दिन 115

आपका प्रेमी विकल्प

बुद्धि भजन संहिता 51:1-9
नए करार लूका 22:63-23:25
जूना करार यहोशू 8:1-9:15

परिचय

ऑफ फ्रोंटियर यूथ ट्रस्ट के सी.ई.ओ. डेविड वाईल्स, एक छोटी लड़की के बारे में बताते हैं जिसका नाम लिज है, जो एक दुर्लभ और गंभीर रोग से कष्ट उठा रही थी. उसके लिए बचने का एक ही तरीका था कि उसके पाँच साल के भाई का खून उसे चढ़ाया जाए, जो कि चमत्कारी रूप से इसी रोग से चंगा हुआ था और रोग से लड़ने की आवश्यक क्षमता उसमें विकसित हो चुकी थी. डॉक्टर ने स्थिति को समझाया और छोटे लड़के से पूछा कि क्या वह अपनी बहन को अपना खून देगा. वह एक क्षण के लिए हिचकिचाया फिर एक गहरी सांस लेकर कहा, 'हाँ, मैं करँगा यदि इससे उसकी जान बचती है.'

जैसे ही रक्तदान चल रहा था, वह अपनी बहन के पास में लेटा हुआ था, और मुस्करा रहा था, जैसा कि सभी कर रहे थे, उसके गालों पर रंग को आता हुआ देखकर. तब उसका चेहरा पीला पड़ गया और उसकी मुस्कुराहट चली गई. उसने डॉक्टर की तरफ देखा और एक डरी हुई आवाज में पूछा, 'क्या अब मैं मरने वाला हूँ?'

छोटे लड़के ने डॉक्टर की बात को ठीक से समझा नहीं था. उसे लगा कि अपनी बहन को बचाने के लिए उसे अपना सारा खून दे देना पड़ेगा. यह लड़का अपनी बहन से इतना प्यार करता था कि वह उसके बदले में मरने के लिए भी तैयार था – उसके विकल्प के रूप में.

परमेश्वर आपसे प्रेम करते है. बाईबल का अद्भुत और महान संदेश है कि परमेश्वर यीशु मसीह के रूप में इस पृथ्वी पर आए, और आपके स्थान में मर गए. शब्द, चित्र, अलंकार, और दृष्टांत (जैसे कि पाँच साल का वह लड़का) हमारी समझ में सहायता कर सकते हैं, लेकिन वे कभी भी सिद्ध रूप से परमेश्वर के अवर्णनीय प्रेम को नहीं बता सकते हैं. यीशु ने मेरे पापों के लिए अपनी जान दी. वह मेरे और आपके बदले में मारे गए (मरकुस 10:45).

बुद्धि

भजन संहिता 51:1-9

संगीत निर्देशक के लिए दाऊद का एक पद: यह पद उस समय का है जब बतशेबा के साथ दाऊद द्वारा पाप करने के बाद नातान नबी दाऊद के पास गया था।

51हे परमेश्वर, अपनी विशाल प्रेमपूर्ण
 अपनी करूण से
 मुझ पर दया कर।
 मेरे सभी पापों को तू मिटा दे।
2 हे परमेश्वर, मेरे अपराध मुझसे दूर कर।
 मेरे पाप धो डाल, और फिर से तू मुझको स्वच्छ बना दे।
3 मैं जानता हूँ, जो पाप मैंने किया है।
 मैं अपने पापों को सदा अपने सामने देखता हूँ।
4 है परमेश्वर, मैंने वही काम किये जिनको तूने बुरा कहा।
 तू वही है, जिसके विरूद्ध मैंने पाप किये।
 मैं स्वीकार करता हूँ इन बातों को,
 ताकि लोग जान जाये कि मैं पापी हूँ और तू न्यायपूर्ण है,
 तथा तेरे निर्णय निष्पक्ष होते हैं।
5 मैं पाप से जन्मा,
 मेरी माता ने मुझको पाप से गर्भ में धारण किया।
6 हे परमेश्वर, तू चाहता है, हम विश्वासी बनें। और मैं निर्भय हो जाऊँ।
 इसलिए तू मुझको सच्चे विवेक से रहस्यों की शिक्षा दे।
7 तू मुझे विधि विधान के साथ, जूफा के पौधे का प्रयोग कर के पवित्र कर।
 तब तक मुझे तू धो, जब तक मैं हिम से अधिक उज्जवल न हो जाऊँ।
8 मुझे प्रसन्न बना दे। बता दे मुझे कि कैसे प्रसन्न बनूँ? मेरी वे हडिडयाँ जो तूने तोड़ी,
 फिर आनन्द से भर जायें।
9 मेरे पापों को मत देख।
 उन सबको धो डाल।

समीक्षा

मेरे पाप

दाऊद चिल्लाए, 'हे परमेश्वर, मुझ पर दया कर' (व.1). घोषणा की एक प्रार्थना के रूप में मैंने अक्सर इस भजन का इस्तेमाल किया है. दाऊद ने यह भजन लिखा जब भविष्यवक्ता नथान उसे चुनौती देने आए, जब दाऊद बेतसैबा के साथ व्यभिचार कर चुके थे (और फिर अपने आरंभिक कार्य को छिपाने के लिए बड़ा पाप उसने कर दिया था).

  1. आप किससे प्रार्थना करते हैं?

परमेश्वर की दया और क्षमा के लिए यह प्रार्थना, परमेश्वर के चरित्र के विषय में दाऊद की समझ पर आधारित है. वह प्रार्थना करते हैं, 'हे परमेश्वर, अपनी करुणा के अनुसार मुझ पर अनुग्रह कर; अपनी बड़ी दया के अनुसार मेरे अपराधों को मिटा दे' (व.1).

  1. आप क्या घोषणा करते हैं?

दाऊद अपनी बुराई (व.2), अपराध (वव.1ब, 3अ) और अपने पाप की घोषणा करते हैं. वह कहते हैं, 'देख मैं बुराई के साथ पैदा हुआ, और पाप के साथ अपनी माता के गर्भ में पड़ा' (व.5). यह प्रार्थना एक निश्चित पाप के लिए उत्तर है, लेकिन दाऊद पहचानते हैं कि यह एक गहरी परेशानी भी है. पाप एक समय का कार्य नहीं है. सारी मानवजाति में यह सबसे पहले पल से गहराई में समाया हुआ है.

परमेश्वर 'आंतरिक भाग में' और 'आंतरिक स्थान में' सच्चाई की इच्छा करते हैं (व.6). वह चाहते हैं कि आप अपने विषय में और अपने पापों के विषय में ईमानदार, खुले दिल के और परमेश्वर के साथ वास्तविक बने.

  1. आप क्या माँगते हैं?

दाऊद दया को माँगते हैं. माँगते हैं कि उनके पाप धो दिए जाएः 'अपनी लाँड्री में मेरे पापों को धो दीजिए' (व.2अ, एम.एस.जी.). शुद्धता को मांगेः 'मेरे पापों से मुझे शुद्ध कीजिए' (व.2ब). जूफा से मुझे शुद्ध करें, तो मैं पवित्र हो जाऊंगा (व.7अ). माँगे कि आपके पाप मिटा दिए जाएः 'मेरे बुरे कामों को मिटा दें' (व.1क, एम.एस.जी.), 'मेरी सभी बुराईयों को मिटा दें' (व.9ब).

  • कीजिए कि आपके पाप को पूरी तरह से हटा दिया जाए, ताकि परमेश्वर किसी भी पाप को देख नहीं पाएं: 'अपना मुख मेरे पापों की ओर से फेर ले' (व.9अ).
  1. क्या परिणाम होगा?

दाऊद कहते हैं, 'मुझे हर्ष और आनंद की बातें सुना, जिससे जो हड्डियाँ तू ने तोड़ डाली हैं, वे मगन हो जाएँ' (व.8). हर्ष, आनंद और मगन होने जैसा दूसरा कुछ नहीं है जो कि पूर्ण क्षमा को लाता है. दाऊद जानते थे कि परमेश्वर अपनी दया में, प्रेम और करुणा में क्षमा कर देंगे. क्या उसे स्पष्ट रूप से नहीं देखा, और क्या है जो केवल नया नियम पूरी तरह से प्रकट करता है, यही कि कैसे परमेश्वर ने इसे संभव बनाया.

प्रार्थना

धन्यवाद परमेश्वर क्योंकि जब मैं अपने पापों को मान लेता हूँ, तब आप मुझे शुद्ध और क्षमा करते हैं क्योंकि आपने मेरे लिए जान दी है.
नए करार

लूका 22:63-23:25

यीशु का उपहास

63 जिन व्यक्तियों ने यीशु को पकड़ रखा था वे उसका उपहास करने और उसे पीटने लगे। 64 उसकी आँखों पर पट्टी बाँध दी और उससे यह कहते हुए पूछने लगे कि, “बता वह कौन है जिसने तुझे मारा?” 65 उन्होंने उसका अपमान करने के लिये उससे और भी बहुत सी बातें कहीं।

यीशु यहूदी नेताओं के सामने

66 जब दिन हुआ तो प्रमुख याजकों और धर्मशास्त्रियों समेत लोगों के बुजुर्ग नेताओं की एक सभा हुई। फिर वे लोग उसे अपनी महासभा में ले गये। 67 उन्होंने पूछा, “हमें बता क्या तू मसीह है?”

यीशु ने उनसे कहा, “यदि मैं तुमसे कहूँ तो तुम मेरा विश्वास नहीं करोगे। 68 और यदि मैं पूछूँ तो तुम उत्तर नहीं दोगे। 69 किन्तु अब से मनुष्य का पुत्र सर्वशक्तिमान परमेश्वर की दाहिनी ओर बैठाया जायेगा।”

70 वे सब बोले, “तो क्या तू परमेश्वर का पुत्र है?” उसने कहा, “हाँ, मैं हूँ।”

71 फिर उन्होंने कहा, “अब हमें किसी और प्रमाण की आवश्यकता क्यों है? हमने स्वयं इसके अपने मुँह से यह सुन तो लिया है।”

पिलातुस द्वारा यीशु से पूछताछ

23फिर उनकी सारी पंचायत उठ खड़ी हुई और वे उसे पिलातुस के सामने ले गये। 2 वे उस पर अभियोग लगाने लगे। उन्होंने कहा, “हमने हमारे लोगों को बहकाते हुए इस व्यक्ति को पकड़ा है। यह कैसर को कर चुकाने का विरोध करता है और कहता है यह स्वयं मसीह है, एक राजा।”

3 इस पर पिलातुस ने यीशु से पूछा, “क्या तू यहूदियों का राजा है?”

यीशु ने उसे उत्तर दिया, “तू ही तो कह रहा है, मैं वही हूँ।”

4 इस पर पिलातुस ने प्रमुख याजकों और भीड़ से कहा, “मुझे इस व्यक्ति पर किसी आरोप का कोई आधार दिखाई नहीं देता।”

5 पर वे यहा कहते हुए दबाव डालते रहे, “इसने समूचे यहूदिया में लोगों को अपने उपदेशों से भड़काया है। यह इसने गलील में आरम्भ किया था और अब समूचा मार्ग पार करके यहाँ तक आ पहुँचा है।”

यीशु का हेरोदेस के पास भेजा जाना

6 पिलातुस ने यह सुनकर पूछा, “क्या यह व्यक्ति गलील का है?” 7 फिर जब उसको यह पता चला कि वह हेरोदेस के अधिकार क्षेत्र के अधीन है तो उसने उसे हेरोदेस के पास भेज दिया जो उन दिनों यरूशलेम में ही था।

8 सो हेरोदेस ने जब यीशु को देखा तो वह बहुत प्रसन्न हुआ क्योंकि बरसों से वह उसे देखना चाह रहा था। क्योंकि वह उसके विषय में सुन चुका था और उसे कोई अद्भुत कर्म करते हुए देखने की आशा रखता था। 9 उसने यीशु से अनेक प्रश्न पूछे किन्तु यीशु ने उसे कोई उत्तर नहीं दिया। 10 प्रमुख याजक और यहूदी धर्म शास्त्री वहीं खड़े थे और वे उस पर तीखे ढँग के साथ दोष लगा रहे थे। 11 हेरोदेस ने भी अपने सैनिकों समेत उसके साथ अपमानपूर्ण व्यवहार किया और उसकी हँसी उड़ाई। फिर उन्होंने उसे एक उत्तम चोगा पहना कर पिलातुस के पास वापस भेज दिया। 12 उस दिन हेरोदेस और पिलातुस एक दूसरे के मित्र बन गये। इससे पहले तो वे एक दूसरे के शत्रु थे।

यीशु को मरना होगा

13 फिर पिलातुस ने प्रमुख याजकों, यहूदी नेताओं और लोगों को एक साथ बुलाया। 14 उसने उनसे कहा, “तुम इसे लोगों को भटकाने वाले एक व्यक्ति के रूप में मेरे पास लाये हो। और मैंने यहाँ अब तुम्हारे सामने ही इसकी जाँच पड़ताल की है और तुमने इस पर जो दोष लगाये हैं उनका न तो मुझे कोई आधार मिला है और 15 न ही हेरोदेस को क्योंकि उसने इसे वापस हमारे पास भेज दिया है। जैसा कि तुम देख सकते हो इसने ऐसा कुछ नहीं किया है कि यह मौत का भागी बने। 16 इसलिये मैं इसे कोड़े मरवा कर छोड़ दूँगा।” 17

18 किन्तु वे सब एक साथ चिल्लाये, “इस आदमी को ले जाओ। हमारे लिये बरअब्बा को छोड़ दो।” 19 (बरअब्बा को शहर में मार धाड़ और हत्या करने के जुर्म में जेल में डाला हुआ था।)

20 पिलातुस यीशु को छोड़ देना चाहता था, सो उसने उन्हें फिर समझाया। 21 पर वे नारा लगाते रहे, “इसे क्रूस पर चढ़ा दो, इसे क्रूस पर चढ़ा दो।”

22 पिलातुस ने उनसे तीसरी बार पूछा, “किन्तु इस व्यक्ति ने क्या अपराध किया है? मुझे इसके विरोध में कुछ नहीं मिला है जो इसे मृत्यु दण्ड का भागी बनाये। इसलिये मैं कोड़े लगवाकर इसे छोड़ दूँगा।”

23 पर वे ऊँचे स्वर में नारे लगा लगा कर माँग कर रहे थे कि उसे क्रूस पर चढ़ा दिया जाये। और उनके नारों का कोलाहल इतना बढ़ गया कि 24 पिलातुस ने निर्णय दे दिया कि उनकी माँग मान ली जाये। 25 पिलातुस ने उस व्यक्ति को छोड़ दिया जिसे मार धाड़ और हत्या करने के जुर्म में जेल में डाला गया था (यह वही था जिसके छोड़ देने की वे माँग कर रहे थे) और यीशु को उनके हाथों में सौंप दिया कि वे जैसा चाहें, करे।

समीक्षा

यीशु का बलिदान

लूका का विवरण केवल यीशु की मृत्यु के तथ्यों को लिखना नहीं है. वह हमें इस अद्भुत सच्चाई को भी दिखाने का प्रयास करते हैं कि क्यों यीशु मरे. उस पाँच साल के लड़के की तरह नहीं, यीशु ने वास्तव में आपको और मुझे बचाने के लिए अपना जीवन दिया. लूका विकल्प के इस कार्य को समझने में हमारी सहायता करते हैं.

  1. यीशु ने आपके लिए क्या सहा?

यीशु का लोगों ने मजाक उड़ाया (22:63; 23:11), उन्हें पीटा गया (22:63), अपमान किया गया (व.65), उन पर झूठे आरोप लगाए गए (23:10), और अंत में उन्हें क्रूस पर चढ़ा दिया गया (व.23). लूका अपने विचार व्यक्त करते हैं इन डरावने शब्दों के साथ, पिलातुस ने 'यीशु को उनकी इच्छा के अनुसार सौंप दिया' (व.25).

  1. कौन उत्तरदायी था?

लूका इसे स्पष्ट करते हैं कि हर कोई उत्तरदायी है. पुरनिए, प्रधान याजक, शास्त्री (22:66), महासभा (23:1) और हेरोदेस और पिलातुस (22:66-23:25) सभी ने अपनी भूमिका निभाई. (यीशु की मृत्यु ने हेरोदेस और पिलातुस को मित्र बना दिया -'चोर के समान सघन'(व.12, एम.एस.जी.) – इसके पहले, वे शत्रु थे. दोनों का शत्रु एक हो तो दो अजनबी एक हो जाते हैं! लूका कहते हैं कि प्रधान याजक, शासक और लोग (व.13) एक ही दिमाग के थेः'एक आवाज में वे चिल्ला उठे' (व.18). हम यहूदियों या रोमियो या किसी दूसरे पर दोष नहीं लगा सकते हैं. आखिरकार, हम सभी उत्तरदायी हैं.

  1. किसने आपके स्थान में अपनी जान दी?

यह कोई निर्दोष 'तीसरा व्यक्ति' नहीं था जिसे परमेश्वर ने हमारे बदले दंड दिया. इसके बजाय, स्वयं परमेश्वर अपने पुत्र यीशु के रूप में आए और आपके लिए और मेरे लिए उन्होंने अपनी जान दी. परमेश्वर वह कर रहे थे जो पूरी तरह से अनपेक्षित था. यहूदी एक मसीहा और उद्धारकर्ता की आशा कर रहे थे, लेकिन कोई कल्पना नहीं कर पाया कि यह स्वयं परमेश्वर होंगे.

नये नियम का चर्च, पवित्र आत्मा से भरा हुआ, उसने समझ लिया है कि यीशु कौन हैं. हम यीशु की अद्वितीयता को देखते हैं, उन शीर्षकों में जिसका इस्तेमाल उन्होंने अपने लिए किया.

वह मनुष्य के पुत्र हैं. मनुष्य का पुत्र जो परमप्रधान परमेश्वर के दाहिनी ओर जा बैठेंगे (22:69) मसीहा के शीर्षक के रूप में यीशु के द्वारा यहाँ पर स्पष्ट रूप से इसका इस्तेमाल किया गया है.

वह मसीह राजा हैं (23:2) -'यहूदियों का राजा' (व.3) –मसीहा जिसके आने का लोग इंतजार कर रहे थे.

सबसे उल्लेखनीय रूप से, वह परमेश्वर का पुत्र हैः जब उन्होंने पूछा, 'तो क्या तुम परमेश्वर के पुत्र हो?' (यीशु ने) उत्तर दिया, 'तुम आप ही कहते हो क्योंकि मैं हूँ' (22:70). यह समांतर दिखता है कि यीशु वास्तव में यहाँ पर परमेश्वर का नाम इस्तेमाल कर रहे थे ('मैं हूँ') – एक सीधा दावा कि यीशु परमेश्वर हैं –शायद इसी वजह से प्राचीन उनके उत्तर को सुनकर बहुत क्रोधित हो गए थे (व.71).

  1. विकल्प क्या है?

अपराधी की जगह पर निर्दोष मरता है. यीशु निर्दोष हैं; हम अपराधी हैं.

यहाँ तक कि पिलातुस ने, जिसने उस पर मृत्यु दंड की आज्ञा सुनाई, और कहा, 'मैं इस मनुष्य में कोई दोष नहीं पाता' (23:4). फिर वह कहते हैं, ' मैं ने तुम्हारे सामने उसकी जाँच की, पर जिन बातों का तुम उस पर दोष लगाते हो उन बातों के विषय में मैं ने उसमें कुछ भी दोष नहीं पाया है... उससे ऐसा कुछ नहीं हुआ कि वह मृत्यु के दण्ड के योग्य ठहराया जाए' (वव.14-15). तीसरी बार वह कहते हैं, ' 'क्यों, उसने कौन सी बुराई की है? मैंने उसमें मृत्यु के दण्ड के योग्य कोई बात नहीं पाई.' (व.22). लूका इसे स्पष्ट करते हैं कि यीशु ने अपनी जान दी क्योंकि वह परमेश्वर के निर्दोष पुत्र थे (22:70-71).

दूसरी ओर, बरअब्बा हमारी तरह अपराधी था. उसके मामले में, बरअब्बा बलवे और हत्या के कारण दोषी ठहराया गया था (23:19,25). लूका विकल्प का संकेत देते हैः'इसका (यीशु) काम तमाम कर, और हमारे लिये बरअब्बा को छोड़ दे!' (व.18). ' उसने उस मनुष्य को जो बलवे और हत्या के कारण बन्दीगृह में डाला गया था, और जिसे वे माँगते थे, छोड़ दिया; और यीशु को उनकी इच्छा के अनुसार सौंप दिया' (व.25).

प्रार्थना

प्रभु यीशु मसीह, कैसे मैं आपको धन्यवाद दूं क्योंकि आप, परमेश्वर के पुत्र ने मेरे बदले में अपनी जान दी – अपराधी के बदले निर्दोष ने.
जूना करार

यहोशू 8:1-9:15

ऐ नष्ट हुआ

8तब यहोवा ने यहोशू से कहा, “डरो नहीं। साहस न छोड़ो अपने सभी सैनिकों को ऐ ले जाओ। मैं ऐ के राजा को हराने में तुम्हारी सहायता करूँगा। मैं उसकी प्रजा को, उसके नगर को और उसकी धरती को तुम्हें दे रहा हूँ। 2 तुम ऐ और उसके राजा के साथ वही करोगे, जो तुमने यरीहो और उसके राजा के साथ किया। केवल इस बार तुम नगर की सारी सम्पत्ति और पशु—धन लोगे और अपने पास रखोगे। फिर तुम अपने लोगों के साथ उसका बँटवारा करोगे। अब तुम अपने कुछ सैनिकों को नगर के पीछे छिपने का आदेश दो।”

3 इसलिए यहोशू अपनी पूरी सेना को ऐ की ओर ले गया। तब यहोशू ने अपने सर्वोत्तम तीस हजार सैनिक चुने। उसने इन्हें रात को बाहर भेज दिया। 4 यहोशू ने उनको यह आदेश दिया: “मैं जो कह रहा हूँ, उसे सावधानी से सुनो। तुम्हें नगर के पीछे के क्षेत्र में छिपे रहना चाहिए। आक्रमण के समय की प्रतीक्षा करो। नगर से बहुत दूर न जाओ। सावधानी से देखते रहो और तैयार रहो। 5 मैं सैनिकों को अपने साथ नगर की ओर आक्रमण के लिये ले जाऊँगा। हम लोगों के विरुद्ध लड़ने के लिये नगर के लोग बाहर आएंगे। हम लोग मुड़ेंगे और पहले की तरह भाग खड़े होंगे। 6 वे लोग नगर से दूर तक हमारा पीछा करेंगे। वे लोग यह सोचेंगे कि हम लोग उनसे पहले की तरह भाग रहे हैं। इसलिए हम लोग भागेंगे वे तब तक हमारा पीछा करते रहेंगे, जब तक हम उन्हें नगर से बहुत दूर न ले जायेंगे। 7 तब तुम अपने छिपने के स्थान से आओगे और नगर पर अधिकार कर लोगे। तुम्हारा परमेश्वर यहोवा तुम्हें जीतने की शक्ति देगा।

8 “तुम्हें वही करना चाहिए, जो यहोवा कहता है। मुझ पर दृष्टि रखो। मैं तुम्हें आक्रमण का आदेश दूँगा। तुम जब नगर पर अधिकार कर लो तब उसे जला दो।”

9 तब यहोशू ने उन सैनिकों को उनके छिपने की जगहों पर भेज दिया और प्रतीक्षा करने लगा। वे बेतेल और ऐ के बीच की एक जगह गए। यह जगह ऐ के पश्चिम में थी। यहोशू अपने लोगों के साथ रात भर वहीं रुका रहा।

10 अगले सवेरे यहोशू ने सभी को इकट्ठा किया। तब यहोशू और इस्राएल के प्रमुख सैनिको को ऐ ले गए। 11 यहोशू के सभी सैनिकों ने ऐ पर आक्रमण किया। वे नगर द्वार के सामने रुके। सेना ने अपना डेरा नगर के उत्तर में डाला। सेना और ऐ के बीच में एक घाटी थी।

12 यहोशू ने लगभग पाँच हजार सैनिकों को चुना। यहोशू ने इन्हें नगर के पश्चिम में छिपने के लिये उस जगह भेजा, जो बेतेल और ऐ के बीच में थी। 13 इस प्रकार यहोशू ने सैनिकों को युद्ध के लिये तैयार किया था। मुख्य डेरा नगर के उत्तर में था। दूसरे सैनिक पश्चिम में छिपे थे। उस रात यहोशू घाटी में उतरा।

14 बाद में, ऐ के राजा ने इस्राएल की सेना को देखा। राजा और उसके लोग उठे और जल्दी से इस्राएल की सेना से लड़ने के लिये आगे बढ़े। ऐ का राजा नगर के पूर्व यरदन घाटी की ओर बाहर गया। इसीलिए वह यह न जान सका कि नगर के पीछे सैनिक छिपे थे।

15 यहोशू और इस्राएल के सभी सैनिकों ने ऐ की सेना द्वारा अपने को पीछे धकेलने दिया। यहोशू और उसके सैनिकों ने पूर्व में मरुभूमि की ओर दौड़ना आरम्भ किया। 16 नगर के लोगों ने शोर मचाना आरम्भ किया और उन्होंने यहोशू और उसके सैनिकों का पीछा करना आरम्भ किया। सभी लोगों ने नगर छोड़ दिया। 17 ऐ और बेतेल के सभी लोगों ने इस्राएल की सेना का पीछा किया। नगर खुला छोड़ दिया गया, कोई भी नगर की रक्षा के लिए नहीं रहा।

18 यहोवा ने यहोशू से कहा, “अपने भाले को ऐ नगर की ओर किये रहो। मैं यह नगर तुमको दूँगा।” इसलिए यहोशु ने अपने भाले को ऐ नगर की ओर किया। 19 इस्राएल के छिपे सैनिकों ने इसे देखा। वे शीघ्रता से अपने छिपने के स्थानों से निकले और नगर की ओर तेजी से चल पड़े। वे नगर में घुस गए और उस पर अधिकार कर लिया। तब सैनिकों ने नगर को जलाने के लये आग लगानी आरम्भ की।

20 ऐ के लोगों ने मुड़कर देखा और अपने नगर को जलता पाया। उन्होंने धुआँ आकाश में उठते देखा। इसलिए उन्होंने अपना बल और साहस खो दिया। उन्होंने इस्राएल के लोगों का पीछा करन छोड़ा। इस्राएल के लोगों ने भागना बन्द किया। वे मुड़े और ऐ के लोगों से लड़ने चल पड़े। ऐ के लोगों के लिये भागने की कोई सुरक्षित जगह न थी। 21 यहोशू और उसके सैनिको ने देखा कि उसकी सेना ने नगर पर अधिकार कर लिया है। उन्होंने नगर से धुआँ उठते देखा। इस समय ही उन्होंने भागना बन्द किया। वे मुड़े औ ऐ के सैनिकों से युद्ध करने के लिये दौड़ पड़े। 22 तब वे सैनिक जो छिपे थे, युद्ध में सहायता के लिये नगर से बाहर निकल आए। ऐ के सैनिकों के दोनों ओर इस्राएल के सैनिक थे, ऐ के सैनिक जाल में फँस गए थे। इस्राएल ने उन्हें पराजित किया। वे तब कर लड़ते रहे जब तक ऐ का कोई भी पुरुष जीवित न रहा, उनमें से कोई भाग न सका। 23 किन्तु ऐ का राजा जीवित छोड़ दिया गया। यहोशू के सैनिक उसे उसके पास लाए।

युद्ध का विवरण

24 युद्ध के समय, इस्राएल की सेना ने ऐ के सैनिकों को मैदानों और मरुभूमि में धकेल दिया और इस प्रकार इस्राएल की सेना ने ऐ से सभी सैनिकों को मारने का काम मैदानों और मरुभूमि में पूरा किया। तब इस्राएल के सभी सैनिक ऐ को लौटे। तब उन्होंने उन लोगों को जो नगर में जीवित थे, मार डाला। 25 उस दिन ऐ के सभी लोग मारे गए। वहाँ बारह हजार स्त्री पुरुष थे। 26 यहोशू ने अपने भाले को, ऐ की ओर अपने लोगों को नगर नष्ट करने का संकेत को बनाये रखा और यहोशू ने संकेत देना तब तक नहीं बन्द किया जब तक नगर के सभी लोग नष्ट नहीं हो गए। 27 इस्राएल के लोगों ने जानवरों और नगर की चीज़ों को अपने पास रखा। यह वही बात थी जिसे करने को यहोवा ने यहोशू को आदेश देते समय, कहा था।

28 तब यहोशू ने ऐ नगर को जला दिया। वह नगर सूनी चट्टानों का ढेर बन गया। यह आज भी वैसा ही है। 29 यहोशू ने ऐ के राजा को एक पेड़ पर फाँसी देकर लटका दिया। उसने उसे शाम तक पेड़ पर लटके रहने दिया। सूरज ढले यहोशू ने राजा के शव को पेड़ से उतारने की आज्ञा दी। उन्होंने उसके शरीर को नगर द्वार पर फेंक दिया और उसके शरीर को कई शिलाओं से ढक दिया। शिलाओं का वह ढेर आज तक वहाँ है।

आशीर्वादों तथा अभिशापों का पढ़ा जाना

30 तब यहोशू ने इस्राएल के परमेश्वर यहोवा के लिए एक वेदी बनाई। उसने यह वेदी एबाल पर्वत पर बनायी। 31 यहोवा के सेवक मूसा ने इस्राएल के लोगों को बताया था कि वेदियाँ कैसे बनाई जायें। इसलिए याहोशू ने वेदी को वैसे ही बनाया जैसा मूसा के व्यवस्था की किताब में समझाया गया था। वेदी बिना कटे पत्थरों से बनी थी। उन पत्थरों पर कभी किसी औजार का उपयोग नहीं हुआ था। उन्होंने उस वेदी पर यहोवा को होमबलि और मेलबलि चढ़ाई।

32 उस स्थान पर यहोशू ने मूसा के नियमों को पत्थरों पर लिखा। उसने यह इस्राएल के सभी लोगों के देखने के लिये किया। 33 अग्रज (नेता), अधिकारी, न्यायाधीश और इस्राएल के सभी लोग पवित्र सन्दूक के चारों ओर खड़े थे। वे उन लेवीवंशी याजकों के सामने खड़े थे, जो यहोवा के साक्षीपत्र के पवित्र सन्दूक को ले चलते थे। इस्राएली और गैर इस्राएली सभी लोग वहाँ खड़े थे। आधे लोग एबाल पर्वत के सामने खड़े थे और अन्य आधे लोग गिरिज्जीम पर्वत के सामने खड़े थे। यहोवा के सेवक मूसा ने उनसे ऐसा करने को कहा था। मूसा ने उनसे ऐसा करने को इस आशीर्वाद के लिए कहा था।

34 तब यहोशू ने व्यवस्था के सब वचनों को पढ़ा। यहोशू ने आशीर्वाद और अभिशाप पढ़े। उसने सभी कुछ उस तरह पढ़ा, जिस तरह वह व्यवस्था की किताब में लिखा था। 35 इस्राएल के सभी लोग वहाँ इकट्ठे थे। सभी स्त्रियाँ, बच्चे और इस्राएल के लोगों के साथ रहने वाले सभी विदेशी वहाँ इकट्ठे थे और यहोशू ने मूसा द्वारा दिये गये हर एक आदेश को पढ़ा।

गिबोनियों द्वारा यहोशू को छला जाना

9यरदन नदी के पश्चिम के हर एक राजा ने इन घटनाओं के विषय में सुना। ये हित्ती, एमोरी, कनानी, परिज्जी, हिव्वी, यबूसी लोगों के राजा थे। वे पहाड़ी प्रदेशों और मैदानों में रहते थे। वे लबानोन तक भूमध्य सागर के तटों के साथ भी रहते थे। 2 वे सभी राजा इकट्ठे हुए। उन्होंने यहोशू और इस्राएल के लोगों के साथ युद्ध की योजना बनाई।

3 गिबोन के लोगों ने उस ढंग के बारे में सुना, जिससे यहोशू ने यरीहो और ऐ को हराया था। 4 इसलिये उन्होने इस्राएल के लोगों को धोखा देने का निश्चय किया। उनकी योजना यह थीः उन्होंने दाखमधु के उन चमड़े के पुराने पीपों को अपने जानवरों पर लादा। उन्होंने अपने जानवरों के ऊपर पुरानी बोरियाँ डालीं, जिससे वे ऐसे दिखाई पड़ें मानों वे बहुत दूर की यात्रा करके आये हों। 5 लोगों ने पुराने जूते पहन लिये। उन पुरुषों ने पुराने वस्त्र पहन लिये। पुरुषों ने कुछ बासी, सूखी, खराब रोटियाँ भी ले लीं। इस तरह वे पुरूष ऐसे लगते थे मानों उन्होंने बहुत दूर के देश से यात्रा की हो। 6 तब ये पुरुष इस्राएल के लोगों के डेरों के पास गए। यह डेरा गिलगाल के पास था।

वे पुरुष यहोशू के पास गए और उन्होंने उससे कहा, “हम लोग एक बहुत दूर के देश से आए हैं। हम लोग तुम्हारे साथ शान्ति की सन्धि करना चाहते हैं।”

7 इस्राएल के लोगों ने इन हिव्वी लोगों से कहा, “संभव है तुम लोग हमें धोखा दे रहे हो। संभव है तुम हमारे करीब के ही रहने वाले हो। हम तब तक शान्ति की सन्धि नहीं कर सकते जब तक हम यह नहीं जान लेते कि तुम कहाँ से आए हो।”

8 हिव्वी लोगों ने यहोशू से कहा, “हम आपके सेवक हैं।”

किन्तु यहोशू ने पूछा, “तुम कौन हो? तुम कहाँ से आए हो?”

9 पुरुषों ने उत्तर दिया, “हम आपके सेवक हैं। हम एक बहुत दूर के देश से आए हैं। हम इसलिए आए कि हमने तुम्हारे परमेश्वर यहोवा की महान शक्ति के विषय में सुना है। हम लोगों ने वह भी सुना है, जो उसने किया है। हम लोगों ने वह सब कुछ सुना है, जो उसने मिस्र में किया। 10 और हम लोगों ने यह भी सुना कि उसने यरदन नदी के पूर्व दो एमोरी लोगों के राजाओं को हराया। हेश्बोन के राजा सीहोन और अशतारोत के देश में बाशान के राजा ओग थे। 11 इसलिए हमारे अग्रज (नेताओं) और हमारे लोगों ने हमसे कहा, ‘अपनी यात्रा के लिये काफी भोजन ले लो। जाओ और इस्राएल के लोगों से बातें करो। उनसे कहो, हम आपके सेवक हैं। हम लोगों के साथ शान्ति की सन्धि करो।’”

12 “हमारी रोटियाँ देखो! जब हम लोगों ने घर छोड़ा तब ये गरम और ताजी थीं। किन्तु अब आप देखते हैं कि ये सूखी और पुरानी हैं। 13 हम लोगों के मशकों को देखो! जब हम लोगों ने घर छोड़ा तो ये नयी और दाखमधु से भरी थीं। आप देख सकते हैं कि ये फटी और पुरानी हैं। हमारे कपड़ों और चप्पलों को देखो! आप देख सकते है कि लम्बी यात्रा ने हमारी चीज़ों को खराब कर दिया है।”

14 इस्राएल के लोग जानना चाहते थे कि ये व्यक्ति क्या सच बोल रहे हैं। इसलिए उन्होंने रोटियों को चखा, किन्तु उन्होंने यहोवा से नहीं पूछा कि उन्हें क्या करना चाहिये। 15 यहोशू उनके साथ शान्ति—सन्धि करने के लिये तैयार हो गया। वह उनको जीवित छोड़ने को तैयार हो गया। इस्राएल के प्रमुखों ने यहोशू के वचन का समर्थन कर दिया।

समीक्षा

परमेश्वर की सार्वभौमिकता

परमेश्वर के पास आपके जीवन के लिए एक उद्देश्य है. वह ब्रह्मांड को नियंत्रित रखते हैं. वह उन बुरी चीजों को ले सकते हैं जो आपने की हैं या आपके साथ किसी ने की हैं और उन्हें आपकी भलाई में बदल सकते हैं (रोमियो 8:28).

इस लेखांश में, हम इसका एक उदाहरण देखते हैं. परमेश्वर के लोग एक शहर को जीतने में असफल हो गए थे (यहोशू 7:4). अब परमेश्वर उनकी पिछली असफलताओं का इस्तेमाल विजय की योजना के भाग के रूप में करते हैं (8:6-7). कभी कभी परमेश्वर आपके पिछले पापों और गलतियों को आपकी भलाई के लिए इस्तेमाल करते हैं (यद्पि यह उन्हें दोहराने का एक बहाना नहीं है, जैसा कि इस्राएल ने किया था परमेश्वर से गिबोनियों के विषय में नही पूछने के द्वारा, 9:14).

निश्चित ही, परमेश्वर ने मानवता की पापमयता और असफलताओं को बदल दिया जिसकी वजह से यीशु के क्रूस पर चढ़ाये जाने से हमेशा के लिए महान विजय प्राप्त हुई थी. क्रूस एक गलती नहीं था. यह परमेश्वर के सार्वभौमिक उद्देश्य का एक भाग था, ताकि हमारी क्षमा और शुद्धीकरण, धोए जाने और हमारे पापों को छिपाना संभव बनाया जा सके, हमारे लिए क्रूस पर यीशु की मृत्यु के द्वारा. परमेश्वर, प्रेमी परमेश्वर हैं:'इसी से हम जानते हैं कि प्रेम क्या हैःयीशु मसीह ने हमारे लिए अपनी जान दी' (1यूहन्ना 3:16).

प्रार्थना

परमेश्वर आपका धन्यवाद, क्योंकि सारी वस्तुओं में आप उनके लिए भलाई को उत्पन्न करते हैं जो आपसे प्रेम करते हैं. आपका धन्यवाद क्योंकि आप बुरी चीजों का इस्तेमाल करके उन्हें अच्छी बना सकते हैं. आपके अद्भुत प्रेम के लिए आपका धन्यवाद जो यीशु मसीह में मुझ पर प्रकट हैं, जिसने मेरे लिए अपनी जान दी और मेरे विकल्प के रूप में मेरे स्थान में अपनी जान दी.

पिप्पा भी कहते है

भजनसंहिता 51:1-9

यह भजन एक महान भजन है यदि हम किसी चीज के बारे में बुरा महसूस कर रहे हैं. कोई स्वयं-निर्दोष ठहराया जाना नहीं है. हमें अपने जीवन में परेशानी के लिए उत्तरदायित्व को लेने की आवश्यकता है, बिना किसी बहाने के, और परमेश्वर को इसे साफ करने दें. यह जानना भी बहुत शांति देता है कि दाऊद, जिसने बुरी तरह से पाप किया था, उसे क्षमा दी गई और उसका वर्णन 'परमेश्वर के हृदय के पीछे के मनुष्य' के रूप में किया गया (1शमुएल 13:14; प्रेरितों के काम 13:22).

दिन का वचन

यहोशू – 8:1

"तब यहोवा ने यहोशू से कहा, मत डर, और तेरा मन कच्चा न हो; कमर बान्धकर सब योद्धाओं को साथ ले, और ऐ पर चढ़ाई कर; सुन, मैं ने ऐ के राजा को उसकी प्रजा और उसके नगर और देश समेत तेरे वश में किया है।"

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संदर्भ

नोट्स:

2012 के लिए नोट्स

डेविड वाईल्स, स्टोरिस फ्रॉम द एज से उदाहरण लिया गया.

जहाँ पर कुछ बताया न गया हो, उन वचनों को पवित्र बाइबल, न्यू इंटरनैशनल संस्करण एन्ग्लिसाइड से लिया गया है, कॉपीराइट © 1979, 1984, 2011 बिबलिका, पहले इंटरनैशनल बाइबल सोसाइटी, हूडर और स्टोगन पब्लिशर की अनुमति से प्रयोग किया गया, एक हॅचेट यूके कंपनी सभी अधिकार सुरक्षित। ‘एनआईवी’, बिबलिका यू के का पंजीकृत ट्रेडमार्क संख्या 1448790 है।

जिन वचनों को (एएमपी, AMP) से चिन्हित किया गया है उन्हें एम्प्लीफाइड® बाइबल से लिया गया है. कॉपीराइट © 1954, 1958, 1962, 1964, 1965, 1987 लॉकमैन फाउंडेशन द्वारा प्राप्त अनुमति से उपयोग किया गया है। (www.Lockman.org)

जिन वचनों को (एमएसजी MSG) से चिन्हित किया गया है उन्हें मैसेज से लिया गया है। कॉपीराइट © 1993, 1994, 1995, 1996, 2000, 2001, 2002. जिनका प्रयोग एनएवीप्रेस पब्लिशिंग ग्रुप की अनुमति से किया गया है।

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