दिन 198

जैसे कि आपने पहले कभी पाप नहीं किया

बुद्धि भजन संहिता 86:1-10
नए करार रोमियों 4:1-15
जूना करार आमोस 5:1-27

परिचय

जब मैं वकालत कर रहा था, उन वर्षों में मैंने ध्यान दिया कि, बहुत से लोगों के लिए न्यायालय में आना एक भयानक अनुभव है - यहाँ तक कि यदि वे केवल एक गवाह के रूप में आ रहे हो। प्रतिवादी या जिसके खिलाफ मुकदमा चलाया गया हो, ऐसा एक व्यक्ति बनना और भी भयभीत करने वाली घटना है। मैंने उस राहत को देखा जब प्रदिवादी को रिहा कर दिया गया या जिस पर मुकदमा चल रहा था, उसे न्यायाधीश ने 'सही' ठहराया।

इस्राएल के प्राचीन काल की कानून व्यवस्था में, एक विवाद दोनों दलों को न्यायालय से दंड का खतरा था। न्यायालय की प्रक्रिया एक छुटकारे का काम करती थी; न्यायाधीश का काम था सही दल की सहायता करना गलत को सही करने में। मामले के अंत में, एक दल को सत्यनिष्ठ घोषित कर दिया जाता था और दूसरे को गलत। इस कार्य के सफल प्रदर्शन का अर्थ होता था कि 'न्याय' किया गया है। सत्यनिष्ठा के लिए इब्रानी शब्द है सद्दीक, बाईबल के कुछ अनुवाद जिसे 'निर्दोष' या 'खरा' कहते हैं – जिसकी स्थिति सही है। 'निर्दोष' ठहरने के लिए यह पुराने नियम की अवस्था है।

निर्दोष ठहरने के लिए चाल्डस की परिभाषा है, 'जैसा कि मैंने पहले कभी पाप ही नहीं किया।'। यीशु हमारे पापों के लिए मर गए। यदि आप उन पर विश्वास करते हैं तो आप निर्दोष ठहराये गए हैं। आप रिहा कर दिए गए हैं। उनकी दृष्टि में आप सत्यनिष्ठ घोषित किए गए हैं। पाप अब आपको परमेश्वर से अलग नहीं करता है। आप उनके साथ और दूसरों के साथ एक सही संबंध में जी सकते हैं। यह 'निर्दोष ठहरना' है।

बुद्धि

भजन संहिता 86:1-10

दाऊद की प्रार्थना।

86मैं एक दीन, असहाय जन हूँ।
 हे यहोवा, तू कृपा करके मेरी सुन ले, और तू मेरी विनती का उत्तर दे।
2 हे यहोवा, मैं तेरा भक्त हूँ।
 कृपा करके मुझको बचा ले। मैं तेरा दास हूँ। तू मेरा परमेश्वर है।
 मुझको तेरा भरोसा है, सो मेरी रक्षा कर।
3 मेरे स्वामी, मुझ पर दया कर।
 मैं सारे दिन तेरी विनती करता रहा हूँ।
4 हे स्वामी, मैं अपना जीवन तेरे हाथ सौंपता हूँ।
 मुझको तू सुखी बना मैं तेरा दास हूँ।

5 हे स्वामी, तू दयालु और खरा है।
 तू सचमुच अपने उन भक्तों को प्रेम करता है, जो सहारा पाने को तुझको पुकारते हैं।
6 हे यहोवा, मेरी विनती सुन।
 मैं दया के लिये जो प्रार्थना करता हूँ, उस पर तू कान दे।
7 हे यहोवा, अपने संकट की घड़ी में मैं तेरी विनती कर रहा हूँ।
 मैं जानता हूँ तू मुझको उत्तर देगा।

8 हे परमेश्वर, तेरे समान कोई नहीं।
 जैसे काम तूने किये हैं वैसा काम कोई भी नहीं कर सकता।
9 हे स्वामी, तूने ही सब लोगों को रचा है।
 मेरी कामना यह है कि वे सभी लोग आयें और तेरी आराधना करें! वे सभी तेरे नाम का आदर करें!
10 हे परमेश्वर, तू महान है!
 तु अद्भुत कर्म करता है! बस तू ही परमेश्वर है!

समीक्षा

निर्दोष ठहरने की अफवाहें

विश्वास के द्वारा और परमेश्वर की एक संतान के रूप में, दाऊद ने निर्दोष ठहराये जाने की आशीष का अनुभव किया। वह कहते हैं, 'हे यहोवा, मेरी प्रार्थना की ओर कान लगा, और मेरे गिड़गिड़ाने को ध्यान से सुन' (व.6, एम.एस.जी.)। जैसे कि एक माता-पिता प्रेम से नीचे झुक जाते हैं ताकि बच्चा उनके कानों में कुछ कह पायें, वैसे ही परमेश्वर अपने बच्चों की प्रार्थनाओं को सुनते हैं।

दाऊद को नई वाचा में जीने का लाभ नहीं मिला। वह यीशु के जीवन, मृत्यु और पुनरुत्थान के पहले जीये। किंतु, क्रूस समय के द्वारा सीमित नहीं है। यह यीशु के पहले जीने वालों के लिए प्रभावी था, उदाहरण के लिए अब्राहम और दाऊद। सच में, पौलुस बताते हैं कि कैसे दाऊद ने परमेश्वर की क्षमा और सुधार कार्य की अद्भुत आशीषों का अनुभव किया था (रोमियो 4:ö8; भजनसंहिता 32:1-2अ)।

कुछ तरीके से, पौलुस कह रहे हैं कि दाऊद ने विश्वास के द्वारा निर्दोष ठहराये जाने का अनुभव किया, यदपि इसे प्राप्त करने का माध्यम अभी तक आया नहीं था।

पहला, उन्होंने परमेश्वर के प्रेम को समझा। वह जानते थे कि परमेश्वर 'उन सभी के प्रति करुणामयी हैं जो उन्हें पुकारते हैं' (भजनसंहिता 86:5ब)।

दूसरा, वह जानते थे कि परमेश्वर क्षमा करने वाले और दयालु हैं। 'हे परमेश्वर मुझ पर दया करिए...आप क्षमा करने वाले और भले हैं...दया के लिए मेरी पुकार को सुनिए' (वव.3अ, 5अ, 6ब)।

तीसरा, यदपि वह जानते थे कि वह क्षमा और दया के योग्य नहीं थे –उन्होंने इसे कमाया नहीं –उन्होंने विश्वास किया कि परमेश्वर में विश्वास के द्वारा वह उसे बचाएँगेः'आप मेरे परमेश्वर हैं; अपने सेवक को बचाईये जो आपमें भरोसा रखता है' (व.2ब)।

दूसरे शब्दों में, दाऊद उन सभी कारकों को जानते थे जिससे विश्वास के द्वारा निर्दोष ठहरते हैं, केवल एक को छोड़कर। एक वस्तु जिसकी कमी थी वह था, हमारे पापों के लिए यीशु की मृत्यु।

प्रार्थना

परमेश्वर, मेरे लिए आपके अद्भुत प्रेम के लिए आपका धन्यवाद। आपका धन्यवाद क्योंकि आपने उनको बचाया जो आपमें अपना भरोसा रखते हैं।
नए करार

रोमियों 4:1-15

इब्राहीम का उदाहरण

4तो फिर हम क्या कहें कि हमारे शारीरिक पिता इब्राहीम को इसमें क्या मिला? 2 क्योंकि यदि इब्राहीम को उसके कामों के कारण धर्मी ठहराया जाता है तो उसके गर्व करने की बात थी। किन्तु परमेश्वर के सामने वह वास्तव में गर्व नहीं कर सकता। 3 पवित्र शास्त्र क्या कहता है? “इब्राहीम ने परमेश्वर में विश्वास किया और वह विश्वास उसके लिये धार्मिकता गिना गया।”

4 काम करने वाले को मज़दूरी देना कोई दान नहीं है, वह तो उसका अधिकार है। 5 किन्तु यदि कोई व्यक्ति काम करने की बजाय उस परमेश्वर में विश्वास करता है, जो पापी को भी छोड़ देता है, तो उसका विश्वास ही उसके धार्मिकता का कारण बन जाता है। 6 ऐसे ही दाऊद भी उसे धन्य मानता है जिसे कामों के आधार के बिना ही परमेश्वर धर्मी मानता है। वह जब कहता है:

7 “धन्य हैं वे जिनके व्यवस्था रहित
 कामों को क्षमा मिली और
 जिनके पापों को ढक दिया गया!
8 धन्य है वह पुरुष जिसके पापों
 को परमेश्वर ने गिना नहीं हैं!”

9 तब क्या यह धन्यपन केवल उन्हीं के लिये है जिनका ख़तना हुआ है, या उनके लिए भी जिनका ख़तना नहीं हुआ। (हाँ, यह उन पर भी लागू होता है जिनका ख़तना नहीं हुआ) क्योंकि हमने कहा है इब्राहीम का विश्वास ही उसके लिये धार्मिकता गिना गया। 10 तो यह कब गिना गया? जब उसका ख़तना हो चुका था या जब वह बिना ख़तने का था। नहीं ख़तना होने के बाद नहीं बल्कि ख़तना होने की स्थिति से पहले। 11 और फिर एक चिन्ह के रूप में उसने ख़तना ग्रहण किया। जो उस विश्वास के परिणामस्वरूप धार्मिकता की एक छाप थी जो उसने उस समय दर्शाया था जब उसका ख़तना नहीं हुआ था। इसलिए वह उन सभी का पिता है जो यद्यपि बिना ख़तने के हैं किन्तु विश्वासी है। (इसलिए वे भी धर्मी गिने जाएँगे) 12 और वह उनका भी पिता है जिनका ख़तना हुआ है किन्तु जो हमारे पूर्वज इब्राहीम के विश्वास का जिसे उसने ख़तना होने से पहले प्रकट किया था, अनुसरण करते है।

विश्वास और परमेश्वर का वचन

13 इब्राहीम या उसके वंशजों को यह वचन कि वे संसार के उत्तराधिकारी होंगे, व्यवस्था से नहीं मिला था बल्कि उस धार्मिकता से मिला था जो विश्वास के द्वारा उत्पन्न होती है। 14 यदि जो व्यवस्था को मानते है, वे जगत के उत्तराधिकारी हैं तो विश्वास का कोई अर्थ नहीं रहता और वचन भी बेकार हो जाता है। 15 लोगों द्वारा व्यवस्था का पालन नहीं किये जाने से परमेश्वर का क्रोध उपजता है किन्तु जहाँ व्यवस्था ही नहीं है वहाँ व्यवस्था का तोड़ना ही क्या?

समीक्षा

निर्दोष ठहराये जाने का उत्सव

कैसे हम पापी मनुष्य, परमेश्वर के सम्मुख 'सही' हो सकते हैं? कैसे आप उनकी दृष्टि में 'निर्दोष' ठहर सकते हैं? क्या आपको इसके लिए जीवनभर कठिन परिश्रम करने और सर्वश्रेष्ठ की आशा करने की आवश्यकता है?

पौलुस कहते हैं, 'नहीं'। यीशु के जीवन, मृत्यु और पुनरुत्थान के परिणामस्वरूप कुछ चकित कर देने वाली चीज हुई। अब आप इस निर्दोष ठहराये जाने की स्थिति को एक मुफ्त उपहार के रूप में ग्रहण कर सकते हैं। आप इसे कठिन परिश्रम करने के द्वारा नहीं, किंतु विश्वास के एक कार्य के रूप में ग्रहण करते हैं (वव.1-5)।

अल्फा में अक्सर पूछा जाने वाला प्रश्न यह है कि'यदि यीशु हमारे पापों के लिए मर गए, तो उन लोगों के विषय में क्या जो यीशु के आने से पहले जीये थे?'

पौलुस जानते थे कि उन्हें अब्राहम के मामले से निपटना था। उनके विरोधियों ने शायद से विवाद किया होगा कि अब्राहम उनके अच्छे कामों के कारण निर्दोष ठहरे थे, इस वजह से उनके पास घमंड करने की वजह थी (व.2)। पौलुस बताते हैं कि पवित्रशास्त्र में लिखा है कि ' अब्राहम ने परमेश्वर पर विश्वास किया, और यह उसके लिये सत्यनिष्ठा गिना गया' (व.3, उत्पत्ति 15:6)। यह पदबंध, पौलुस का विवाद, एक उपहार को बताता है नाकि कोई चीज जो कमायी गई हो (रोमियो 4:5)।

यदि आप एक कठिन परिश्रमी हैं और एक अच्छा काम करते हैं, तो आप प्रतिफल के योग्य हैं; हम आपकी कमाई को एक उपहार नहीं कहते हैं। लेकिन यदि आप देखते हैं कि काम आपके लिए बहुत बड़ा है, इसे केवल परमेश्वर कर सकते हैं, और इसे करने के लिए आप उन पर भरोसा करते हैं...यही...आपको परमेश्वर के द्वारा, परमेश्वर के साथ सही बनाता है। उपहार (वव.4-5, एम.एस.जी)।

पौलुस के विरोधी शायद से विवाद करें कि यह उपहार केवल यहूदियों (खतना किए गए) के लिए उपलब्ध है। लेकिन पौलुस बताते हैं कि खतना अब्राहम के लिए बाद में आया (उत्पत्ति 17) और इसलिए, विश्वास के द्वारा निर्दोष ठहरने की आशीष खतना किए गए (यहूदी) और खतनारहित (बाकी मनुष्य) दोनों के लिए है (रोमियो 4:9-10)।

खतना निर्दोष ठहरने के लिए नहीं था। इसके बजाय, यह एक मुहर थी। ' तो वह कैसे गिना गया? खतने की दशा में या बिना खतने की दशा में? खतने की दशा में नही परंतु बिना खतने की दशा में उसने खतने का चिह्न पाया कि उस विश्वास की सत्यनिष्ठा पर छाप हो जाए जो उसने बिना खतने की दशा में रखा था, जिससे वह उन सब का पिता ठहरे जो बिना खतने की दशा में विश्वास करते हैं ताकि वे भी सत्यनिष्ठ ठहरें;' (वव 10:11, एम.एस.जी.)।

अब्राहम की कहानी इस बात को स्पष्ट करती है कि उनका सत्यनिष्ठ गिना जाना कामों, खतना या नियम के आधार पर नहीं था, लेकिन यीशु में विश्वास के द्वारा परमेश्वर के अनुग्रह से था। यदि अब्राहम विश्वास के द्वारा निर्दोष ठहरे, तो वह हम सभी के पिता हैं जो विश्वास करते हैं (वे भी जितना खतना नहीं हुआ है,वव.11-12)।

सारे समय में क्रूस प्रभावी है। यीशु ने क्रूस पर जो किया उसके द्वारा, जिन्होंने उनके विषय में कभी नहीं सुना था लेकिन परमेश्वर में भरोसा करते थे, वे उनके विश्वास के द्वारा निर्दोष ठहरे हैं।

विश्वास के द्वारा निर्दोष ठहरने के लिए क्या आपको यह सब समझने की आवश्यकता है? बिल्कुल भी नहीं। निर्दोष ठहरना विश्वास के द्वारा है, इसलिए आपको विश्वास के द्वारा सत्यनिष्ठ ठहरने के लिए विश्वास के द्वारा सत्यनिष्ठ ठहरने की सही समझ की आवश्यकता नहीं है; आपको केवल विश्वास की आवश्यकता है। यही कारण है कि परमेश्वर की वाचाओं की परिपूर्णता पूरी तरह से परमेश्वर और उनके मार्ग में भरोसा करने पर निर्भर है, और फिर उन्हें और उनके कामों को गले लगाना। परमेश्वर का वायदा शुद्ध उपहार के रूप में आता है (व.16, एम.एस.जी.)।

प्रार्थना

पिता, इस अद्भुत सच्चाई के लिए आपका धन्यवाद कि हमारे लिए यीशु की मृत्यु के द्वारा हम सत्यनिष्ठ ठहरे और रिहा हुए और उनमें विश्वास करने के द्वारा। हमारी सहायता कीजिए कि इस सच्चाई को और गहराई से समझे और अत्यधिक स्पष्टता से इसे समझायें, ताकि बहुत से लोग विश्वास के द्वारा सत्यनिष्ठ ठहरने की आशीष को जान पायें।
जूना करार

आमोस 5:1-27

इस्राएल के लिये शोक सन्देश

5इस्राएल के लोगों, इस सन्देश को सुनो, यह शोक सन्देश तुम्हारे विषय में है।

2 इस्राएल की कुमारी गिर गई है।
  वह अब कभी उठेगी नहीं।
 वह धूली में पड़ी अकेली छोड़ दी गई है।
  उसे उठाने वाला कोई व्यक्ति नहीं है।

3 मेरा स्वामी यहोवा यह कहता है:

 “हजारों सैनिकों के साथ नगर से जाने वाले अधिकारी
  केवल सौ सैनिकों के साथ लौंटेंगे।
 सौ सैनिकों के साथ नगर छोड़ने वाले अधिकारी
  केवल दस सैनिकों के साथ लौटेंगे।”

यहोवा इस्राएल को अपने पास लौटने के लिये प्रोत्साहित करता है

4 यहोवा इस्राएल के घराने से यह कहता है:
 “मेरी खोज करते आओ और जीवित रहो।
5 किन्तु बेतेल में न खोजो।
  गिल्गाल मत जाओ।
 सीमा को पार न करो और बेर्शेबा न जाओ।
  गिल्गल के लोग बन्दी के रूप में ले जाए जाएंगे
 और बेतेल नष्ट किया जाएगा।
6 यहोवा के पास जाओ और जीवित रहो।
 यदि तुम यहोवा के यहाँ नहीं जाओगे, तो यूसुफ के घर में आग लगेगी।
 आग यूसुफ के परिवार को नष्ट करेगी और बेतेल में उसे कोई भी नहीं रोक सकेगा।
7 तुम्हें सहायता के लिये यहोवा के पास जाना चाहिये।
8 ये वही है जिसने कचपचिया और मृगशिरा को बनाया।
  वह अंधकार को प्रात: प्रकाश में बदलता है।
 वह दिन को अंधेरी रात में बदलता है।
  वह समुद्र से जल को उठाकर उसे पृथ्वी पर बरसाता है।
 उसका नाम यहोवा है
9 वह शक्तिशाली नगरों के
 मजबूत किलों को ढहा देता है।”

इस्राएलियों द्वारा किये गए बुरे काम

 लोगों, यह तुम्हारे लिये बहुत बुरा होगा तुमने अच्छाई को कड़वाहट में बदला।
 तुमने औचित्य को मार डाला और इसे धूलि में मिला दिया।
10 नबी सामाजिक स्थानों पर जाते हैं और उन बुरे कामों के विरूद्ध बोलते हैं जिन्हें लोग किया करते हैं।
 किन्तु लोग उन नबियों से घृणा करते हैं।
 नबी सत्य कहते हैं, किन्तु लोग उन नबियों से घृणा करते हैं।
11 तुम गरीबों से अनुचित कर वसूलते हो।
  तुम उनसे ढेर सारा गेहूँ लेते हो
 और इस धन का उपयोग तुम तराशे पत्थरों से सुन्दर महल बनाने में करते हो।
  किन्तु तुम उन महलों मे नहीं रहोगे।
 तुम अंगूरों की बेलों के सुन्दर खेत बनाते हो।
  किन्तु तुम उनसे प्राप्त दाखमधु को नहीं पीओगे।
12 क्यों? क्योंकि मैं तुम्हारे अनेक पापों को जानता हूँ।
  तुमने, सच ही, कुछ बुरे काम किये हैं।
 तुमने उचित काम करने वालों को चोट पहुँचाई।
  तुमने घूस के रूप में धन लिया।
 गरीब लोगों के साथ अनेक मुकद्दमों में तुमने अन्याय किया।
13 उस समय बुद्धिमान चुप रहेंगे।
 क्यों क्योंकि यह बुरा समय है।
14 तुम कहते हो कि परमेश्वर हमारे साथ है।
  अत: अच्छे काम करो, बुरे नहीं।
 तब तुम जीवित रहोगे और सर्वशक्तिमान परमेश्वर यहोवा
  सच ही तुम्हारे साथ होगा।
15 बुराई से घृणा करो।
  अच्छाई से प्रेम करो।
 न्यायालयों में न्याय वापस लाओ और तब संभव है कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर
  यहोवा यूसुफ परिवार के बचे लोगों पर दयालु हो।

बड़े शोक का समय आ रहा है

16 यही कारण है कि मेरा स्वामी सर्वशक्तिमान परमेश्वर यह कह रहा है,
 “लोग सभी सार्वजनिक स्थानों में रोएंगे, लोग सड़कों पर रोएंगे।
 लोग पेशेवर रोने वालों को भाड़े पर रखेंगे।
17 लोग अंगूर के सभी खेतों में रोएंगे।
 क्यों क्योंकि मैं वहाँ से निकलूँगा और तुम्हें दण्ड दूँगा।”
 यहोवा ने यह सब कहा है।
18 तुममे से कुछ यहोवा के न्याय के
  विशेष दिन को देखना चाहते हैं।
 तुम उस दिन को क्यों देखना चाहते हो
  यहोवा का विशेष दिन तुम्हारे लिये अन्धकार लाएगा, प्रकाश नहीं।
19 तुम किसी सिंह के सामने से बचकर भाग निकलने वाले ऐसे व्यक्ति के समान होगे
  जिस पर भागते समय रीछ आक्रमण कर देता है
 और फिर जब वह उस रीछ से भी बच निकलकर किसी घर में जा घुसता है
  तो वहाँ दीवार पर हाथ रखते ही,
 उसे साँप डस लेता है!
20 अत: यहोवा का विशेष दिन अन्धकार लाएगा, प्रकाश नहीं,
 यह शोक का समय होगा उल्लास का नहीं।

यहोवा इस्राएलियों की आराधना अस्वीकार कर रहा है

21 “मैं तुम्हारे पवित्र दिनों से घृणा करता हूँ!
 मैं उन्हें स्वीकार नहीं करूँगा!
 मैं तुम्हारी धार्मिक सभाओं का आनन्द नहीं लेता!
22 यदि तुम होमबलि और अन्नबलि भी दोगे तो
 मैं स्वीकार नहीं करूँगा।
 तुम जिन मोटे जानवरों को शान्ति—भेंट के रूप में दोगे
 उन्हें मैं देखूँगा भी नहीं।
23 तुम यहाँ से अपने शोरगुल वाले गीतों को दूर करो।
 मैं तुम्हारी वीणा के संगीत को नहीं सुनूँगा।
24 तुम्हें अपने सारे देश में न्याय को नदी की तरह बहने देना चाहिये।
 अच्छाई को सदा सरिता की धारा की तरह बहने दो जो कभी सूखती नहीं।
25 इस्राएल, तुमने चालीस वर्ष तक मरूभूमि में
 मुझे बलि और भेंट चढ़ाई।
26 तुम अपने राजा (देवता) सक्कुथ और नक्षत्र देवता कैवन की मूर्तियों को लेकर चले।
 इन देवताओं की मूर्तियों को स्वयं तुमने अपने लिये बनाया था।
27 अत: मैं तुम्हें बन्दी बनाकर
 दमिश्क के पार पहुँचाऊँगा
 यह सब यहोवा कहता है।
 उसका नाम सर्वशक्तिमान परमेश्वर है।

समीक्षा

सत्यनिष्ठ का समुदाय

परमेश्वर इस बात में दिलचस्प नहीं है कि आप कितने 'धर्मी' हैं। वह ईमानदारी, न्याय और सत्यनिष्ठा के विषय में अधिक चिंता करते हैं। इसके बिना धार्मिकता पूरी तरह से कपटीपन है। वह कहते हैं:

'मैं तुम्हारे पर्वों से बैर रखता, और उन्हें निकम्मा जानता हूँ, और तुम्हारी महासभाओं से मैं प्रसन्न नहीं। चाहे तुम मेरे लिये होमबलि और अन्नबलि चढ़ाओं, तब भी मैं प्रसन्न न होऊंगा, और तुम्हारे पाले हुए पशुओं के मेलबलियों की ओर न ताकूंगा। अपने गीतों का कोलाहल मुझ से दूर करो; तुम्हारी सारंगियों का सुर मैं न सुनूँगा। परंतु न्याय को नदी के समान, और खराई को महानदी के समान बहने दो' (वव.21-24, एम.एस.जी.)।

विश्वास के द्वारा सत्यनिष्ठ ठहरने का केंदीय कार्य है कि लोग सत्यनिष्ठा और न्याय के साथ काम करते हुए उत्तर दें। जॉन केल्विन ने एक बार कहा, 'केवल विश्वास सत्यनिष्ठ ठहरा सकता है, लेकिन जो विश्वास सत्यनिष्ठ ठहराता है, वह कभी भी अकेला नहीं हो सकता है।' परमेश्वर ने हमारे लिए जो किया है, उसके प्रति हमारा स्वाभाविक उत्तर होना चाहिए कि उनकी इच्छा के मेल में कार्य करें।

इस लेखांश में और आमोस की संपूर्ण पुस्तक में सत्यनिष्ठा और न्याय की एक केंद्रीय भूमिका है। परमेश्वर गरीबों के लिए न्याय चाहते हैं। परमेश्वर भविष्यवक्ता आमोस के द्वारा बताते हैं:

'तुम जो कंगालों को लताड़ा करते, और भेंट कहकर उनसे अन्न हर लेते हो, इसलिए जो घर तुम ने गढ़े हुए पत्थरों के बनाए हैं, उन में रहने न पाओगे; और जो मनभावनी दाख की बारियाँ तुम ने लगाई हैं, उनका दाखमधु न पीने पाओगे। क्योंकि मैं जानता हूँ कि तुम्हारे पाप भारी हैं। तुम सत्यनिष्ठ को सताते और घूस लेते, और फाटक में दरिद्रों का न्याय बिगाड़ते हो' (वव.10-13, एम.एस.जी.)।

परमेश्वर मानवीय अन्याय को सर्वदा चलने नहीं देंगे। वह हस्तक्षेप करेंगे और उनका न्याय करेंगे। परमेश्वर अन्याय से नफरत करते हैं। उनका न्याय और सत्यनिष्ठा वचन 24 में लिखा गया हैः'न्याय को नदी के समान, और सत्यनिष्ठा को महानदी के समान बहने दो'

न्याय के मामलें, जैसे कि लोगों को बंधन या दूसरे प्रकार के दासत्व से छुड़ाना, यौन-संबंध और दूसरे प्रकार के अन्याय के लिए मानव तस्करी के विरूद्ध लड़ना, इन चीजों को हमारे उद्देश्य में सबसे ऊँचा होना चाहिए। निश्चित ही वे परमेश्वर के उद्देश्य में सबसे ऊँचे दिखाई देते हैं।

प्रार्थना

परमेश्वर, आपका धन्यवाद क्योंकि केवल विश्वास सत्यनिष्ठ ठहराता है, लेकिन उस विश्वास को कभी भी अकेला नहीं होना चाहिए। सत्यनिष्ठ की तरह काम करने और सभी के लिए न्याय को खोजने का प्रयास करने के द्वारा, मेरे विश्वास को जीने में मेरी सहायता करिए।

पिप्पा भी कहते है

भजनसंहिता 86:2

'मेरे जीवन को सुरक्षित रखे'।

विश्वभर में भयानक अत्याचार और हर प्रकार के खतरे होते हैं। यहाँ तक कि निकी को साईकल पर देखना, जैसे ही लंदन की सड़को पर (तेज गति) से जाते हैं, इसे देखकर चिताता है। 'हमारे जीवन को सुरक्षित रखें' यह एक शांति देने वाली प्रार्थना है।

दिन का वचन

भजन संहिता 86:6

“ हे यहोवा मेरी प्रार्थना की ओर कान लगा, और मेरे गिड़गिड़ाने को ध्यान से सुन। “

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संदर्भ

जहाँ पर कुछ बताया न गया हो, उन वचनों को पवित्र बाइबल, न्यू इंटरनैशनल संस्करण एन्ग्लिसाइड से लिया गया है, कॉपीराइट © 1979, 1984, 2011 बिबलिका, पहले इंटरनैशनल बाइबल सोसाइटी, हूडर और स्टोगन पब्लिशर की अनुमति से प्रयोग किया गया, एक हॅचेट यूके कंपनी सभी अधिकार सुरक्षित। ‘एनआईवी’, बिबलिका यू के का पंजीकृत ट्रेडमार्क संख्या 1448790 है।

जिन वचनों को (एएमपी, AMP) से चिन्हित किया गया है उन्हें एम्प्लीफाइड® बाइबल से लिया गया है. कॉपीराइट © 1954, 1958, 1962, 1964, 1965, 1987 लॉकमैन फाउंडेशन द्वारा प्राप्त अनुमति से उपयोग किया गया है। (www.Lockman.org)

जिन वचनों को (एमएसजी MSG) से चिन्हित किया गया है उन्हें मैसेज से लिया गया है। कॉपीराइट © 1993, 1994, 1995, 1996, 2000, 2001, 2002. जिनका प्रयोग एनएवीप्रेस पब्लिशिंग ग्रुप की अनुमति से किया गया है।

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