ने उन बातों को कहा।
17 परमेश्वर ने कहा, “मनुष्य के पुत्र, इस्राएल में स्त्री नबियों को ढूँढो। वे स्त्री नबी मेरे लिये नहीं बोलतीं। वे वही कहती हैं जो वे कहना चाहती हैं। अत: तुम्हें मेरे लिये उनके विरुद्ध कहना चाहिये। तुम्हें उनसे यह कहना चाहिये। 18 ‘मेरा स्वामी यहोवा कहता है: स्त्रियों, तुम पर विपत्ति आएगी। तुम लोगों की भुजाओं पर पहनने के लिये कपड़े का बाजूबन्द सीती हो। तुम लोगों के सिर पर बांधने के लिये विशेष “दुपट्टा” बनाती हो। तुम कहती हो कि वे चीजें लोगों के जीवन को नियन्त्रित करने की जादूई शक्ति रखती हैं। तुम केवल अपने को जीवित रखने के लिये उन लोगों को जाल में फँसाती हो! 19 तुम लोगों को ऐसा समझाती हो कि मैं महत्वपूर्ण नहीं हूँ। तुम्हें उन्हें मुट्ठी भर जौ और रोटी के कुछ टुकड़ों के लिये मेरे विरुद्ध करती हो। तुम मेरे लोगों से झूठ बोलती हो। वे लोग झूठ सुनना पसन्द करते हैं। तुम उन व्यक्तियों को मार डालती हो जिन्हें जीवित रहना चाहिये और तुम ऐसे लोगों को जीवित रहने देना चाहती हो जिन्हें मर जाना चाहिये! 20 इसलिए यहोवा और स्वामी तुमसे यह कहता है: तुम उन कपड़े के “बाजूबन्दो” को लोगों को जाल में फँसाने के लिये बनाती हो — किन्तु मैं उन लोगों को स्वतन्त्र करूँगा। मैं तुम्हारी भुजाओं से उन “बाजूबन्दों” को फाड़ फेंकूँगा और लोग तुमसे स्वतन्त्र हो जाएंगे। वे जाल से मुक्त पक्षियों की तरह होंगे! 21 मैं उन “बाजूबन्दों” को फाड़ डालूँगा और अपने लोगों को तुम्हारी शक्ति से बचाऊँगा। वे लोग तुम्हारे जाल से भाग निकलेंगे और तुम समझ जाओगी कि मैं यहोवा हूँ।
22 “‘स्त्री नबियों तुम झूठ बोलती हो। तुम्हारा झूठ अच्छे लोगों को कष्ट पहुँचाता है, मैं उन अच्छे लोगों को कष्ट पहुँचाना नहीं चाहता। तुम बुरे लोगों की सहायता करती हो और उन्हें उत्साहित करती हो। तुम उन्हें अपना जीवन बदलने के लिये नहीं कहतीं। तुम उनके जीवन की रक्षा नहीं करना चाहती! 23 तुम अब भविष्य में व्यर्थ दर्शन नहीं देखोगी। तुम भविष्य में जादू नहीं करोगी। मैं अपने लोगों को तुम्हारी शक्ति से बचाऊँगा और तुम जान जाओगी कि मैं यहोवा हूँ।’”
14इस्राएल के कुछ अग्रज (प्रमुख) मेरे पास आए। वे मुझसे बात करने के लिये बैठ गये। 2 यहोवा का वचन मुझे मिला। उसने कहा, 3 “मनुष्य के पुत्र, ये व्यक्ति तुमसे बातें करने आए हैं। वे चाहते थे कि तुम मुझसे राय लो। किन्तु वे व्यक्ति अब तक अपनी गन्दी देवमूर्तियों को रखे हैं। वे उन चीजों को रखते हैं जो उनसे पाप कराती हैं। वे अब तक उन मूर्तियों की पूजा करते हैं। इसलिये वे मेरे पास राय लेने क्यों आते हैं क्या मुझे उनके प्रश्नों के उत्तर देने चाहिए नहीं! 4 किन्तु मैं उन्हें उत्तर दूँगा। मैं उन्हें दण्ड दूँगा! तुम्हें उन लोगों से यह कह देना चाहिये, ‘मेरा स्वामी यहोवा कहता हैं: यदि कोई इस्राएली व्यक्ति नबी के पास आता है और मुझसे राय पाने के लिये कहता है तो वह नबी उस व्यक्ति को उत्तर नहीं देगा। उस व्यक्ति के प्रश्न का उत्तर मैं स्वयं दूँगा। मैं उसे तब भी उत्तर दूँगा यदि उसने गन्दी देवमूर्तियाँ रखी हैं, यदि वह उन चीजों को रखता है जो उससे पाप कराती हैं, और यदि वह तब तक उन मूर्तियों की पूजा करता है। उसकी सारी गन्दी देवमूर्तियों के होते हुए भी मैं उससे बात करुँगा। 5 क्यों क्योंकि मैं उनके हृदय को छूना चाहता हूँ। मैं दिखाना चाहता हूँ कि मैं उनसे प्रेम करता हूँ, यद्यपि उन्होंने मुझे अपनी गन्दी देवमूर्तियों के लिये छोड़ा।’
6 “इसलिए इस्राएल के परिवार से यह सब कहो। उनसे कहो, ‘मेरा स्वामी यहोवा कहता है। मेरे पास वापस आओ और अपनी गन्दी देवमूर्तियों को छोड़ दो। उन भयंकर असत्य देवताओं से मुख मोड़ लो। 7 यदि कोई इस्राएली या इस्राएल में रहने वाला विदेशी मेरे पास राय के लिये आता है, तो मैं उसे उत्तर दूँगा। मैं उसे तब भी उत्तर दूँगा यदि उसने गन्दी देवमूर्तियाँ रखी हैं, यदि वह उन चीजों को रखता है जो उससे पाप कराती हैं और यदि वह तब तक उन मूर्तियों की पूजा करता है और यह उत्तर है जिसे मैं उसे दूँगा। 8 मैं उस व्यक्ति के विरुद्ध होऊँगा। मैं उसे नष्ट करूँगा। वह अन्य लोगों के लिये एक उदाहरण बनेगा। लोग उसकी हँसी उड़ाएंगे। मैं उसे अपने लोगों से निकाल बाहर करुँगा। तब तुम जानोगे कि मैं यहोवा हूँ! 9 यदि नबी इतना अधिक मूर्ख है कि वह अपना उत्तर देता है तो मैं उसे दिखा दूँगा कि वह कितना बड़ा मूर्ख है, मैं उसके विरुद्ध अपनी शक्ति का उपयोग करूँगा। मैं उसे नष्ट करुँगा और अपने लोगों, इस्राएल से उसे निकाल बाहर करुँगा। 10 इस प्रकार वह व्यक्ति जो राय के लिये आया और नबी जिसने उत्तर दिया दोनों एक ही दण्ड पाएंगे। 11 क्यों क्योंकि इस प्रकार वे नबी मेरे लोगों को मुझसे दूर ले जाना बन्द कर देंगे। इस प्रकार मेरे लोग अपने पापों से गन्दा होना बन्द कर देंगे। तब वे मेरे विशेष लोग होंगे और मैं उनका परमेश्वर होऊँगा।’” मेरे स्वामी यहोवा ने वह सब बातें कहीं।
12 तब यहोवा का वचन मुझे मिला। उसने कहा, 13 “मनुष्य के पुत्र, मैं अपने उस राष्ट्र को दण्ड दूँगा जो मुझे छोड़ता है और मेरे विरुद्ध पाप करता है। मैं उनकी भोजन आपूर्ति बन्द कर दूँगा। मैं अकाल का समय उत्पन्न कर सकता हूँ और उस देश से मनुष्यों और पशुओं को बाहर कर सकता हूँ। 14 मैं उस देश को दण्ड दूँगा चाहे वहाँ नूह, दानिय्येल और अय्यूब रहते हों। वे लोग अपना जीवन अपनी अच्छाईयों से बचा सकते हैं, किन्तु वे पूरे देश को नहीं बचा सकते।” मेरे स्वामी यहोवा ने यह सब कहा।
15 परमेश्वर ने कहा, “या, मैं उस पूरे प्रदेश में जंगली जानवरों को भेज सकता हूँ और वे जानवर सभी लोगों को मार सकते हैं। जंगली जानवरों के कारण उस देश से होकर कोई व्यक्ति यात्रा नहीं करेगा। 16 यदि नूह, दानिय्येल और अय्यूब वहाँ रहे होते तो मैं उन तीनों अच्छे व्यक्तियों को बचा लेता। वे तीनों व्यक्ति स्वयं अपना जीवन बचा सकते हैं। किन्तु मैं अपने जीवन की शपथ खाकर कहता हूँ कि वे अन्य लोगों का जीवन नहीं बचा सकते यहाँ तक कि अपने पुत्र—पुत्रियों का जीवन भी नहीं। वह बुरा देश नष्ट कर दिया जाएगा!” मेरे स्वामी यहोवा ने यह सब कहा।
17 परमेश्वर ने कहा, “या, उस देश के विरुद्ध लड़ने के लिये मैं शत्रु की सेना को भेज सकता हूँ। वे सैनिक उस देश को नष्ट कर देंगे। मैं उस देश से सभी लोगों और जानवरों को निकाल बाहर करुँगा। 18 यदि नूह, दानिय्येल और अय्यूब वहाँ रहते तो मैं उन तीनों अच्छे लोगों को बचा लेता। वे तीनों व्यक्ति स्वयं अपना जीवन बचा सकते हैं। किन्तु मैं अपने जीवन की शपथ खाकर कहता हूँ कि अन्य लोगों का जीवन वे नहीं बचा सकते यहाँ तक कि अपने पुत्र—पुत्रियों का जीवन भी नहीं। वह बुरा देश नष्ट कर दिया जाएगा!” मेरे स्वामी यहोवा ने यह सब कहा।
19 परमेश्वर ने कहा, “या, मैं उस देश के विरुद्ध महामारी भेज सकता हूँ। मैं उन लोगों पर अपने क्रोध की वर्षा करूँगा। मैं सभी मनुष्यों और जानवरों को उस देश से हटा दूँगा। 20 यदि नूह, दानिय्येल और अय्यूब वहाँ रहते तो मैं उन तीन अच्छे लोगों को बचा लेता क्योंकि वे अच्छे व्यक्ति हैं, वे तीनों व्यक्ति स्वयं अपना जीवन बचा सकते हैं। किन्तु मैं अपने जीवन की शपथ खाकर कहता हूँ कि अन्य लोगों का जीवन वे नहीं बचा सकते थे यहाँ तक कि अपने पुत्र—पुत्रियों का जीवन भी नहीं!” मेरे स्वामी यहोवा ने यह सब कहा।
21 तब मेरे स्वामी यहोवा ने कहा, “इसलिये सोचो कि यरूशलेम के लिये यह कितना बुरा होगा, मैं उस नगर के विरुद्ध उन चारों दण्डों को भेजूँगा! मैं शत्रु—सेना, भूखमरी, महामारी और जंगली उस नगर के विरुद्ध भेजूँगा। मैं उस देश से सभी लोगों और जानवरों को निकाल बाहर करूँगा! 22 उस देश से कुछ लोग बच निकलेंगे। वे अपने पुत्र—पुत्रियों को लाएंगे और तुम्हारे पास सहायता के लिये आएंगे। तब तुम जानोगे कि वे लोग सचमुच कितने बुरे हैं। तुम उन विपत्तियों के सम्बन्ध में उचित होने की धारणा बनाओगे जिन्हें मैं यरूशलेम पर लाऊँगा। 23 तुम उनके रहने के ढंग और जो बुरे कार्य वे करते हैं, उन्हें देखोगे। तब तुम समझोगे कि उन लोगों को दण्ड देने का उचित कारण मेरे लिए था।” मेरे स्वामी यहोवा ने ये बातें कहीं।
15तब यहोवा का वचन मुझे मिला। उसने कहा, 2 “मनुष्य के पुत्र, क्या अंगूर की बेल की लकड़ी जंगल के किसी पेड़ की कटी छोटी शाखा से अधिक अच्छी होती है नहीं! 3 क्या तुम अंगूर की बेल की लकड़ी को किसी उपयोग में ला सकते हो नहीं! क्या तुम उससे तश्तरियाँ लटकाने के लिये खूंटियाँ बना सकते हो नहीं! 4 लोग उस लकड़ी को केवल आग में डालते हैं। कुछ सूखी लकड़ियाँ सिरों से जलना आरम्भ करती है, बीच का भाग आग से काला पड़ जाता है। किन्तु लकड़ी पूरी तरह नहीं जलती। क्या तुम उस जली लकड़ी से कोई चीज बना सकते हो 5 यदि जलने के पहले तुम उस लकड़ी से कोई चीज नहीं बना सकते हो, तो निश्चय ही, उसके जल जाने के बाद उससे कोई चीज नहीं बना सकते! 6 इसलिये अंगूर की बेल की लकड़ी के टुकड़े जंगल के किसी पेड़ की लकड़ी के टुकड़ों के समान ही है। लोग उन लकड़ी के टुकड़ों को आग में डालते हैं, और आग उन्हें जलाती है। उसी प्रकार मैं यरूशलेम के निवासियों को आग में फेंकूँगा!” मेरे स्वामी यहोवा ने ये बातें कही। 7 मैं उन लोगों को दण्ड दूँगा। किन्तु कुछ लोग उन लकड़ियों की तरह होंगे जो पूरी तरह नहीं जलतीं, उन्हें दण्ड दिया जाएगा, किन्तु वे पूरी तरह नष्ट नहीं किये जाएंगे। तुम देखोगे कि मैं इन लोगों को दण्ड दूँगा और तुम समझोगे कि मैं यहोवा हूँ! 8 मैं उस देश को नष्ट करुँगा क्योंकि लोगों ने मुझको असत्य देवताओं की पूजा के लिये छोड़ा।” मेरे स्वामी यहोवा ने ये बातें कहीं।
समीक्षा
एक वफादार समुदाय
हमारे युग की सबसे बड़ी मूर्तियाँ हैं पैसा, यौन-संबंध और ताकत। लेकिन एक मूर्ति ऐसी कोई भी वस्तु जिसकी हम आराधना करते हैं, इस पर अत्यधिक ध्यान देने के द्वारा और हमारे जीवन में इसे परमेश्वर से अधिक महत्व देने के द्वारा। यह आपका घर, गाड़ी या संपत्ति हो सकती है लेकिन यह आपका काम या सेवकाई भी हो सकती है। जब हम इनमें से किसी भी वस्तु को मूर्ति बना लेते हैं, तब यह हमें परमेश्वर से दूर ले जाती है (14:14)।
परमेश्वर ऐसे लोगों को खोज रहे हैं जो उनके प्रति वफादार हैं। पुराने नियम में परेशानी थी कि 'वे वफादार बने नहीं रहे' (इब्रानियों 8:9)। परमेश्वर ने यहेजकेल के द्वारा उस देश के विषय में बात की जिसने 'विश्वासघात करके मेरे विरूद्ध पाप किया...उन्होंने विश्वासघात किया, यहोवा की यही वाणी है' (यहेजकेल 14:13; 15:8)।
भविष्यवक्ता यहेजकेल ने, आगे देखा जो हमने आज के लिए नये नियम के लेखांश में पढ़ा। उन्होंने ऐसे एक समय को देखा जब लोग ' आगे को मेरे पीछे हो लेना न छोड़े और न अपने भाँति भाँति के अपराधों के द्वारा आगे को अशुध्द बनें; वरन् वे मेरी प्रजा बनें और मैं उनका परमेश्वर ठहरूँ, प्रभु यहोवा की यही वाणी है' (14:11)।
परमेश्वर के लोग झूठ के फँदे में फँस गए थे। जैसा कि हमने भजनसंहिता में 'झूठ बोलने वाली जीभ' के विषय में पढ़ा (भजनसंहिता 120:2), तो हम यहाँ पर झूठ बोलने वाले भविष्यवक्ताओं के विषय में पढ़ते हैं 'जो अपने ही मन से भविष्यवाणी करते हैं' (यहेजकेल 13:2)। ' उन्होंने भावी का व्यर्थ और झूठा दावा किया है' (व.6)। 'जादुई चीजों' का इस्तेमाल करके वे 'लोगों को फँसाते हैं' (व.18)। ' अपनी उन झूठी बातों के द्वारा, जो मेरी प्रजा के लोग तुम से सुनते हैं' (व.19)। ' तुम ने झूठ कहकर सत्यनिष्ठ के मन को उदास किया है' (व.22)।
कैसे उन्होंने विश्वासघात किया: परमेश्वर ने कहा कि ' इन पुरुषों ने तो अपनी मूरतें अपने मन में स्थापित कीं, और अपनी बुराई की ठोकर अपने सामने रखी है' (14:3)। यहाँ तक कि पुराने नियम में, परमेश्वर ना केवल भौतिक मूर्तियों के विषय में चिंतित थे – लेकिन लोगों के हृदय में मूर्तियों के विषय में चिंतित थे। परमेश्वर चाहते हैं कि हम एक वफादार डाली बने जो अच्छे फल लाती है (अध्याय 15; यशायाह 5:1-7 देखें)।
आप उस वफादार समुदाय का एक भाग बनने के लिए बुलाए गए हैं जो परमेश्वर को जानते हैं और उनसे प्रेम करते हैं। सभी का स्वागत करिए ' छोटे से बड़े तक सब' (इब्रानियों 8:11)। हम ऐसा एक समुदाय बनने के लिए बुलाए गए हैं जहाँ पर अकेले एकांत लोग प्रेम और क्षमा पाते हैं – परमेश्वर के लोगों का एक समुदाय – शांति के लोग जो परमेश्वर को जानते हैं और उनसे प्रेम करते हैं और हर तरह से उनके प्रति वफादार हैं। यह अकेलेपन के लिए उत्तर है।
प्रार्थना
पिप्पा भी कहते है
पीपा विज्ञापन
पुराने नियम का लेखांश (यहेजकेल 14) न्याय के विषय में है। धन्यवाद हो परमेश्वर का कि उन्होंने 'एक नई वाचा' बनाई (इब्रानियों 8:8-12)! आशा वापस मिल गई।
दिन का वचन
भजन संहिता – 120:1
"कट के समय मैं ने यहोवा को पुकारा, और उसने मेरी सुन ली।"
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संदर्भ
डेस्मंड टुटु, परमेश्वर एक मसीह नहीं है (राईडर, 2013) पी पी.21-24
एडिथ ड्रपर, ड्रपर्स बुक ऑफ कोटेशन, (टिंडाले हाऊस पब, 1992) पीपी.7130,7132,7146
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