दिन 155

स्वर्ग की आवाज

बुद्धि भजन संहिता 69:29-36
नए करार प्रेरितों के काम 1:23-2:21
जूना करार 2 शमूएल 5:6-6:23

परिचय

क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि बाइबल बहुत ही शोर गुल वाली किताब है? बुद्धि पुकारती है (नीतिवचन 8); हमारे परमेश्वर को धन्य कहो, और उसकी स्तुति में राग उठाओ (भजन संहिता 66:8); झांज बजाते हुए स्तुती करो (भजन संहिता 105); परमेश्वर जोर से चिल्लाते हैं (यशायाह 42); उनकी वाणी बहुत से जल की घरघराहट सी हुई (यहेजकेल 43); यीशु ने अपनी देह में रहने के दिनों में ऊंचे शब्द से पुकार पुकार कर प्रार्थनाएं की (इब्रानियों 5) बल्कि सृष्टि भी कराहती है (रोमियों 8).

पेंताकुस के दिन उन्होंने आकाश से बड़ी आंधी की सी सनसनाहट का शब्द हुआ सुना (प्रेरितों के कार्य 2:2). आज के लेखांश में हम स्वर्ग से आने जाने वाली अन्य आवाजों को सुनेंगे.

बुद्धि

भजन संहिता 69:29-36

29 मैं दु:खी हूँ और दर्द में हूँ।
 हे परमेश्वर, मुझको उबार ले। मेरी रक्षा कर!
30 मैं परमेश्वर के नाम का गुण गीतों में गाऊँगा।
 मैं उसका यश धन्यवाद के गीतों से गाऊँगा।
31 परमेश्वर इससे प्रसन्न हो जायेगा।
 ऐसा करना एक बैल की बलि या पूरे पशु की ही बलि चढ़ाने से अधिक उत्तम है।
32 अरे दीन जनों, तुम परमेश्वर की आराधना करने आये हो।
 अरे दीन लोगों! इन बातों को जानकर तुम प्रसन्न हो जाओगे।
33 यहोवा, दीनों और असहायों की सुना करता है।
 यहोवा उन्हें अब भी चाहता है, जो लोग बंधन में पड़े हैं।
34 हे स्वर्ग और हे धरती,
 हे सागर और इसके बीच जो भी समाया है। परमेश्वर की स्तुती करो!
35 यहोवा सिय्योन की रक्षा करेगा!
 यहोवा यहूदा के नगर का फिर निर्माण करेगा।
 वे लोग जो इस धरती के स्वामी हैं, फिर वहाँ रहेंगे!
36 उसके सेवकों की संताने उस धरती को पायेगी।
 और ऐसे वे लोग निवास करेंगे जिन्हें उसका नाम प्यारा है।

समीक्षा

आराधना की आवाज

बाइबल वास्तविक है. कुछ ऐसे समय भी आते हैं जब हम 'दु:खी और व्याकुल होते हैं' (व.29). दाऊद जिस संकट का सामना कर रहा था उसने उसे अनदेखा करने की कोशिश नहीं की. फिर भी अपनी बुरी परिस्थितियों के बावजूद उसने परमेश्वर की आराधना का निर्णय लिया. बल्कि गहराई में भी आश्वस्त रह सकते हैं कि परमेश्वर वहाँ हैं, और आप उनकी आराधना कर सकते हैं – चाहें आपकी परिस्थिति कैसी भी क्यों न हो.

यह भजन आराधना की आवाज के साथ समाप्त होता है: ' गीत गाकर तेरे नाम की स्तुति करूंगा, और धन्यवाद करता हुआ तेरी बड़ाई करूंगा..... स्वर्ग और पृथ्वी उसकी स्तुति करें' (वव. 30,34). आराधना केवल पृथ्वी पर नहीं होती बल्कि स्वर्ग में भी होती है. जब आप आराधना करते हैं, तब आप स्वर्ग की आवाजों के साथ जुड़ जाते हैं. यहाँ, हम आराधना के तीन पहलुओं को देखते हैं:

  1. आराधना में इच्छा शामिल है

दाऊद कहते हैं, 'मैं परमेश्वर के नाम की स्तुती करूँगा' (व.30). आप ध्यान दे सकते हैं कि आपको परमेश्वर की आराधना करने की इच्छा हमेशा नहीं होती, लेकिन आप एक निर्णय लेते हैं; यह एक इच्छापूर्ण कार्य है.

  1. आराधना परमेश्वर को प्रसन्न करती है

'यह परमेश्वर को बैल से अधिक, वरन सींग और खुरवाले बैल से भी अधिक भाएगा' (व.31).

  1. आराधना दूसरों को प्रभावित करती है

'नम्र लोग इसे देखकर आनन्दित होंगे, हे परमेश्वर के खोजियों तुम्हारा मन हरा हो जाए' (व.32). मैंने अल्फा में देखा है कि जो परमेश्वर को खोजते हैं वे अक्सर आराधना से भाव विभोर हो जाते हैं और इसके परिणाम स्वरूप उनके हृदय जीवित हो जाते हैं.

प्रार्थना

प्रभु, मेरी जैसी भी परिस्थिति है, मुझे आपके नाम के गीत गाने और धन्यवाद के साथ आपको महिमा देने में मेरी मदद कीजिये.
नए करार

प्रेरितों के काम 1:23-2:21

23 इसलिये उन्होंने दो व्यक्ति सुझाये! एक यूसुफ़ जिसे बरसब्बा कहा जाता था (यह यूसतुस नाम से भी जाना जाता था।) और दूसरा मत्तियाह। 24-25 फिर वे यह कहते हुए प्रार्थना करने लगे, “हे प्रभु, तू सब के मनों को जानता है, हमें दर्शा कि इन दोनों में से तूने किसे चुना है। जो एक प्रेरित के रूप में सेवा के इस पद को ग्रहण करे जिसे अपने स्थान को जानने के लिए यहूदा छोड़ गया था।” 26 फिर उन्होंने उनके लिये पर्चियाँ डाली और पर्ची मत्तियाह के नाम की निकली। इस तरह वह ग्यारह प्रेरितों के दल में सम्मिलित कर लिया गया।

पवित्र आत्मा का आगमन

2जब पिन्तेकुस्त का दिन आया तो वे सब एक ही स्थान पर इकट्ठे थे। 2 तभी अचानक वहाँ आकाश से भयंकर आँधी का शब्द आया और जिस घर में वे बैठे थे, उसमें भर गया। 3 और आग की फैलती लपटों जैसी जीभें वहाँ सामने दिखायी देने लगीं। वे आग की विभाजित जीभें उनमें से हर एक के ऊपर आ टिकीं। 4 वे सभी पवित्र आत्मा से भावित हो उठे। और आत्मा के द्वारा दिये गये सामर्थ्य के अनुसार वे दूसरी भाषाओं में बोलने लगे।

5 वहाँ यरूशलेम में आकाश के नीचे के सभी देशों से आये यहूदी भक्त रहा करते थे। 6 जब यह शब्द गरजा तो एक भीड़ एकत्र हो गयी। वे लोग अचरज में पड़े थे क्योंकि हर किसी ने उन्हें उसकी अपनी भाषा में बोलते सुना।

7 वे आश्चर्य में भर कर विस्मय के साथ बोले, “ये बोलने वाले सभी लोग क्या गलीली नहीं हैं? 8 फिर हममें से हर एक उन्हें हमारी अपनी मातृभाषा में बोलते हुए कैसे सुन रहा है? 9 वहाँ पारथी, मेदी और एलामी, मिसुपुतामिया के निवासी, यहूदिया और कप्पूदूकिया, पुन्तुस और एशिया। 10 फ्रूगिया और पम्फूलिया, मिसर और साइरीन नगर के निकट लीबिया के कुछ प्रदेशों के लोग, रोम से आये यात्री जिनमें जन्मजात यहूदी और यहूदी धर्म ग्रहण करने वाले लोग, क्रेती तथा अरब के रहने वाले 11 हम सब परमेश्वर के आश्चर्यपूर्ण कामों को अपनी अपनी भाषाओं में सुन रहे हैं।”

12 वे सब विस्मय में पड़ कर भौंचक्के हो आपस में पूछ रहे थे, “यह सब क्या हो रहा है?” 13 किन्तु दूसरे लोगों ने प्रेरितों का उपहास करते हुए कहा, “ये सब कुछ ज्यादा ही, नयी दाखरस चढ़ा गये हैं।”

पतरस का संबोधन

14 फिर उन ग्यारहों के साथ पतरस खड़ा हुआ और ऊँचे स्वर में लोगों को सम्बोधित करने लगा, “यहूदी साथियो और यरूशलेम के सभी निवासियो! इसका अर्थ मुझे बताने दो। मेरे शब्दों को ध्यान से सुनो। 15 ये लोग पिये हुए नहीं हैं, जैसा कि तुम समझ रहे हो। क्योंकि अभी तो सुबह के नौ बजे हैं। 16 बल्कि यह वह बात है जिसके बारे में योएल नबी ने कहा था:

17 ‘परमेश्वर कहता है:
  अंतिम दिनों में ऐसा होगा कि मैं सभी मनुष्यों पर अपनी आत्मा उँड़ेल दूँगा
 फिर तुम्हारे पुत्र और पुत्रियाँ भविष्यवाणी करने लगेंगे।
  तथा तुम्हारे युवा लोग दर्शन पायेंगे
 और तुम्हारे बूढ़े लोग स्वप्न देखेंगे।
18 हाँ, उन दिनों मैं अपने सेवकों और सेविकाओं पर अपनी आत्मा उँड़ेल दूँगा
  और वे भविष्यवाणी करेंगे।
19 मैं ऊपर आकाश में अद्भुत कर्म
  और नीचे धरती पर चिन्ह दिखाऊँगा
 लहू, आग और धुएँ के बादल।
20 सूर्य अन्धेरे में और
  चाँद रक्त में बदल जायेगा।
 तब प्रभु का महान और महिमामय दिन आएगा।
21 और तब हर उस किसी का बचाव होगा जो प्रभु का नाम पुकारेगा।’

समीक्षा

पवित्र आत्मा की आवाज

यह आपके और मेरे लिए है. पेंताकुस के दिन का अनुभव सिर्फ एक ऐतिहासिक घटना नहीं थी; बल्कि यह वर्तमान में आपके लिए एक वास्तविकता भी हो सकती है (2:29). जैसा कि योएल ने भविष्यवाणी की थी: 'मैं अपना आत्मा तुम पर उंडेलूगा' – स्त्री और पुरूष, वृद्ध और जवान, अमीर और गरीब सभी पर (वव. 17-21). इसमें आप और मैं तुरंत शामिल हो गए हैं!

  1. अनुभव पाने का प्रयास करें

पेंताकुस के दिन पवित्र अनुभव में तीन बातें शामिल हैं:

पहली, इसमे परमेश्वर की सामर्थ शामिल है. उन्होंने आंधी की सी आवाज सुनी. 'तब आंधी की सी सनसनाहट का शब्द हुआ, और उस से सारा घर जहां वे बैठे थे, गूंज गया था' (व.2). तब ऐसा लगा था कि बहुत तेज समुद्री तूफान आया है. यह परमेश्वर की सामर्थी अदृश्य शक्ति है. यह आंतरिक और आत्मिक सच्चाई का बाहरी और दृश्य संकेत था.

इब्रानी शब्द 'रॉच' का वास्तविक अर्थ है 'सांस' या 'हवा'. पुराने नियम में रॉच शब्द का प्रयोग पवित्र आत्मा परमेश्वर की आत्मा के लिए किया गया है. पेंताकुस का दिन उस बात का पूरा होना है जब यीशु ने अपने शिष्यों पर फूँक मारकर कहा था, 'पवित्र आत्मा लो' (यूहन्ना 20:22).

उत्कृष्ट रूप से, पवित्र आत्मा का अनुभव आपके लिए परमेश्वर के प्रेम का अनुभव है (रोमियों 5:5). यह एक तरीका है जिसमें आप अपने प्रति परमेश्वर के प्रेम को अनुभव करते हैं, ताकि आप प्रेरित पौलुस के साथ कह सकें, 'परमेश्वर के पुत्र ने मुझ से प्रेम किया है.....और मेरी खातिर अपनी जान दे दी है' (गलातियों 2:20). जैसा कि रिक वारेन कहते हैं, 'परमेश्वर के प्रेम को महसूस करना....... हर एक सेविकाई, ह एक पुन:प्रवर्तन, हर एक नवीनीकरण, हर एक महान जागरूकता का आरंभिक बिंदु है.

पवित्र आत्मा ही हैं जो हर एक पुन:प्रवर्तन के लिए सामर्थ प्रदान करते हैं और वह उनके दिलों में परमेश्वर के प्रेम को महसूस और अनुभव करा कर परमेश्वर के लोगों को सक्षम बनाते हुए इसे श्रेष्ठता से करते हैं. यह एक प्रकार का ज्ञान है जो आपके दिमाग से होकर आपके हृदय में जाता है.

दूसरी, इसमे परमेश्वर की आग शामिल है. उन्होंने आग देखी. फिर से, यह वास्तविक आग नहीं थी: ' उन्हें आग की सी जीभें फटती हुई दिखाई दीं; और उन में से हर एक पर आ ठहरीं' (2:3). यह आंतरिक और आत्मिक सच्चाई का बाहरी और दृश्य संकेत था. परमेश्वर के प्रेम की आग, परमेश्वर के सामर्थ, पवित्रता और प्रेम को दर्शाती है.

जहाँ कहीं भी पवित्र आत्मा का अनुभव होता है, वह आपके जीवन में नई आग और नया प्रेम लाते हैं.

तीसरी, इसमें परमेश्वर की भाषा शामिल है: 'वे सब पवित्र आत्मा से भर गए, और जिस प्रकार आत्मा ने उन्हें बोलने की सामर्थ दी, वे अन्य अन्य भाषा बोलने लगे' (व.4). ये ऐसी भाषाएं थीं जो उन्होंने नहीं सीखी थीं. वे भाषाएं जानी पहचानी थी और , and the whole known world was represented (vv.5–11). यह बबेल की अराजकता और फूट के विपरीत था (उत्पत्ती 11:1-9).

पवित्र आत्मा के द्वारा परमेश्वर के प्रेम का अनुभव कलीसियाओं में एकता लाता है. जब हम जान जाते हैं कि कैथोलिक, ऑर्थोडॉक्स, प्रोटेस्टेन्ट्स और पेंटाकोस्टल्स में चाहें किसी भी संप्रदाय के हों, यही पवित्र आत्मा कार्य कर रहे हैं, विभाजन की चंगाई और एकता का दृश्य अनुभव प्राप्त होता है.

पेंताकुस के दिन तीन प्रतिक्रियाएं हुईं (आजकल हम पवित्र आत्मा की सेविकाई में इनमें सभी को देखते हैं). पहली प्रतिक्रिया थी अचंभित होना. कुछ लोग पूरी तरह से अचंभित हो गए थे (प्रेरितों के कार्य 2:7). दूसरी प्रतिक्रिया थी चकित होना. ' वे सब चकित हुए, और घबराकर एक दूसरे से कहने लगे कि यह क्या हुआ है?' (व.12). तीसरी प्रतिक्रिया थी 'ठट्ठा करना'. 'परन्तु औरों ने ठट्ठा करके कहा, कि वे तो नई मदिरा के नशे में हैं' (व.13).

  1. स्पष्टीकरण का अध्ययन करना

पतरस ने समझाया कि क्या हो रहा था? (व.14फ).

पहला, उन्होंने गलत स्पष्टीकरण का विरोध किया (व.15). कुछ लोग अलौकिक बातों के लिए स्वाभाविक स्पष्टीकरण दे रहे थे. शायद ऐसा लग रहा था कि उन्होंने नशा किया है, क्योंकि वे लोग बहुत ही प्रफुल्लित दिखाई दे रहे थे और अपने आप पर नियंत्रण खो दिया था. फिर भी यह शराब का नशा नहीं था बल्कि पवित्र आत्मा का गंभीर नशा था – एकमात्र ऐसा नशा जिसका परिणाम बुरा नहीं होता!

फिर वह असली स्पष्टीकरण देते हैं (व.16फ). पतरस अपना प्रचार यह बताते हुए शुरू करते हैं जिसका आधार बाइबल है (हम बाकी का स्पष्टीकरण कल देखेंगे). कुछ लोग गलत तरीके से वचन और पवित्र आत्मा को दो अलग-अलग समूहों में बांट देते हैं. लेकिन पवित्र आत्मा परमेश्वर के वचन के लेखक हैं. पुराना नियम, जो कि परमेश्वर का वचन है – पवित्र आत्मा के उंडेले जाने के विषय में इशारा करता है (वव.16-20). पतरस, पवित्र आत्मा से भरकर, फिर से बाइबल पर आते हैं. पवित्र आत्मा परमेश्वर के वचन की भूख पैदा करते हैं.

प्रार्थना

प्रभु, मैं पवित्र आत्मा के ताजा अभिषेक के लिए प्रार्थना करता हूँ. परमेश्वर का आग सामर्थ, प्रेम और शुद्धता के साथ मुझ पर और कलीसिया पर फिर से उतरे.
जूना करार

2 शमूएल 5:6-6:23

दाऊद यरूशलेम नगर को जीतता है

6 राजा और उसके लोग यरूशलेम में यबूसियों के विरुद्ध गए। यबूसी वे लोग थे जो उस प्रदेश में रहते थे। यबूसियों ने दाऊद से कहा, “तुम हमारे नगर में नहीं आ सकते। यहाँ तक कि अन्धे और लंगड़े भी तुमको रोक सकते हैं।” (वे ऐसा इसलिये कह रहे थे क्योंकि वे सोचते थे कि दाऊद उनके नगर में प्रवेश करने की क्षमता नहीं रखता। 7 किन्तु दाऊद ने सिय्योन का किला ले लिया। यह किला दाऊद—नगर बना)

8 उस दिन दाऊद ने अपने लोगों से कहा, “यदि तुम लोग यबूसियों को हराना चाहते हो तो जलसुरंग से जाओ, और उन ‘अन्धे तथा अपाहिज’ शत्रुओं पर हमला करो।” यही कारण है कि लोग कहते हैं “अन्धे और विकलांग उपासना गृह में नहीं आ सकते।”

9 दाऊद किले में रहता था और इसे “दाऊद का नगर” कहता था। दाऊद ने उस क्षेत्र को बनाया और मिल्लो नाम दिया। उसने नगर के भीतर अन्य भवन भी बनाये। 10 दाऊद अधिकाधिक शक्तिशाली होता गया क्योंकि सर्वशक्तिमान यहोवा उसके साथ था।

11 सोर के राजा हीराम ने दाऊद के पास दूतों को भेजा। हीराम ने देवदारू के पेड़, बढ़ई और राजमिस्त्री लोगों को भी भेजा। उन्होंने दाऊद के लिये एक महल बनाया। 12 उस समय दाऊद जानता था कि यहोवा ने उसे सचमुच इस्राएल का राजा बनाया है, और दाऊद यह भी जानता था कि यहोवा ने उसके राज्य को परमेश्वर के लोगों, अर्थात् इस्राएलियों के लिये बहुत महत्वपूर्ण बनाया है।

13 दाऊद हेब्रोन से यरूशलेम चला गया। यरूशलेम में दाऊद ने और अधिक दासियों तथा पत्नियों को प्राप्त किया। दाऊद के कुछ दूसरे बच्चे भी यरूशलेम में हुए। 14 यरूशलेम में उत्पन्न हुए दाऊद के पुत्रों के नाम ये हैं: शम्मू, शोबाब, नातान, सुलैमान, 15 यिभार, एलोशू, नेपेग, यापी, 16 एलीशामा, एल्यादा तथा एलीपेलेत।

दाऊद पलिश्तियों के विरुद्ध युद्ध में जाता है

17 पलिश्तियों ने यह सुना कि इस्राएलियों ने दाऊद का अभिषेक इस्राएल के राजा के रूप में किया है तब सभी पलिश्ती दाऊद को मार डालने के लिये उसकी खोज करने निकले। किन्तु दाऊद को यह सूचना मिल गई। वह एक किले में चला गया। 18 पलिश्ती आए और रपाईम की घाटी में उन्होंने अपना डेरा डाला।

19 दाऊद ने बात करके यहोवा से पूछा, “क्या मुझे पलिश्तियों के विरुद्ध युद्ध में जाना चाहिये? क्या तू मुझे पलिश्तियों को हराने देगा?”

यहोवा ने दाऊद से कहा, “जाओ, क्योंकि मैं निश्चय ही, पलिश्तियों को हराने में तुम्हारी सहायता करूँगा।”

20 तब दाऊद बालपरासीम आया। वहाँ उसने पलिश्तियों को हराया। दाऊद ने कहा, “यहोवा ने मेरे सामने मेरे शत्रुओं की सेना को इस प्रकार दौड़ भगाया जैसे जल बांध को तोड़ कर बहता है।” यही कारण है कि दाऊद ने उस स्थान का नाम “बालपरासीम” रखा। 21 पलिश्तियों ने बालपरासीम में अपनी देवमूर्तियों को पीछे छोड़ दिया। दाऊद और उसके लोगों ने उन देवमूर्तियों को वहाँ से हटा दिया।

22 पलिश्ती फिर आये और रपाईम की घाटी में उन्होंने डेरा डाला।

23 दाऊद ने यहोवा से प्रार्थना की। इस समय यहोवा ने कहा, “वहाँ मत जाओ। उनके चारों ओर उनकी सेना के पीछे से जाओ। तूत वृक्षों के पास उन पर आक्रमण करो। 24 तूत वृक्षों की चोटी से तुम पलिश्तियों के सामरिक प्रमाण की ध्वनि को सुनोगे। तब तुम्हें शीघ्रता करनी चाहिये, क्योंकि उस समय यहोवा जायेगा और तुम्हारे लिये पलिश्तियों को हरा देगा।”

25 दाऊद ने वही किया जो करने के लिये यहोवा ने आदेश दिया था। उसने पलिश्तियों को हराया। उसने उनका पीछा लगातार गेबा से गेजेर तक किया।

परमेश्वर का पवित्र सन्दूक यरूशलेम लाया गया

6दाऊद ने फिर इस्राएल के सभी चुने तीस हजार लोगों को इकट्ठा किया। 2 तब दाऊद और उसके सभी लोग यहूदा के बाले में गये और परमेश्वर के पवित्र सन्दूक को यहूदा के बाले से लेकर उसे यरूशलेम में ले आए। लोग पवित्र सन्दूक के पास यहोवा की उपासना करने के लिये जाते हैं। पवित्र सन्दूक यहोवा के सिंहासन की तरह है। पवित्र सन्दूक के ऊपर करूब की मूर्तियाँ हैं, और यहोवा इन स्वर्गदूतों पर राजा की तरह बैठता है। 3 उन्होंने परमेश्वर के पवित्र सन्दूक को एक नई गाड़ी में रखा। वे गिबियाह में स्थित अबीनादाब के घर से पवित्र सन्दूक को ले जा रहे थे। उज्जा और अहह्यो नई गाड़ी चला रहे थे।

4 जब वे गिबियाह में अबीनादाब के घर से पवित्र सन्दूक ले जा रहे थे, तब उज्जा परमेश्वर के पवित्र सन्दूक सहित गाड़ी में बैठा था। अहह्यो पवित्र सन्दूक वाली गाड़ी के आगे आगे चल कर संचालन कर रहा था। 5 दाऊद और सभी इस्राएली यहोवा के सामने पूरे उत्साह के साथ नाच और गा रहे थे। ये संगीत वाद्य सनौवर लकड़ी के बने थे। वे वीणा, सितार, ढोल झांझ, और मंजीरा बजा रहे थे। 6 जब दाऊद के लोग नकोन खलिहान में आये तो बैल लड़खड़ा पड़े। परमेश्वर का पवित्र सन्दूक बन्द गाड़ी से गिरने लगा। उज्जा ने पवित्र सन्दूक को पकड़ लिया। 7 यहोवा उज्जा पर क्रोधित हुआ और उसे मार डाला। उज्जा ने पवित्र सन्दूक को छूकर परमेश्वर के प्रति अश्रद्धा दिखाई। उज्जा वहाँ परमेश्वर के पवित्र सन्दूक के बगल में मरा। 8 दाऊद निराश हो गया क्योंकि यहोवा ने उज्जा को मार डाला था। दाऊद ने उस स्थान को “पेरेसुज्जा” कहा।

9 दाऊद उस दिन यहोवा से डर गया। दाऊद ने कहा, “अब मैं यहोवा का पवित्र सन्दूक यहाँ कैसे ला सकता हूँ?” 10 इसलिये दाऊद यहोवा के पवित्र सन्दूक को दाऊद नगर में नहीं ले जाना चाहता था। दाऊद ने पवित्र सन्दूक को गत से आये हुये ओबेद—एदोम के घर में रखा। दाऊद पवित्र सन्दूक को सड़क से गत के ओबेद—एदोम के घर ले गया। 11 यहोवा का सन्दूक ओबेद—एदोम के घर में तीन महीने तक रहा। यहोवा ने ओबेद—एदोम और उसके सारे परिवार को आशीर्वाद दिया।

12 लोगों ने दाऊद से कहा, “यहोवा ने ओबेद—एदोम के परिवार और उसकी सारी चीजों को आशीर्वाद दिया क्योंकि परमेश्वर का पवित्र सन्दूक वहाँ है।” इसलिये दाऊद गया और ओबेद—एदोम के घर से परमेश्वर के पवित्र सन्दूक को दाऊद नगर से ले आया। दाऊद ने इसे प्रसन्नता से किया। 13 जब यहोवा के पवित्र सन्दूक को ले चलने वाले छः कदम चले तो वे रूक गये और दाऊद ने एक बैल तथा एक मोटे बछड़े की बलि भेंट की। 14 तब दाऊद ने यहोवा के सामने पूरे उत्साह के साथ नृत्य किया। दाऊद ने एपोद पहन रखा था।

15 दाऊद और सभी इस्राएली यहोवा के पवित्र सन्दूक को नगर लाते समय उल्लास से उद्घोष करने और तुरही बजाने लगे। 16 शाऊल की पुत्री मीकल खिड़की से देख रही थी। जब यहोवा का पवित्र सन्दूक नगर में आया तो दाऊद यहोवा के सामने नाच—कूद कर रहा था। मीकल ने यह देखा और वह दाऊद पर गुस्सा हो गई। उसने सोचा कि वह अपने आप को मूर्ख सिद्ध कर रहा है।

17 दाऊद ने पवित्र सन्दूक के लिये एक तम्बू लगाया। इस्राएलियों ने यहोवा के सन्दूक को तम्बू में उसकी जगह पर रखा। तब दाऊद ने होमबलि और मेलबलि यहोवा को चढ़ाई।

18 जब दाऊद ने होमबलि और मेलबलि चढ़ाना पूरा किया तब उसने सर्वशक्तिमान यहोवा के नाम पर लोगों को आशीर्वाद दिया। 19 दाऊद ने रोटी, किशमिश का टुकड़ा, और खजूर की रोटी का हिस्सा इस्राएल के हर एक स्त्री—पुरुष को दिया। तब सभी लोग अपने घर गये।

मीकल दाऊद को डाँटती है

20 दाऊद अपने घर में आशीर्वाद देने गया। किन्तु शाऊल की पुत्री मीकल उससे मिलने निकल आई। मीकल ने कहा, “आज इस्राएल के राजा ने अपना ही सम्मान नहीं किया। तुमने अपनी प्रजा की दासियों के सामने अपने वस्त्र उतार दिये। तुम उस मूर्ख की तरह थे जो बिना लज्जा के अपने वस्त्र उतारता है!”

21 तब दाऊद ने मीकल से कहा, “यहोवा ने मुझे चुना है, न कि तुम्हारे पिता और उसके परिवार के किसी व्यक्ति ने। यहोवा ने मुझे इस्राएल के अपने लोगों का मार्ग दर्शक बनने के लिये चुना। यही कारण है कि मैं यहोवा के सामने उत्सव मनाऊँगा और नृत्य करूँगा। 22 संभव है, मैं तुम्हारी दृष्टि में अपना सम्मान खो दूँ। संभव है मैं तुम्हारी निगाह में ही कुछ गिर जाऊँ। किन्तु जिन लड़कियों के बारे में तुम बात करती हो वे मेरा सम्मान करती हैं।”

23 शाऊल की पुत्री को कभी सन्तान न हुई । वह बिना सन्तान के मरी।

समीक्षा

उत्सव की आवाज

इससे पहले कि हम उत्सव की आवाज को जानें, यह बताना बेहतर होगा कि इस लेखांश में आवाज का कुछ और वर्णन है. जब दाऊद ने प्रभु से पूछा कि, क्या मैं चढ़ाई करूँ? तो पहले प्रभु ने कहा 'जा' (5:19). फिर दूसरी बार जब दाऊद ने प्रभु से पूछा, तब प्रभु ने कहा, ' चढ़ाई न कर; और जब तुझे वृक्षों की फुनगियों में से सेना के चलने की सी आहट तुझे सुनाईं पड़े, तब यह जानकर फुर्ती करना' (वव.23-24).

यह पता नहीं कि स्पष्ट रूप से इसका क्या मतलब है. फिर भी यह याद ताजा कर देने वाली अभिव्यक्ति है. शायद इसका मतलब यह है कि, जैसे हम सुनते हैं कि परमेश्वर गतिमान हो रहे हैं, हमें भी जल्दी से कार्य करना चाहिये.

परमेश्वर ने दाऊद को विजय दी, और इस कारण एक बड़ा उत्सव मनाया गया. ' दाऊद और इस्राएल का समस्त घराना यहोवा के आगे सनौवर की लकड़ी के बने हुए सब प्रकार के बाजे और वीणा, सारंगियां, डफ, डमरू, झांझ बजाते रहे' (6:5). यहाँ बहुत शोरगुल हो रहा होगा!

बड़े ही प्रदशनकारी ढंग से दाऊद परमेश्वर के सामने नाचा: 'दाऊद सनी का एपोद कमर में कसे हुए यहोवा के सम्मुख तन मन से नाचता रहा' (व.14). दाऊद की पत्नी मीकल ने उसे खिड़की में से झांककर देखा और उसे परमेश्वर के सम्मुख नाचते कूदते देखा और मन ही मन उसे तुच्छ जाना (व.16).

दाऊद ने जवाब दिया कि ' मैं यहोवा के सम्मुख इसी प्रकार खेला करूंगा और इस से भी मैं अधिक तुच्छ बनूंगा' (वव. 21-22). यहाँ हम बाइबल पर आधारित जोर शोर से नाच गाकर उत्सव मनाने का उदाहरण देखते हैं. बल्कि इस लेखांश में परमेश्वर की आराधना करते समय नीरसता दिखाने के विरूद्ध चेतावनी भी दी गई है (व.23). अवश्य ही हमें कामांग प्रदर्शन नहीं करना चाहिये. लेकिन दाऊद का उल्लास उसके दिल से था और उसका नाचना गाना सच्चा था.

हमें अपने आसपास के लोगों के प्रति संवेदनशील होना चाहिये – खासकर, उदाहरण के लिए, अल्फा के आरंभिक सप्ताहों में, जब हमारे आसपास ऐसे बहुत से लोग हुआ करते थे जो उल्लासित होकर आराधना करने के आदी नहीं थे. फिर भी, सामान्य रूप से, आपको मुक्त रूप से परमेश्वर की आराधना करनी चाहिये और यह चिंता नहीं करनी चाहिये कि लोग आपके बारे में क्या सोचेंगे.

प्रार्थना

प्रभु, सारी कलीसियाएं आराधना और उत्सव की आवाज से दोबारा भर जाएं. हरएक अल्फा सप्ताहांत पेंताकुस के दिन के समान पवित्र आत्मा के उंडेले जाने से भर जाए. आपकी आराधना करने और आपके नाम को महिमा देने के लिए ये आवाजें और भी बढ़ जाएं.

पिप्पा भी कहते है

2 शमूएल 6:14-16

'दाऊद सनी का एपोद कमर में कसे हुए यहोवा के सम्मुख तन मन से नाचता रहा.... शाऊल की बेटी मीकल ने खिड़की में से झांककर दाऊद राजा को यहोवा के सम्मुख नाचते कूदते देखा, और उसे मन ही मन तुच्छ जाना.'

मुझे मीकल के साथ थोड़ी हमदर्दी है; पहले मुझे पूजन पद्धति संबंधी नृत्य करने की बहुत इच्छा होती थी. शायद मुझे अपने निषेध पर काबू पाना था. मैं एपोद के बारे में निश्चित नहीं हूं, लेकिन रविवार को देखेंगे!

दिन का वचन

प्रेरितों के कार्य – 2:21

"और जो कोई प्रभु का नाम लेगा, वही उद्धार पाएगा।"

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संदर्भ

जहाँ पर कुछ बताया न गया हो, उन वचनों को पवित्र बाइबल, न्यू इंटरनैशनल संस्करण एन्ग्लिसाइड से लिया गया है, कॉपीराइट © 1979, 1984, 2011 बिबलिका, पहले इंटरनैशनल बाइबल सोसाइटी, हूडर और स्टोगन पब्लिशर की अनुमति से प्रयोग किया गया, एक हॅचेट यूके कंपनी सभी अधिकार सुरक्षित। ‘एनआईवी’, बिबलिका यू के का पंजीकृत ट्रेडमार्क संख्या 1448790 है।

जिन वचनों को (एएमपी, AMP) से चिन्हित किया गया है उन्हें एम्प्लीफाइड® बाइबल से लिया गया है. कॉपीराइट © 1954, 1958, 1962, 1964, 1965, 1987 लॉकमैन फाउंडेशन द्वारा प्राप्त अनुमति से उपयोग किया गया है। (www.Lockman.org)

जिन वचनों को (एमएसजी MSG) से चिन्हित किया गया है उन्हें मैसेज से लिया गया है। कॉपीराइट © 1993, 1994, 1995, 1996, 2000, 2001, 2002. जिनका प्रयोग एनएवीप्रेस पब्लिशिंग ग्रुप की अनुमति से किया गया है।

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